Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन से कम कुछ भी मंजूर नहीं… यूपी में केंद्र और राज्य के कर्मचारियों का हल्ला बोल
पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली संयुक्त मंच के बैनर तले राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद परिषद के अध्यक्ष इं. हरि किशोर तिवारी और ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के जोनल सेक्रेटरी एसयू शाहा, डिवीजनल सेक्रेटरी आरके पांडेय समेत अन्य ने कहा कि कोई भी सरकार कर्मचारियों की मांगों को अनसुना नहीं कर सकती। बताया कि पेंशन के लिए सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है। पेंशन भीख नहीं बल्कि हमारा हक है और इसे लेकर रहेंगे।
हरि किशोर तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली का आंदोलन अब बड़ा रूप लेने लगा है। कई राज्यों का चुनावी मुद्दा तक बन चुका है। हिमाचल प्रदेश का चुनाव ताजा उदाहरण है। लोकसभा के चुनाव में पुरानी पेंशन ही मुख्य मुद्दा होगी। साथ ही कहा कि बिजलीकर्मियों के आंदोलन से मनोबल बढ़ा है। उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद कर्मचारियों के प्रदर्शन का पूरे प्रदेश में असर देखने को मिला है। आंदोलन से सरकार बैकफुट पर आई थी। अब पुरानी पेंशन के मुद्दे पर भी सरकार को बैकफुट पर आना ही होगा। कर्मचारी बड़ी संख्या में राजनीतिक पर प्रभाव डालते हैं। लाखों की संख्या में कर्मचारी और उनके परिवारीजन पुरानी पेंशन के मुद्दे पर मतदान करेंगे।
प्रदर्शन में विभूति मिश्रा, शत्रुघ्न यादव, प्रेम कुमार सिंह, जीएन सिंह, इं. दिवाकर राय, विकास यादव, विक्रम शाह, संतोष मिश्रा, बृजेश यादव, संजय वर्मा, एसबी सिंह, प्रमोद कुमार, शिवबरन सिंह यादव, अमिता त्रिपाठी, फहीम अख्तर, अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव, सुभाष चन्द्र तिवारी, अमरजीत मिश्रा, अशोक कुमार सिंह, राधारमन मिश्रा, धर्मेन्द्र सिंह, मुकेश जोशी समेत कई कर्मचारी नेता शामिल रहे।
इन विभागों के कर्मचारी हुए शामिल
मंडी परिषद, प्रदूषण नियंत्रण, रोडवेज, सेतु निगम, लेखपाल संघ, अमीन संघ, अनुसेवक संघ, ग्राम विकास अधिकारी संघ, ग्राम पंचायत अधिकारी संघ, परिवहन कर्मचारी संघ, श्रम विभाग कर्मचारी संघ, कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय, रिमोट सेंसिंग, स्पोर्ट्स कॉलेज, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, चकबंदी लेखपाल, चकबंदीकर्ता संघ, सूचना विभाग, सिंचाई, अर्थ एवं संख्या, मातृ शिशु कल्याण, डिप्लोमा इंजीनियर्स, कृषि विपणन।
मानसून सत्र तक आंदोलन, फिर बड़ा निर्णय
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि दिल्ली में संयुक्त मंच की बैठक में जुलाई-अगस्त में होने वाले मानसून सत्र तक का कार्यक्रम जारी किया गया है। इसके तहत 10 से 20 फरवरी तक न्यू पेंशन स्कीम के खिलाफ राष्ट्रपति को ऑनलाइन याचिकाएं भेजी गईं। इसके बाद 21 फरवरी को शाखास्तर पर रेलकर्मियों ने रैलियां निकालीं। 21 मार्च को जिलास्तरीय रैली के बाद 21 अप्रैल को संयुक्त मोर्चा की स्टेयरिंग समिति की बैठक और यूनिट कार्यालयों पर गेट मीटिंग होगी। इसके बाद 21 मई को पूरे देश में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। जून में सभी राज्यों की राजधानियों में रैलियां होंगी। फिर जुलाई-अगस्त में मानसून सत्र के दौरान दिल्ली में महारैली होगी। मानसून सत्र में पुरानी पेंशन बहाल नहीं होने पर सितंबर में बैठक कर आंदोलन के बड़े स्वरूप का निर्णय लिया जाएगा।