नेपाल से जनकपुर-अयोध्या बस सेवा को मोदी ने दी हरी झंडी

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आज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय नेपाल दौरे के लिए जा चुके है. इस दौरान वह कई कार्यक्रमों को भी संबोधित करेंगें. आज नेपाल दौरे के पहले दिन में उन्होंने जनकपुर-अयोध्या बस सेवा का शुभारंभ किया. उन्होंने नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी शर्मा ओली के साथ मिलकर इस बस सेवा को हरी झंडी दिखाई है.

बता दें रामायण सर्किट प्रोजेक्ट के द्वारा यह बस सेवा नेपाल के जनकपुर और यूपी के अयोध्या के बीच चलेगी. मगर आप यह सुनकर दंग रहें जाएगे क्योंकि अयोध्या में अभी तक कोई भी बस स्टैंड ही नहीं है. सालों पहले अयोध्या के बस स्टैंड को बिरला मंदिर के सामने से हटा दिया गया था और उसकी जगह नया घाट बनाया गया. और अब तक राम नगरी में कोई भी बस अड्डा नहीं है.

आपको बता दें कि जनकपुर भगवान राम की पत्नी देवी सीता का जन्मस्थान माना जाता है. और लोगों की सुविधा के लिए इस स्थान पर मोदी द्वारा बस सेवा को हरी झंडी दी गई है. भगवान राम की जन्मस्थल अयोध्या को यूपी की सबसे बड़ी धर्मनगरी मानी जाता है. औए पूरे देश में इसका विशेष महत्व है.

अयोध्या और नेपाल की धार्मिक नगरी जनकपुर के बीच यातायात सुगम बनाने के लिए बस सेवा शुरू की गई. पर एक परेशानी कि बात यह है कि जो भी बसे अयोध्या आती हैं, वो सड़कों पर ही रुकती हैं, क्योंकि यहां कोई बस स्टैंड ही नहीं है. और ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह भी उठता है कि जनकपुर से जो बस आएगी वह कहा उतरेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा है कि भारत और जनकपुर का रिश्ता अटूट है. मैं काफी सौभाग्यशाली हूं, कि मुझे इस स्थान में बस सेवा को शुरू करने का शुभारंभ प्राप्त हुआ है. उन्होंने इस बस सेवा का उद्घाटन करने के समय यह भी बोला कि , ‘जनकपुर और अयोध्या जोड़े जा रहे हैं. इस का मुख्य मकसद नेपाल और भारत में तीर्थाटन को बढ़ावा देने से है.

भारत सरकार ने रामायण सर्किट परियोजना के तहत विकास के लिए 15 स्थलों जैसे  अयोध्या, नंदीग्राम, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट (उत्तर प्रदेश), सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा (बिहार), चित्रकूट (मध्यप्रदेश), महेंद्रगिरि (ओडिशा), जगदलपुर (छत्तीसगढ़), नासिक और नागपुर (महाराष्ट्र), भद्रचलम (तेलंगाना), हंपी (कर्नाटक) और रामेश्वरम (तमिलनाडु) का चयन किया है.