बच्चा चोरी के शक में बूढ़ी महिला बनी भीड़ हिंसा की शिकार

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bachaa chori
बच्चा चोरी के शक में बूढ़ी महिला बनी भीड़ हिंसा की शिकार

देश में मॉब लिंचिंग का कहर रूकने का नाम नहीं ले रही है. आए दिन किसी न किसी अफवाह के चलते किसी न किसी निर्दोष की जान चली जाती है. खाासकर, बच्चा चोरी के शक में समाज के ठेकेदार लोग अपना गुस्सा बेगुनाहों पर निकाल देते है. चाहें वो फिर निर्दोष हो या नही, मॉब लिंचिंग के कारण उसकी जान चली जाती है.

जिसमें बच्चा चोरी का आरोप लगाकर भीड़ कानून को अपने हाथ में लेते है और खुद ही इंसाफ कर देते है. ऐसा ही एक मामला बिहार से सामने आया है. जहां पर बच्चा चोरी की अफवाह पर भीड द्वारा पिटाई के दो नए मामले सामने आए है. यह दोनों ही मामले समस्तीपुर जिले के है. सोमवार को दो अलग-अलग जगहों पर बच्चा चोरी की अफवाह पर भीड़ ने एक बुजुर्ग महिला और पुरूष की जमकर पिटाई कर दी.

बता दें कि एक बुजुर्ग महिला की गोद में बच्चा देखकर भीड़ ने चोर-चोर कर शोर मचा दिया. जिसके बाद महिला की पिटाई करना शुरू कर दिया. किसी तरह से इस मामले की सूचना जब पुलिस को मिली तो एसपी ने तुंरत ही पुलिस बल भेजकर महिला की जान बचाई.

बच्चा चोरी की अफवाहों को लेकर समस्तीपुर एसपी विकास वर्मन ने निर्देश जारी किया है कि सभी जगहों पर सीओ और थाना प्रभारी, मॉइकिंग, बैनर, पोस्टर के माध्यम से लोगों को इस बात की सूचना देगें कि बच्चा चोरी होनी की खबर पूरी तरह अफवाह हैं. कहीं से भी कोई बच्चा चोरी नहीं हुआ है और न ही किसी बच्चे की किडनी निकाली गई है. एसपी ने साथ ही यह भी कहा कि इस तरह की अफवाह फैलाने वालों और किसी निर्दोष की पिटाई वालों पर कड़ी कर्रवाई की जाएगी.

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वहीं दूसरी घटना विघापतिनगर थाना क्षेत्र के मऊ गांव की है. जहां पर एक बुजुर्ग शख्स को मॉब लिंचिंग से बचाया गया था. केवल बिहार और उत्तरप्रदेश ही नहीं देश के कई जगहों पर कई बेकसूर लोग इस घटना का शिकार हो रहें है. अब सभी के लिए एक अहम सवाल यह उठता है कि आखिर कौन और क्यों ऐसी अफवाहों को फैला रहा है? जिसके कारण इस खोखल समाज के ठेकेदार अफवाहों के आधार पर कानून को अपने हाथ में लेकर बेगूनाह लोगों की उसकी जान ले लेते है.