चुनावी तैयारियां अपने चरम स्तर पर, लेकिन पहले जैसे नहीं मिल रहा है लोगों को रोजगार

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नई दिल्ली: जल्दी ही पांच राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले है. इसको लेकर तैयारियां भी काफी जोर-शोर से देखी जा रहीं है. इस दौरान नेताओं और उम्मीदवारों की रैलियां, भाषण और सभाओं का सिलसिला भी काफी तेजी से तुल पकड़ता दिखाई दे रहा है. ऐसे चुनावी वातावरण में एक बात शायद ही आपको याद हो की यह चुनावी माहौल कुछ लोगों के लिए एक समय पर रोजी-रोटी का भी जरिया रहा है.

काफी बड़े स्तर पर मिलता था रोजगार

एक समय था जब चुनावों के दौरान बैनर और पोस्टर जगह-जगह देखने को मिला करते थे. चुनाव के वक्त बड़े पैमाने पर बैनर, पोस्टर, होर्डिंग और बैज का काम होता था. गली और मोहल्लों की दीवारें पोस्टरों और बैनर से लबालब रहती थी. इन पोस्टर, बैनर, बैज के निर्माण में बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार प्राप्त होता था. उन दिनों लोगों को इसका इतना काम मिलता था कि वह काम लेने से इंकार तक कर देते थे. लेकिन अब वो दौर खत्म हो गया है.

बदल चुका है पहले जैसा माहौल

चुनाव आयोग के निर्देश के बाद से अब ऐसे बैनर और पोस्टर सीमित संख्या में पाए जाते है. लिहाजा इससे जुड़े रोजगार में भी काफी हद तक कमी आई है. चुनाव आयोग के मुताबिक, निजी संपत्ति पर बिना अनुमति के बैनर और पोस्टर नहीं लगाए जाएंगे. इस फैसले के बाद से ही बैनर, पोस्टर, बैज बनाने वालों के पास पहले जैसा काम नहीं रहा. इन लोगों को काफी नुकसान तक हुआ है. चुनाव आयोग का फैसला चाहे जैसा भी रहा हो, इससे वो पुराना माहौल अब नजर नहीं आता जो कभी चुनाव की पहचान हुआ करता था.