Opinion: बत्तख जैसा मुंह, मुर्गे जैसी टांग… कमीडियंस के भद्दे मजाक पर है विल स्मिथ का वो थप्पड़ h3>
दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म अवॉर्ड ऑस्कर्स (Oscars 2022) के मंच पर इस बार कुछ ऐसा हो गया, जिसकी किसी ने दूर-दूर तक कल्पना नहीं की थी। समारोह में बेस्ट ऐक्टर का अवॉर्ड जीतने वाले लोकप्रिय अभिनेता विल स्मिथ (Will Smith) को शो के होस्ट क्रिस रॉक (Chris Rock) का एक मजाक इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने क्रिस को भरे मंच पर तमाचा रसीद कर दिया। यह देख सारी दुनिया दंग रह गई। आप आप सोच रहे होंगे कि आखिर क्रिस रॉक ने ऐसा क्या मजाक कर दिया कि विल स्मिथ इस तरह आपा खो बैठे। दरअसल, क्रिस ने स्मिथ की पत्नी जेडा पिंकेट स्मिथ के गंजेपन का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वह ‘जीआई जेन 2’ में उन्हें देखने के लिए बेताब हैं। ‘जीआई जेन’ 1997 की हॉलिवुड फिल्म है, जिसमें ऐक्ट्रेस डेमी मूर ने अपने किरदार के लिए बाल मुंडवा लिए थे। जबकि, जेडा पिंकेट असल में एलोपेशिया एरियाटा नामक बीमारी से जूझ रही हैं, जिसमें बाल झड़ने लगते हैं। जेडा ने कुछ महीने पहले ही अपनी इस बीमारी के बारे में सोशल मीडिया पर बताया था। ऐसे में, क्रिस ने कहीं न कही मजाक के नाम पर जेडा की दुखती रग पर हाथ रख दिया, जो विल से बर्दाश्त नहीं हुआ। उन्होंने कहा भी कि वह अपनी पत्नी जेडा की बीमारी पर किए मजाक को नहीं सह पाए और भावनाओं में बहकर ऐसा कर बैठे।
क्या क्रिस को अपनी हद का पता नहीं था?
बेशक, विल स्मिथ का क्रिस को थप्पड़ मारना किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता। हर तरफ इसकी खूब आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर तो उन्हें गिरफ्तार करने तक की मांग उठ गई। एकेडमी ने भी उनके रवैये की निंदा करते हुए कार्रवाई करने की बात कही। कहा तो यहां तक जा रहा है कि एकेडमी विल से उनका बेस्ट ऐक्टर का अवॉर्ड तक वापस ले सकती है। यही नहीं, खुद विल स्मिथ ने अपनी गलती स्वीकारी और पहले स्टेज पर और फिर सोशल मीडिया पर अपने रवैये को अक्षम्य और अस्वीकार्य बताते हुए माफी मांगी। लेकिन क्या इस मामले में क्रिस रॉक की जरा भी जवाबदेही नहीं बनती है? क्या किसी की बीमारी का मजाक उड़ाना, उस पर ठहाके लगाना वाजिब है? क्या हंसी-मजाक की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए?
मजाक में दूसरे को अपमानित करना कहां तक जायज?
यह कोई पहली बार नहीं है जब कॉमिडी के नाम पर लोगों को भरी महफिल में अपमानित किया गया हो। विदेश हो या अपना देश, हंसी-मजाक के नाम पर अक्सर लोगों को नीचा दिखाया जाता है। उनके दुख, कमियों, रंग-रूप, कद-काठी, असफलता आदि का मजाक बनाया जाता है। ये मजाक कई बार सेक्सिस्ट, रेसिस्ट, आपत्तिजनक और असंवेदनशील तक होते हैं, जिसे जोक के तौर पर लेकर हंसने की उम्मीद की जाती है। आप खुद सोचिए, किसी महिला के बाल अगर कैंसर या किसी बीमारी से झड़ जाए, वह किस मानसिक तकलीफ से गुजर रही होगी। उस पर आप उसके गंजेपन का पूरी दुनिया के सामने चुटकुला बनाए, क्या यह कहीं से हंसी का विषय हो सकता है? लेकिन ये ज्यादातर लोगों की बेसिक इंस्टिंक्ट होती है, दूसरे की कमियों, कमजोरियों, तकलीफों में मजा लेना। कभी गौर कीजिएगा, आपके आस-पास कोई चलते-चलते फिसलकर गिर जाए, आपकी हंसी निकल जाएगी। उसे उठाने पर ध्यान बाद में जाएगा। किसी मोटे या बौने इंसान को तो मजाक का विषय ही समझा जाता है, पर जरा सोचिए, कोई कितनी काली या काला है, मोटी या मोटा है, छोटी या बौना है, ये मजाक का विषय क्यों होना चाहिए? क्या ऐसे जोक्स बनाकर और उस पर हंसकर हम रंगभेद और बॉडी शेमिंग को ही बढ़ावा नहीं दे रहे हैं?
