Pakistan Economic Crisis: सिर्फ बिजली ही नहीं कटी है, इस मामले में भी टांय-टांय फिस्स हो गया है पाकिस्तान, मचा है गजब कोहराम
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 4.56 अरब डॉलर रह गया है जो इसका नौ साल का न्यूनतम स्तर है। इससे केवल तीन हफ्ते का ही आयात हो सकता है। पाकिस्तान ज्यादातर सामान का आयात करता है। यही वजह कि उसे जल्दी मदद नहीं मिली लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए पाकिस्तान का राजकोषीय घाटा 43 फीसदी पहुंच गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में जरूरी चीजों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। खासकर आटे की कीमत आम लोगों की जेब से बाहर हो गई है। बाढ़ के कारण देश में गेहूं की फसल बर्बाद हो गई थी। साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध ने स्थिति को बदतर कर दिया।
भारत के साथ सीमा खोलने की अपील
डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत 229 के स्तर पर पहुंच गई है। देश में डॉलर की भारी कमी हो गई है और ब्लैक मार्केट में यह 290 रुपये का मिल रहा है। एक्सपोर्ट और रेमिटेंस कम होने से पाकिस्तानी रूपये की कीमत में गिरावट आई है। जुलाई-दिसंबर छमाही के दौरान देश के चालू खाते का घाटे 60 फीसदी कमी आई है। इसकी वजह यह है कि देश का आयात बुरी तरह गिरा है। इस बीच इटली की एलएनजी ट्रेडिंग ईएनआई ने कहा है कि वह पाकिस्तान का अगला कार्गो ने दे पाएगी। इससे पाकिस्तान में गैस का संकट आ सकता है।
पाकिस्तानी सरकार देश को इस स्थिति से निकालने के लिए आईएमएफ से 24वीं बार कर्ज लेने की कोशिश में लगा है। लेकिन आईएमएफ ने इसके लिए जो शर्त लगाई है, उसे मानना पाकिस्तान के लिए भारी पड़ सकता है। आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार से पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी करने को कहा है। हालांकि यूएई ने संकट की इस घड़ी में पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का अतिरिक्त लोन दिया है। पाकिस्तान के सबसे अमीर आदमी मिया पाशा ने अपनी सरकार से अड़ियल रवैया छोड़ने और भारत के साथ सीमाएं खोलने की अपील की है।