26/11 के मुंबई हमले जैसे हमले को दोबारा रोकने के लिए कितनी तैयार हैं हमारी समुद्री सीमाएं?

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मुंबई में हुए आतंकी हमले के जख्म 10 साल बाद अभी भी ताजा हैं। भारत की तरफ से हुई एक छोटी सी चूक ने समुद्री सीमा की सुरक्षा में आतंकियों को घुसने का मौका दिया। हालांकि इस हमले के बाद सुरक्षा मजबूत की गई है।

कुछ प्रमुख बातें :- 

समुद्री सीमा में हुई छोटी सी चूक, जब उजागर हुई तब सरकार ने मजबूती के लिए कई प्रयास किए हैं | सुरक्षा के लिए आधुनिकीकरण की योजना बनाई गई है, पर सरकार द्वारा फंड ही नहीं मिल रहा |
26/11/2008 में लश्कर के आतंकियों द्वारा एक नाव पर कब्जा कर मुंबई में घुस आये और हमले को अंजाम दिया|  मोदी सरकार ने 2014 में राष्ट्रीय समुद्री प्राधिकरण को आधुनिकीकरण का वादा किया था, जो अबतक पूरा नहीं किया गया|

10 साल पहले 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले :-

10 साल पहले आज के दिन ही मुंबई पर हुए आतंकी हमले हुआ था | जिससे हमारी समुद्री सीमाएं में एक बड़ी चूक को उजागर किया था। इसके बाद आज देखें तो हमारी समुद्री सीमाएं को मजबूत बनाने के काम हुए हैं। इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित किया गया है।

कैसी है हमारी समुद्री सीमा की सुरक्षा और क्या हैं चुनौतियां आइए जानते हैं :-

हमारे समुद्र तटों पर सुरक्षा को तीन अस्तर पे व्यवस्थित है। यह व्यवस्था हमारे देश के नेवी, कोस्ट गार्ड और समुद्र तटीय की मरीन पुलिस से मिलकर बनती है।नेवी 200 समुद्री मील के बाद की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाती है | कोस्ट गार्ड 12 से 200 समुद्री मील और, प्रदेशों की मरीन पुलिस तटों से 12 समुद्री मील तक की सीमा को गार्ड करती है |

जानें 26/11 के बाद क्या बदला 

मुंबई 26/11 के हमले से दो दशक पहले ही कोस्टल सिक्यॉरिटी स्कीम बनाई गई थी, लेकिन इसे हमले के बाद लॉन्च किया गया। इस स्कीम के तहत कोस्टल पुलिस स्टेशन बनाए गए, साथ साथ कोस्टलाइन पर अतिरिक्त रेडार स्टेशन बनाए गए। अभी सुरक्षा बेड़े में 200 बोट, जहाजों को शामिल करने की योजना है। इसके लिए 60 जेटी भी बनाई जानी हैं।

इस वजह से कोस्टल सिक्यॉरिटी के आधुनिकीकरण की योजनाएं समय से पीछे चल रही हैं :-

कोस्ट गार्ड के योजना के तहत 15 सालों (2017 से 2032) के लिए 2 लाख करोड़ के आधुनिकीकरण की योजनाएं बनाई गई हैं। 2023 तक कोस्ट गार्ड के लिए 190 जहाज और 100 एयरक्राफ्ट खरीदने की योजना है, लेकिन पिछले कुछ सालों में डिफेंस बजट में सालाना आधुनिकीकरण के लिए काफी कम पैसा बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में कोस्ट गार्ड को जरूरी फंड नहीं मिलता दिख रहा। जिस वजह से कोस्टल सिक्यॉरिटी के आधुनिकीकरण की योजनाएं समय से पीछे चल रही हैं।