UP पुलिस का कैसा खेल रेप पीड़िता को ही पुहंचा दिया जेल

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ऐसा शायद ही कभी सुना या देखा होगा की जब एक बलात्कारी और बलात्कार की पीड़ित लड़की एक ही जेल में बंद हों. शाहजहांपुर की ज़िला कारागार ने यूपी पुलिस की बदौलत ये कारनामा कर दिखाया है. देश के पूर्व गृहराज्यमंत्री चिन्मयानंद को जिस लड़की के साथ रेप के इलज़ाम में गिरफ्तार कर जेल की हवा खानी पर रही अब उसी लड़की को यूपी पुलिस ने उठा कर जेल में डाल दिया है।

दोषी स्वामी चिन्मयानंदके कई साथी उन्हें को जेल से निकलवाने की जद्दोजहत कर रहे है, इतना कुछ होने के बाद स्वामी चिन्मयानंद भी उनका दबदबा जारी है। अगर वीडियो द्वारा स्वामी चिन्मयानंदके की करतूत के बारे में नहीं पता चलता तो बलात्कार की शिकार पीड़ित लड़की को जान से मार देते या मरवा देते। अब तो पीड़ित लड़की को ही जेल में ड़ालकर किसे न्याय दिलानी की कोशिश की जा रही है ।

कानून की नज़रो में जिसके साथ गुन्हा हुआ है वो भी दोषी है..उससे भी जेल में बंद करके कड़ी सजा दी जा रही है यह कहा का इन्साफ है, बेशक उस लड़की के दोस्त ने वीडियो की आर में पैसे एठने की क़ोशिश की स्वामी चिन्मयानंदके को ब्लैकमेल करने की कोशिश की लेकिन क्या उसका गुन्हा स्वामी चिन्मयानंदके से बड़ा था। सज़ा बनती है तो मिलनी भी चाहिए. क्योंकि कानून सब के लिए बराबर है. मगर इसकी आड़ में खेल तो कुछ और ही चल रहा है।

जिनका कानून की धाराओं के साथ रोज़ का उठना बैठना है. वो एसआईटी के इस कदम को एक लम्हे में भांप गए. खुद उस मज़लूम बेटी के पिता को भी समझ में आ रहा है कि जो एसआईटी कई दर्जन मसाज और रेप के वीडियो होने के बाद भी हफ्तों तक इस संस्कारी स्वामी के खिलाफ एक अदद एफआईआर दर्ज नहीं कर पा रही थी. जिस एसआईटी ने कोर्ट से इस संगीन मामले में कड़ियों को जोड़ने के लिए स्वामी जी की पुलिस रिमांड तक नहीं मांगी. जिस एसआईटी ने मज़लूम लड़की के कमरे को सील करने के बाद सबूत के गायब होने का इंताज़ार किया. अब वही एसआईटी इस कदर मुस्तैद हो गई है कि पीड़िता को ही जेल भेज दिया ।