निजी इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं दे रहे शिक्षकों को वेतन

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उत्तर प्रदेश: डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से संबद्घ इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के निजी कॉलेजों की ओर से मनमानी जारी है। शिक्षा की गुणवत्ता के नाम पर बदनाम अधिकांश कॉलेजों में शिक्षकों को समय से वेतन तक नहीं मिल रहा है। वहीं जिलों में स्थित ये हो गयी है कि केमेस्ट्री के शिक्षको वेतन 17 हजार तय किया जाता है और पांच माह से वेतन तक नहीं दिया जाता है। ऐसी स्थिति में कॉलेजों में इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के छात्र क्या सीखेंगे और क्या पढ़ेंगे इसका अंदाजा शिक्षकों के साथ हो रही मनमानी से ही लगाया जा सकता है। एकेटीयू में करीब एक दर्जन से अधिक निजी कॉलेजों की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। कॉलेजों को प्रबंधनों को तलब भी किया गया लेकिन कोई सुधार नहीं हो सका। आये दिन परेशान होकर शिक्षक एकेटीयू अधिकारियों के सामने वेतन दिलाये जाने के लिए गुहार लगा रहे हैं। हालांकि इस बारे में एकेटीयू के कुलपति का कहना है कि संबद्घ कॉलेजों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए अच्छे शिक्षकों को नियुक्ति मिले। लेकिन कुलपति की मंशा पर पानी फेर रहे इन कॉलेजों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए कोई तैयार नहीं है। हालांकि कॉलेजों की मनमानी को लेकर एकेटीयू की ओर से शनिवार को बैठक आयोजित की जा रही है जिसमें मजबूत कार्रवाई का निर्णय हो सकता है।

मानक न होने पर मिली थी संबद्घता-बॉक्स

एकेटीयू से संबद्घ कई ऐसे भी टेक्निकल और मैनेजमेंट कॉलेज संचालित हैं  जिनके मानक नहीं भी पूरे थे उनको भी संबद्घता मिल गयी थी। कभी एकेटीयू में राज कार चुके पूर्व कुलसचिव यूएस तोमर के राज में संबद्घता जिन कॉलेजों को मिली उनके यहां न पढ़ाई की गुणवत्ता सुधरी न ही योग्य शिक्षक नियुक्त हुए। यही कारण है कि साल दर साल कॉलेजों से छात्रों की सख्ंया भी घटती चली गयी और शिक्षकों का वेतन फंस गया, कई ऐसे कॉलेज भी रहे जिनमें ताला लग गया है।

Private engineering colleges are not paying salaries to teachers 1 news4social -

वर्जन

जो कॉलेज शिक्षको का वेतन समय से नहीं दे रहे हैं, और अपने यहां योग्य शिक्षक नहीं रख रहे हैं, उन पर कार्रवाई के लिए शनिवार को विश्वविद्यालय में बैठक होगी। बैठक में तय किया जायेगा ऐसे कॉलेजों पर क्या एक्शन लिया जाये। शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता है।