Navratri 2022: हर दिन डेढ़ लाख श्रद्धालु कर रहे हैं मैहर वाली माता के दर्शन | navratri 2022 maihar maa sharda temple darshan | Patrika News h3>
एसडीएम धर्मेंद्र मिश्रा ने बताया कि सोमवार को पहले दिन रात 8 बजे तक डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए थे और लंबी कतार लगी हुई है। सुबह माता की पूजा और आरती के बाद दर्शनार्थियों के लिए मंदिर में प्रवेश दिया गया। देश के कोने-कोने से आने वाले भक्तों के जत्थे मंदिर की तरफ बढ़ते रहे। मैहर से गुजरने और आने वाली सभी यात्री ट्रेनों व बसों से माता के भक्त पहुंच रहे हैं।
एसडीएम ने बताया कि जिले और प्रदेश के बाहर विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान प्रशासन द्वारा पूरी तरह से रखा जा रहा है। बताया गया कि रविवार रात से ही मां शारदा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लगी रही। नवरात्र में भक्तों की भीड़ को देखते हुए पूरे मैहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जिला ही नहीं, बल्कि आसपास के दूसरे जिलों से भी बड़ी तादाद में पुलिस बल बुलाया गया है। पूरी सुरक्षा व्यवस्था को खुद एडिशनल एसपी सुरेंद्र कुमार जैन मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
श्रंगार के बाद होती है मेले की शुरुआत
नवरात्र पर सबसे पहले माता रानी का शृंगार किया गया। फिर पुजारी पवन महाराज ने महाआरती की। इसके बाद शुरू हुआ दर्शन का सिलसिला देर शाम तक चला। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री के पूजन-अर्चन की मान्यता है। वह नौ देवियों में सबसे प्रथम हैं। भक्त उनसे सुख-शांति की कामना करते हैं। देवी शैलपुत्री मां दुर्गा का ही स्वरूप है, जिन्हें शांत और प्रिय देवी के रूप में पूजा जाता है।
शक्ति की भक्ति का महापर्व शुरू, पंडालों में विराजीं मां दुर्गा
शक्ति की भक्ति का महापर्व शारदेय नवरात्र सोमवार से शुरू हो गया। मां के भक्त मंदिरों में दर्शन के लिए सुबह से ही पहुंचे लगे। यह सिलसिला देरशाम तक चला। वहीं शहर में बनाए विभिन्न पंडालों में मां दुर्गा की मूर्ति शुभ मुहूर्त में स्थापित कराई गई। मां दुर्गा की आराधना को लेकर मैहर शारदा माता मंदिर, भरजुना माता मंदिर, खेरमाई माता मंदिरों की विशेष सजावट और खास व्यवस्था की गई है। पूरा शहर रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठा है। पूजा पंडालों में भारी भीड़ जुटने के मद्देनजर भी विशेष प्रबंध किए गए हैं।
भव्य पंडाल बने आकर्षण का केंद्र
भव्य पंडालों में आकर्षक रूप में मां की प्रतिमा सजाकर स्थापित की गई है। पंडाल में शुद्धीकरण के बाद माता रानी के मुख मंडल से पर्दा हटाया गया। श्रद्धालु सुबह से भीड़ लगाए हुए थे। दर्शन होते ही भक्तों ने अगरबत्ती जलाकर माता से अपने दुखों को हरने की प्रार्थना किया। शहर के अलग-अलग स्थानों में बने माता के भव्य पंडाल लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। शहर में तीन सैकड़ा से अधिक पंडालों में सार्वजनिक तौर पर माता की पूजा-अर्चना शुरू हो चुकी है।
दिव्यांगों को गोद में उठाकर दर्शन कराया
मेले के पहले दिन अपनों से बिछड़े एक दर्जन लोगों को पुलिसकर्मियों ने तलाश कर परिजनों से मिलाया। मंदिर क्षेत्र में तीन-चार सांप निकले, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का महौल बना रहा। पुलिसकर्मी दिव्यांग दर्शनार्थियों को गोद में उठाकर दर्शन कराते देखे गए।
