विधानसभा चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई और लड़ाई की तय होगी दिशा, लखनऊ में SP का दो दिवसीय अधिवेशन आज से

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विधानसभा चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई और लड़ाई की तय होगी दिशा, लखनऊ में SP का दो दिवसीय अधिवेशन आज से

विधानसभा चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई और लड़ाई की तय होगी दिशा, लखनऊ में SP का दो दिवसीय अधिवेशन आज से

लखनऊ: दो अहम चुनावों में हार और इस दौरान कसौटी पर कसे गए कई सियासी प्रयोगों के बाद बुधवार और गुरुवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के निचले पायदान से लेकर शीर्ष स्तर तक के चेहरे एक साथ बैठेंगे। पांच साल बाद हो रहे पार्टी के राज्य व राष्ट्रीय सम्मेलन में सरकार से लड़ाई के साथ चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई की भी दिशा तय की जाएगी। समाजवादी पार्टी का एक दिवसीय राज्य सम्मेलन बुधवार को रमाबाई अंबेडकर मैदान में होगा। इसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। गुरुवार को पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन होगा। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाएगा। सम्मेलन में 8000 से अधिक सदस्य हिस्सा लेंगे।

सम्मेलन में संगठनात्मक चुनाव के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों की भी रणनीति तय होगी। इस दौरान आर्थिक-राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा जिसमें केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियां निशाने पर होंगी। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक सक्रियता कम होने के बाद यह पहला सम्मेलन है जिसमें सर्वेसवा अखिलेश यादव होंगे।

सक्रिय सदस्य व डेलिगेट लेंगे हिस्सा
पार्टी की सदस्यता का विस्तार करने और संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस बार सक्रिय सदस्यता में बदलाव किया है। सक्रिय सदस्य वही बनेगा, जिसने कम से कम 50 सदस्य बनाए हों। जिसने 100 सक्रिय सदस्य बनाए हों, वही डेलिगेट का चयन करेगा। इन सक्रिय सदस्यों में 10% को राष्ट्रीय सम्मेलन में और 15% सक्रिय सदस्यों को राज्य सम्मेलन में डेलिगेट के तौर पर हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। पहले लोग सीधे भी सक्रिय सदस्य और डेलिगेट बन जाते थे।

बुधवार को सुबह सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत के बाद निर्वाचन अधिकारी व राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव की देखरेख में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के इस पद बने रहने की संभावना ज्यादा है। हालांकि, सामाजिक समीकरणों को साधने के लिए इंद्रजीत सरोज, रामअचल राजभर, राजपाल कश्यप, नरेंद्र वर्मा आदि के नाम भी चर्चा में है। चुनाव की संभावना न के बराबर है। डेलिगेट राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को ही निर्णय लेने के लिए नामित करेंगे और वह प्रदेश अध्यक्ष की औपचारिक घोषणा करेंगे।

प्रस्ताव में दिखेगी एजेंडा-प्राथमिकता की झलक
गुरुवार को होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में दूसरे राज्यों से भी करीब 500 डेलिगेट शामिल होंगे। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर अखिलेश के नाम पर औपचारिक मुहर लगेगी। सम्मेलन में राजनीतिक-आर्थिक प्रस्ताव भी पेश होगा, जिसमें पार्टी के एजेंडे और रणनीति की झलक दिखेगी। सूत्रों का कहना है कि जातीय जनगणना, महिला सुरक्षा व बेरोजगारी जैसे मसलों को पार्टी मुद्दा बनाएगी, जिसकी कार्ययोजना सम्मेलन में तय होगी। प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय अध्यक्ष के औपचारिक चयन के बाद संगठन के दूसरे पदों पर भी चेहरों की घोषणा अक्टूबर में हो जाने के आसार हैं।

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