MP: मंत्रिमंडल, संगठन और प्रशासन… तीनों जगह 2023 से पहले एमपी में क्यों है बड़ी सर्जरी की तैयारी? h3>
भोपाल: मध्यप्रदेश (madhya pradesh bjp news) में बीजेपी के संगठन और सरकार ने बड़ी सर्जरी की तैयारी कर ली है, इसके लिए सत्ता और संगठन ने मिलकर रोडमैप भी तैयार कर लिया है। राज्य में लगभग एक साल बाद विधानसभा का चुनाव होना है। इन चुनावों से पहले बीजेपी जमीनी जमावट और कसावट अपने मुताबिक करना चाहती है। वहीं, जो पदाधिकारी संगठन की मंशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें बदला जाएगा। सरकारी मशीनरी के कामकाज में बाधक बने लोग चाहे वह मंत्री हों या प्रशासनिक अधिकारी उनमें भी बड़े फेरबदल की तैयारी है।
बीजेपी की रविवार को दो बड़ी बैठकें हुई, इन बैठकों में सत्ता और संगठन दोनों के कामकाज की समीक्षा की गई। सूत्रों की मानें तो इस बैठक के दौरान राज्य के 15 बीजेपी जिला अध्यक्षों की जमीनी रिपोर्ट नकारात्मक आने पर उन्हें बदलने का मन बना दिया गया है। इसी तरह प्रशासनिक स्तर पर ही बड़ी सर्जरी होने वाली है। करीब एक दर्जन कलेक्टरों का हटाया जाना लगभग तय माना जा रहा है।
मंत्रियों के कामकाज से नाराज संगठन
सूत्रों की मानें तो संगठन ने मंत्रियों के कामकाज पर भी नाराजगी जताई और यहां तक कहा गया कि जिनका परफॉरमेंस अच्छा नहीं है वे अपने में सुधार कर लें। संगठन के पास इस बात की शिकायत है कि जिन मंत्रियों के पास जिलों का प्रभार है, वह जिले में जाते ही नहीं है। इस वजह से कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी बढ़ रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि नगरीय निकाय के चुनाव में बीजेपी को 16 महापौर में से सात स्थानों पर हार का सामना करना पड़ा है। इस बात को लेकर हर स्तर पर मंथन चल रहा है।
बड़े नेताओं ने ली जिम्मेदारी, फिर भी हारे उम्मीदवार
इतना ही नहीं कई बड़े नेताओं ने उम्मीदवार को जिताने की गारंटी ली थी, मगर वहां हार मिली। यही कारण है कि टिकट दिलाने वाले नेताओं से भी सवाल जवाब पार्टी लगातार कर रही है। पार्टी एक तरफ जहां बूथ को मजबूत कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कई नेताओं के कामकाज का नुकसान पार्टी को उठाना पड़ रहा है।
पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने संगठन से जुड़े कई पदाधिकारियों के कामकाज पर साफ नाराजगी जताई और वे राज्य सरकार के कई मंत्रियों के कामकाज से भी खुश नहीं है। हां, इस दौरान शिव प्रकाश और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने बूथ विस्तारक अभियान की खुलकर सराहना की।
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बीजेपी की रविवार को दो बड़ी बैठकें हुई, इन बैठकों में सत्ता और संगठन दोनों के कामकाज की समीक्षा की गई। सूत्रों की मानें तो इस बैठक के दौरान राज्य के 15 बीजेपी जिला अध्यक्षों की जमीनी रिपोर्ट नकारात्मक आने पर उन्हें बदलने का मन बना दिया गया है। इसी तरह प्रशासनिक स्तर पर ही बड़ी सर्जरी होने वाली है। करीब एक दर्जन कलेक्टरों का हटाया जाना लगभग तय माना जा रहा है।
मंत्रियों के कामकाज से नाराज संगठन
सूत्रों की मानें तो संगठन ने मंत्रियों के कामकाज पर भी नाराजगी जताई और यहां तक कहा गया कि जिनका परफॉरमेंस अच्छा नहीं है वे अपने में सुधार कर लें। संगठन के पास इस बात की शिकायत है कि जिन मंत्रियों के पास जिलों का प्रभार है, वह जिले में जाते ही नहीं है। इस वजह से कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी बढ़ रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि नगरीय निकाय के चुनाव में बीजेपी को 16 महापौर में से सात स्थानों पर हार का सामना करना पड़ा है। इस बात को लेकर हर स्तर पर मंथन चल रहा है।
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इतना ही नहीं कई बड़े नेताओं ने उम्मीदवार को जिताने की गारंटी ली थी, मगर वहां हार मिली। यही कारण है कि टिकट दिलाने वाले नेताओं से भी सवाल जवाब पार्टी लगातार कर रही है। पार्टी एक तरफ जहां बूथ को मजबूत कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कई नेताओं के कामकाज का नुकसान पार्टी को उठाना पड़ रहा है।
पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने संगठन से जुड़े कई पदाधिकारियों के कामकाज पर साफ नाराजगी जताई और वे राज्य सरकार के कई मंत्रियों के कामकाज से भी खुश नहीं है। हां, इस दौरान शिव प्रकाश और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने बूथ विस्तारक अभियान की खुलकर सराहना की।
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