आशुतोष से लेकर तनिष्ठा तक ने जताया विरोध
विल स्मिथ से पहले भारत में भी कई कलाकार इस तरह की आपत्तिजनक कॉमिडी पर विरोध दर्ज कर चुके हैं। कई साल पहले निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने साजिद खान और फराह खान को एक अवॉर्ड समारोह में ही ऐक्टर्स का मखौल उड़ाने पर खूब खरी-खोटी सुनाई थी। वहीं, कमीडियन कृष्णा अभिषेक के शो कॉमिडी नाइट्स बचाओ के जोक्स पर तो कई ऐक्टर्स नाराज हो चुके हैं। मसलन, ऐक्ट्रेस तनिष्ठा चटर्जी जब शो में अपनी फिल्म का प्रचार करने पहुंचीं, तो बार-बार उनकी सांवली रंगत का मजाक उड़ाया गया, जिसके विरोध में वह बीच शो से उठकर चली गईं। अक्षय कुमार ने भी कमीडियन सिद्धार्थ को एक रेसिस्ट कॉमेंट करने पर तमाचा मारा था।
कपिल शर्मा शो के चुटकुलों पर भी आपत्ति जता चुके हैं लोग
इसके अलावा, कमीडियन कपिल शर्मा (Kapil Sharma) के शो में के कई चुटकुलों पर भी लोग ऐतराज जता चुके हैं। कपिल अपने शो में सुमोना के बड़े होठों, कीकू शारदा (Kiku Sharda) के वजन, चंदन (Chandan Prabhakar) के लुक्स (गरीब कहकर) आदि पर लगभग हर एपिसोड में भद्दे कॉमेंट करते हैं। वहीं, लड़कियों पर सेक्सिस्ट कॉमेंट करने से भी बाज नहीं आते। भले ही ये जोक्स लोगों के हंसने के लिए है, लेकिन वक्त आ गया है कि कॉमिडी राइटर्स ये सोचे कि किसी का लुक, मोटा, पतला, छोटा होना मजाक का सबब नहीं बनाया जाना चाहिए। आपके किसी बड़े होठ वाली लड़की को बत्तख जैसे मुंह वाली या पतली टांगों वाले को मुर्गे की टांग कहने पर दूसरे जरूर हंसें, लेकिन उसे बुरा ही लगेगा, दुख ही होगा। आप यह कहकर नहीं बच सकते कि अरे, हमने तो मजाक में कहा था। हमारा किसी को चोट पहुंचाने का इरादा नहीं था। इसलिए, जैसा अजय देवगन कहते हैं, ‘बेशक हम सबके पास सेंस ऑफ ह्यूमर होता है। हमें खुद पर जोक लेना भी आना चाहिए, लेकिन जोक करने वालों को भी अपनी हद पता होनी चाहिए। उसे भी अपनी सोच बदलने की जरूरत है।’
बेशक, विल स्मिथ का क्रिस को थप्पड़ मारना किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता। हर तरफ इसकी खूब आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर तो उन्हें गिरफ्तार करने तक की मांग उठ गई। एकेडमी ने भी उनके रवैये की निंदा करते हुए कार्रवाई करने की बात कही। कहा तो यहां तक जा रहा है कि एकेडमी विल से उनका बेस्ट ऐक्टर का अवॉर्ड तक वापस ले सकती है। यही नहीं, खुद विल स्मिथ ने अपनी गलती स्वीकारी और पहले स्टेज पर और फिर सोशल मीडिया पर अपने रवैये को अक्षम्य और अस्वीकार्य बताते हुए माफी मांगी। लेकिन क्या इस मामले में क्रिस रॉक की जरा भी जवाबदेही नहीं बनती है? क्या किसी की बीमारी का मजाक उड़ाना, उस पर ठहाके लगाना वाजिब है? क्या हंसी-मजाक की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए?
मजाक में दूसरे को अपमानित करना कहां तक जायज?
