नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब 2 महीनों से हजारों की संख्या में किसान सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद आज दिल्ली-हरियाणा सीमा पर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं. ग्रामीणों का एक समूह प्रदर्शनकारी किसानों से जगह खाली कराने की मांग को लेकर भिड़ गया. इस बीच भीड़ को पत्थर, लाठियों, तलवारों से लैस देखा गया.
#WATCH | Delhi: Group of people claiming to be locals gather at Singhu border (Delhi-Haryana border) demanding that the area be vacated. pic.twitter.com/AHGBc2AuXO
— ANI (@ANI) January 29, 2021
सिंघु सीमा पर स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत अभी भी जारी है. आस-पास के गांवों के होने का दावा करते हुए पुरुषों के एक समूह ने दो माह से प्रदर्शन कर रहे किसानों को वहां से हटाने की कोशिश की और उनके टेंट को क्षतिग्रस्त कर दिया. जिसके बाद दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई और पथराव हुआ. जल्द ही कुछ लोगों को तलवारों और लाठियों से लैस भी देखा गया, और जैसे ही पुलिस बचाव में आई, कई घायल हो गए.
पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्के लाठीचार्ज का सहारा लिया, अलीपुर थाने के एसएचओ प्रदीप कुमार हिंसा में एक तेज धार वाली वस्तु से घायल हो गए. दोपहर करीब 2.30 बजे स्थिति नियंत्रण में आई। इस दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया गया. इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि भारी पुलिस और अर्धसैनिक उपस्थिति के बावजूद मुट्ठी भर लोग प्रदर्शन स्थल के पास आ गए, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई.
वहीं गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) में हुई हिंसा मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच (Crime Branch) और FSL की टीम गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पहुंच चुकी है. जहां कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन चल रहा है.