MP Onion Scam News : क्या शिवराज सरकार प्याज घोटाले को दबाने की कोशिश कर रही है?

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MP Onion Scam News : क्या शिवराज सरकार प्याज घोटाले को दबाने की कोशिश कर रही है?

MP Onion Scam News : क्या शिवराज सरकार प्याज घोटाले को दबाने की कोशिश कर रही है?

हाइलाइट्स

  • एमपी प्याज घोटाले की खबर से सियासी भूचाल
  • कांग्रेस का आरोप, सरकार इसे दबाने की कोशिश कर रही
  • पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार ने सोची समझी रणनीति के तहत किया तबादला
  • बीजेपी ने कहा कि अधिकारियों के तबादले होते रहते हैं

भोपाल
एमपी प्याज घोटाला (MP Onion Scam News) सामने आया है। यह उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग से संबंधित है। मामला सामने आने के बाद एमपी में सियासी भूचाल आ गया है। यह भूचाल तब और बड़ा हो गया, जब मामले की जांच करवा रहीं आईएएस कल्पना श्रीवास्तव का तबादला हो गया। तबादले के बाद उनकी कहीं तैनाती नहीं हुई है। ऐसे में कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि सरकार घोटाले के आरोपियों को बचा रही है।

विपक्ष सवाल उठा रही है कि आनन-फानन में कल्पना श्रीवास्तव के तबादले का आदेश क्यों जारी किया है। शनिवार को आम तौर पर मंत्रालय बंद रहता है। मगर उनके तबादले के आदेश को जारी करने के लिए खोला गया है। इसे लेकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी शर्मा ने नवभारत टाइम्स.कॉम से फोन पर बात की है। उन्होंने कहा है कि कल्पना श्रीवास्तव के तबादले से लगता है कि सरकार से संबंधित लोग इसमें शामिल हैं।

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पीसी शर्मा ने कहा कि उनको हटाकर सरकार इस मामले की जांच में विलंब करना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह सोची समझी रणनीति के तहत की गई है। पीसी शर्मा से पहले कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने भी इसे लेकर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि जिस प्रमुख सचिव ने घोटाले को उजागर किया, उसी को विभाग से हटा दिया है। शिवराज जी क्या संदेश देना चाहते हैं।

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वहीं, कांग्रेस के आरोपों पर एमपी बीजेपी के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पराशर ने नवभारत टाइम्स.कॉम से फोन पर बात करते हुए कहा कि कांग्रेस के लोग सावन के अंधे हैं। उन लोगों को घोटाले के अलावे कुछ दिखता नहीं है। हमलोग घोटालेबाजों को ठिकाने लगाने का काम कर रहे हैं। इसमें कानूनी प्रकिया अपनाई जा रही है। लोकेंद्र पराशर ने शंटिग के सवाल पर कहा कि अधिकारियों के तबादले होते रहते हैं। इस पर शंटिग का कोई सवाल नहीं है। अधिकारी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते रहते हैं। अब जो नए अधिकारी आएंगे वह मामले की जांच करवाएंगे।

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क्या है प्याज घोटाला
दरअसल, उद्यानिकी विभाग की तरफ से प्याज के लिए प्रमाणित हाईब्रिड बिज खरीदने की अनुमति है। इसके लिए रेट 1100 रुपये प्रति किलो तय किए गए हैं। मगर विभाग के अधिकारियों ने दोगुने से अधिक कीमत पर अप्रमाणित प्याज बीच की खरीद की है। इसके लिए 2300 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भुगतान किया गया है। पूर्व में खरीदी एमपी एग्रो डिपार्टमेंट से होती थी। मगर इसे दूसरी संस्थाओं से खरीदा गया। राष्ट्रीय बागवानी मिशन में इसी साल खरीफ प्याज को शामिल किया गया था।

90 क्विंटल प्याज बीज की खरीद
नियमों को ताक पर रखकर उद्यानिकी विभाग की तरफ से दो करोड़ रुपये में 90 क्विंटल प्याज बीज की खरीद की गई। एमआईडीएच योजना (मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिक्लचर) के तहत इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से दो करोड़ रुपये की राशि मिली थी। यह बीज एग्री फाउंड डार्क रेड से खरीदी गई थी।

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