एसडीएम धर्मेंद्र मिश्रा ने बताया कि सोमवार को पहले दिन रात 8 बजे तक डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए थे और लंबी कतार लगी हुई है। सुबह माता की पूजा और आरती के बाद दर्शनार्थियों के लिए मंदिर में प्रवेश दिया गया। देश के कोने-कोने से आने वाले भक्तों के जत्थे मंदिर की तरफ बढ़ते रहे। मैहर से गुजरने और आने वाली सभी यात्री ट्रेनों व बसों से माता के भक्त पहुंच रहे हैं।
एसडीएम ने बताया कि जिले और प्रदेश के बाहर विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान प्रशासन द्वारा पूरी तरह से रखा जा रहा है। बताया गया कि रविवार रात से ही मां शारदा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लगी रही। नवरात्र में भक्तों की भीड़ को देखते हुए पूरे मैहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जिला ही नहीं, बल्कि आसपास के दूसरे जिलों से भी बड़ी तादाद में पुलिस बल बुलाया गया है। पूरी सुरक्षा व्यवस्था को खुद एडिशनल एसपी सुरेंद्र कुमार जैन मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
श्रंगार के बाद होती है मेले की शुरुआत
नवरात्र पर सबसे पहले माता रानी का शृंगार किया गया। फिर पुजारी पवन महाराज ने महाआरती की। इसके बाद शुरू हुआ दर्शन का सिलसिला देर शाम तक चला। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री के पूजन-अर्चन की मान्यता है। वह नौ देवियों में सबसे प्रथम हैं। भक्त उनसे सुख-शांति की कामना करते हैं। देवी शैलपुत्री मां दुर्गा का ही स्वरूप है, जिन्हें शांत और प्रिय देवी के रूप में पूजा जाता है।
शक्ति की भक्ति का महापर्व शुरू, पंडालों में विराजीं मां दुर्गा
शक्ति की भक्ति का महापर्व शारदेय नवरात्र सोमवार से शुरू हो गया। मां के भक्त मंदिरों में दर्शन के लिए सुबह से ही पहुंचे लगे। यह सिलसिला देरशाम तक चला। वहीं शहर में बनाए विभिन्न पंडालों में मां दुर्गा की मूर्ति शुभ मुहूर्त में स्थापित कराई गई। मां दुर्गा की आराधना को लेकर मैहर शारदा माता मंदिर, भरजुना माता मंदिर, खेरमाई माता मंदिरों की विशेष सजावट और खास व्यवस्था की गई है। पूरा शहर रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठा है। पूजा पंडालों में भारी भीड़ जुटने के मद्देनजर भी विशेष प्रबंध किए गए हैं।
भव्य पंडाल बने आकर्षण का केंद्र
भव्य पंडालों में आकर्षक रूप में मां की प्रतिमा सजाकर स्थापित की गई है। पंडाल में शुद्धीकरण के बाद माता रानी के मुख मंडल से पर्दा हटाया गया। श्रद्धालु सुबह से भीड़ लगाए हुए थे। दर्शन होते ही भक्तों ने अगरबत्ती जलाकर माता से अपने दुखों को हरने की प्रार्थना किया। शहर के अलग-अलग स्थानों में बने माता के भव्य पंडाल लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। शहर में तीन सैकड़ा से अधिक पंडालों में सार्वजनिक तौर पर माता की पूजा-अर्चना शुरू हो चुकी है।
दिव्यांगों को गोद में उठाकर दर्शन कराया
मेले के पहले दिन अपनों से बिछड़े एक दर्जन लोगों को पुलिसकर्मियों ने तलाश कर परिजनों से मिलाया। मंदिर क्षेत्र में तीन-चार सांप निकले, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का महौल बना रहा। पुलिसकर्मी दिव्यांग दर्शनार्थियों को गोद में उठाकर दर्शन कराते देखे गए।