पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान मे फिर से आतंकी हमला हुआ हैं। इस हमले मे अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है। आपको बताते चलते है कि पाकिस्तान मे इन दिनो प्रधानमंत्री के चुनाव हो रहे है। बलूचिस्तान पाकिस्तान का एक ऐसा अशांत इलाका है जो काफी वक्त से पाकिस्तान से आज़ादी माँग रहा है। बलूची लोग अक्सर कहते है कि बलूचिस्तान मे आतंकी हमला पाकिस्तान की फ़ौज और खुफ़िया ऐजेंसी आईएसआई करवाती है ताकि बलूचियों की आवाज़ को दबाया जा सके।
बलूचिस्तान है पाकिस्तान का सबसे गरीब राज्य
वैसे तो बलूचिस्तान मे काफी ज़्याद खनिज चीजे पाई जाती है। गैस से लेकर कई तरह के मिनरल, फिर भी बलूचिस्तान पाकिस्तान के बाके सूबों में से बहुत पिछड़ा हुआ है। वहाँ के लोगों का मानना है कि पाकिस्तान ने 1947 मे धोखे से बलूचिस्तान को अपने साथ मिला लिया था। तब से पाकिस्तान लगातार बलूची लोगों का शोषण कर रहा है। इसी वजह से वहाँ पर आए दिन आतंकी घटनाएँ होती रहती है।
पाकिस्तान मे हो रहे है चुनाव
इन दिनों पाकिस्तान में आम चुनाव हो रहे है। इसी बीच बलूचिस्तान मे आतंकी हमला होना इन चुनावों के नतीजों पर प्रभाव डाल सकता है। जिसमें इमरान ख़ान की “तहरीक-ए-पाकिस्तान”, नवाज शरीफ़ की “पाकिस्तान मुस्लिम लीग” और आसिफ़ अली जरदारी की “पीपीपी” पार्टीयों की आपस मे टक्कर है। इन आम चुनाव मे आंतकी हाफ़िज सईद भी चुनाव लड़ रहा है। जानकार बताते है कि इन आम चुनाव में इमरान ख़ान की “तहरीक-ए-पाकिस्तान” की जीतने का संभावना है। ख़बरे ये भी आ रही है कि पाकिस्तान के इन आम चुनावों मे बलूचिस्तान के लोगों की कोई भी पार्टी बात नहीं कर रही है। बलूचि लोगों का लंबे समय से कहना है कि बलूचिस्तान मे पाकिस्तान को अपनी फ़ौजों को हटाना चाहिए और बलूचिस्तान को विकास के रास्ते पर ले जाना चाहिए।
चुनाव नतीज़ों पर होगा इस आंतकी हमले का असर
बलूचिस्तान मे आतंकी हमला करके आंतकी चुनाव नतीजों को प्रभावित करना चाहते है। दुसरी तरफ़ बहुत से लोग और संगठन नवाज शरीफ़ और उनकी बेटी के खिलाफ़ चल रहे मुकदमों को लेकर नराज़ भी है। काफ़ी संख्या मे आतंकी घुट पाकिस्ता के अंदर अभी भी सक्रिय है और चुनाव मे अपनी महत्तवता दिखाने के लिए वे ऐसे आतंकी हमला कर सकते है।