यह कोई पहली बार नहीं है जब कॉमिडी के नाम पर लोगों को भरी महफिल में अपमानित किया गया हो। विदेश हो या अपना देश, हंसी-मजाक के नाम पर अक्सर लोगों को नीचा दिखाया जाता है। उनके दुख, कमियों, रंग-रूप, कद-काठी, असफलता आदि का मजाक बनाया जाता है। ये मजाक कई बार सेक्सिस्ट, रेसिस्ट, आपत्तिजनक और असंवेदनशील तक होते हैं, जिसे जोक के तौर पर लेकर हंसने की उम्मीद की जाती है। आप खुद सोचिए, किसी महिला के बाल अगर कैंसर या किसी बीमारी से झड़ जाए, वह किस मानसिक तकलीफ से गुजर रही होगी। उस पर आप उसके गंजेपन का पूरी दुनिया के सामने चुटकुला बनाए, क्या यह कहीं से हंसी का विषय हो सकता है? लेकिन ये ज्यादातर लोगों की बेसिक इंस्टिंक्ट होती है, दूसरे की कमियों, कमजोरियों, तकलीफों में मजा लेना। कभी गौर कीजिएगा, आपके आस-पास कोई चलते-चलते फिसलकर गिर जाए, आपकी हंसी निकल जाएगी। उसे उठाने पर ध्यान बाद में जाएगा। किसी मोटे या बौने इंसान को तो मजाक का विषय ही समझा जाता है, पर जरा सोचिए, कोई कितनी काली या काला है, मोटी या मोटा है, छोटी या बौना है, ये मजाक का विषय क्यों होना चाहिए? क्या ऐसे जोक्स बनाकर और उस पर हंसकर हम रंगभेद और बॉडी शेमिंग को ही बढ़ावा नहीं दे रहे हैं?
आशुतोष से लेकर तनिष्ठा तक ने जताया विरोध
विल स्मिथ से पहले भारत में भी कई कलाकार इस तरह की आपत्तिजनक कॉमिडी पर विरोध दर्ज कर चुके हैं। कई साल पहले निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने साजिद खान और फराह खान को एक अवॉर्ड समारोह में ही ऐक्टर्स का मखौल उड़ाने पर खूब खरी-खोटी सुनाई थी। वहीं, कमीडियन कृष्णा अभिषेक के शो कॉमिडी नाइट्स बचाओ के जोक्स पर तो कई ऐक्टर्स नाराज हो चुके हैं। मसलन, ऐक्ट्रेस तनिष्ठा चटर्जी जब शो में अपनी फिल्म का प्रचार करने पहुंचीं, तो बार-बार उनकी सांवली रंगत का मजाक उड़ाया गया, जिसके विरोध में वह बीच शो से उठकर चली गईं। अक्षय कुमार ने भी कमीडियन सिद्धार्थ को एक रेसिस्ट कॉमेंट करने पर तमाचा मारा था।
कपिल शर्मा शो के चुटकुलों पर भी आपत्ति जता चुके हैं लोग
इसके अलावा, कमीडियन कपिल शर्मा (Kapil Sharma) के शो में के कई चुटकुलों पर भी लोग ऐतराज जता चुके हैं। कपिल अपने शो में सुमोना के बड़े होठों, कीकू शारदा (Kiku Sharda) के वजन, चंदन (Chandan Prabhakar) के लुक्स (गरीब कहकर) आदि पर लगभग हर एपिसोड में भद्दे कॉमेंट करते हैं। वहीं, लड़कियों पर सेक्सिस्ट कॉमेंट करने से भी बाज नहीं आते। भले ही ये जोक्स लोगों के हंसने के लिए है, लेकिन वक्त आ गया है कि कॉमिडी राइटर्स ये सोचे कि किसी का लुक, मोटा, पतला, छोटा होना मजाक का सबब नहीं बनाया जाना चाहिए। आपके किसी बड़े होठ वाली लड़की को बत्तख जैसे मुंह वाली या पतली टांगों वाले को मुर्गे की टांग कहने पर दूसरे जरूर हंसें, लेकिन उसे बुरा ही लगेगा, दुख ही होगा। आप यह कहकर नहीं बच सकते कि अरे, हमने तो मजाक में कहा था। हमारा किसी को चोट पहुंचाने का इरादा नहीं था। इसलिए, जैसा अजय देवगन कहते हैं, ‘बेशक हम सबके पास सेंस ऑफ ह्यूमर होता है। हमें खुद पर जोक लेना भी आना चाहिए, लेकिन जोक करने वालों को भी अपनी हद पता होनी चाहिए। उसे भी अपनी सोच बदलने की जरूरत है।’