जी हाँ, रेलवे हादसें रूकने के नाम ही नहीं ले रहे है। एक के एक बाद रेल हादसों से रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे। रेल हादसों की वजह से लोगों ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु की भी जमकर क्लास लगाई है। रेल हादसों से जुड़ा हुआ एक और मामला सामने आया है।
खबर के मुताबिक, आजमगढ़ से दिल्ली आ रही 12225 कैफियत एक्सप्रेस औरैया के पास फाटक पर एक डंपर से टकरा गई, जिसकी वजह से ट्रेन के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए। आपको बता दें कि उत्तरी-मध्य रेलवे के प्रवक्ता के मुताबिक घटना में 21 लोगों के घायल होने की खबर है। यह घटना बीती रात 2.50 बजे घटित हुई है। साथ ही प्रमुख सचिव अरविंद कुमार का कहना है कि 74 यात्रियों को हल्की चोटें आई हैं, जिसमें से 4 यात्रियों के घायल होने की खबर है। दो यात्रियों को इटावा और 2 को सैफई रैफर किया गया है। घायलों में से दो यात्री बुरी तरह से घायल हुए हैं।
आपको यह भी बता दें कि राहत और बचाव कार्य पूरा हो चुका है। साथ ही सभी यात्रियों को ट्रेन से सुरक्षित निकालकर नजदीकी स्टेशन ले जा गया, जहां से उन्हें अगली ट्रेन में रवाना किया जाएगा। उत्तरी-मध्य रेलवे के सीपीआरओ विजय कुमार के मुताबिक दुर्घटना में घायल 14 लोगों को औरैया सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रेल मंत्री प्रभु ने किया ट्वीट-
आपको बता दें कि घटना के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट करके बताया कि कैफियत एक्सप्रेस के इंजन से एक डम्पर टकरा गया, जिसकी वजह से ट्रेन के कोच पटरी से उतर गए। कुछ यात्रियों को चोट आई है और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। साथ ही मंत्री ने यह भी कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर हालात और राहत कार्यों पर नजर बनाए हुए हूं। मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया है।
Some passengers have received Injuries and have been shifted to nearby hospitals.I am personally monitoring situation,rescue operations 2/
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 23, 2017
जानियें, रेलवे ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
FD: 05278-222603
SHG: 9794839010
लखनऊ: 9794830975
लखनऊ: 0522-2237677
आजमगढ़: 9794843929
आपको याद दिला दें कि शनिवार को पुरी से हरिद्वार जाने वाली उत्कल-एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर के पास हादसे का शिकरा हो गई थी। घटना के बाद विपक्ष ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु पर हमला करते हुए लापरवाही का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग की थी। इस दुर्घटना में 22 लोग मारे गए थे। लेकिन यहाँ एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि आखिर क्यों नहीं थम रहे है रेल हादसें, लापरवाही का हवाला देकर दामन क्यों छुड़ाया जाता है।