पटना-गया नेशनल हाइवे मामला: HC का केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश- जमीन अधिग्रहण के मुद्दे का जल्दी करें समाधान

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पटना-गया नेशनल हाइवे मामला: HC का केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश- जमीन अधिग्रहण के मुद्दे का जल्दी करें समाधान

पटना-गया नेशनल हाइवे मामला: HC का केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश- जमीन अधिग्रहण के मुद्दे का जल्दी करें समाधान

पटना
पटना-गया-डोभी रोड (NH-83) को जोड़ने के लिए 2.8 किमी लंबी सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण पर पेंच फंसा हुआ है। जमीन की कीमत में बढ़ोतरी के चलते भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और राज्य सरकार के बीच ये विवाद का विषय बन गया है। दरअसल, पिछले कुछ साल में कीमत 176 करोड़ रुपये से लगभग 580 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। अब इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दोनों पक्षों को फटकार लगाते हुए जमीन अधिग्रहण के मुद्दे को जल्द सुलझाने का निर्देश दिया है।

जानिए कोर्ट ने मामले में क्या कहा
चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ, जो राज्य में सभी नेशनल हाइवे परियोजनाओं की निगरानी कर रही है, ने राज्य के मुख्य सचिव को इस मुद्दे को हल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने प्रदेश के चीफ सेकेट्री से सभी स्टेकहोल्डर्स की बैठक बुलाने और केंद्र-राज्य सरकार के बीच बढ़ी कीमत को सुलझाने के बारे में विचार करने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने मुख्य सचिव को इस बैठक के बाद इस मुद्दे को हल करने के लिए किए गए उठाए गए कदम की जानकारी को लेकर एक जवाबी हलफनामा पेश करने के लिए दो हफ्ते का समय भी दिया है।

कोर्ट ने दो हफ्ते में जवाबी हलफनामा पेश करने के लिए कहा
कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि भूमि अधिग्रहण के लिए एनएचएआई की ओर से जो राशि दी गई उसे जिला न्यायाधीश या जिला मजिस्ट्रेट के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाए। दरअसल, NHAI ने अधिग्रहण की जाने वाली जमीन की अतिरिक्त लागत का भुगतान करने से इनकार कर दिया है। उनकी ओर से कहा गया कि उन्होंने 2012-13 में ही भूमि अधिग्रहण को लेकर (CALA) बैंक खाते में 176 करोड़ रुपये जमा कर दिए थे और अधिग्रहण के लिए भूमि को अधिसूचित किया था। हालांकि, राज्य सरकार जमीन का अधिग्रहण नहीं कर सकी और इसके बजाय सर्किल रेट बढ़ा दिया। अब किसान नए सर्किल रेट के अनुसार जमीन की कीमत की मांग कर रहे।

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आखिर जमीन अधिग्रहण को लेकर कहां फंसा है पेंच
ये जमीन सरिस्ताबाद से नाथूपुर गांव तक है, जहां से पटना-गया-डोभी रोड शुरू होता है। यह खंड पहले पटना-कोइलवर-भोजपुर-बक्सर एनएच परियोजना का हिस्सा था और इसे पटना-गया-डोभी एनएच-83 के लिए एक कॉमन लिंक रोड के रूप में भी डेवलप करने की योजना बनाई गई थी।

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मामले में NHAI और राज्य सरकार का क्या है कहना
एनएचएआई की ओर से वरिष्ठ वकील एसडी संजय ने अंशय बहादुर माथुर के साथ हाईकोर्ट के सामने कहा कि प्रदेश सरकार को अतिरिक्त लागत का खर्च उठाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने भूमि का अधिग्रहण समय पर नहीं किया गया। जिसके परिणामस्वरूप अब इसकी कीमत बढ़ गई थी। राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कहा कि यह केंद्रीय एजेंसी थी जिसने अधिग्रहण प्रक्रिया को छोड़ दिया और राज्य भूमि की बढ़ी हुई कीमत का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं था।

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