यहां देखिए, मानव और मशीन का कमाल

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अगर आपको अपने लिए नूडल बनाना हो तो बस पांच मिनट में तैयार हो सकता है, लेकिन 100 लोगों के लिए खाना बनाने के लिए कहा जाए तो आपके पसीने छूट जाएंगे। हम जानते हैं कि हमारे देश में, ख़ासकर कूकिंग को लेकर मैन पावर पर जोर दिया जाता है, पर आज हम इस वीडियो में भारत के उन Mega Kitchens की बात करेंगे, जहां मशीनी पॉवर और मैन पॉवर दोनों का ही कमाल देखने को मिलता है।

भारतीय रेल सेवा

पश्चिमी रेलवे के मुंबई बेस किचन को उसके खाने की गुणवत्ता के लिए देशभर में जाना जाता है। यहां एक समय में लगभग 2200 लोगों को खाना उपलब्ध करवाया जाता है। यहां परांठा बनाने की एक ऐसी मशीन है जो एक घंटे में लगभग 1500 स्वादिष्ट परांठे बना देती है।

श्री सांई प्रसादालय

शिरडी सांई, महाराष्ट्र में स्थित है। इस दरबार में देश का सबसे बड़ा सोलर किचन है। चार बड़े हॉल्स की छत पर सोलर सिस्टम लगें हैं जिनके तले 73 Dishes बनती हैं। यहां प्रतिदिन 40,000 लोगों के लिए खाना बनता है। इसके अलावा ब्रेकफास्ट के लिए पैकेट्स भी दिये जाते हैं।

स्वर्ण मंदिर, अमृतसर

विश्व के सबसे बड़े गुरूद्वारों की फ़ेहरिस्त में शुमार है स्वर्ण मंदिर। यहां प्रतिदिन 2 लाख रोटियां और 1.5 टन दाल (दाला) बनती है। इसके अलावा प्रतिदिन एक लाख लोग खाना खाते हैं। एक दिन में 100 गैस सिलेंडर और 5000 किलोग्राम लकड़ी का प्रयोग खाना बनाने के लिए होता है। अगर आप कभी अमृतसर में हों तो स्वर्ण मंदिर का गरमा-गर्म खाना (प्रसाद) खाना न भूलें।

TajSATS

यह एक एयर केटरिंग सर्विस है। इनकी ताज ग्रुप से साझेदारी है। जैसा कि नाम से भी ज़ाहिर होता है। TajSATS में SATS का मतलब है – Singapore Airport Terminal Services. मुंबई, दिल्ली, बैंगलुरु, अमृतसर और गोवा आदि महानगरों में यह कंपनी In-Flight Catering उपलब्ध करवाती है। 2011 तक ये लोग 1,00,00,000 किलोग्राम तक खाना बना चुके हैं। इसके अलावा इनके पास जैन लोगों के लिए, बच्चों के लिए और मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए अलग-अलग तरह का खाना हमेशा उपलब्ध रहता है। इन्हें भोजन की गुणवत्ता के लिए भारत में पहला स्थान और विश्व में चौथा स्थान दिया गया है।

धर्मस्थल मंजुनाथ मंदिर

भगवान शिव का यह मंदिर कर्नाटक के उडुपी में स्थित है। यह मंदिर दक्षिण भारत के सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। और गौर करने लायक बात है कि इसके प्रबंधन को मात्र एक परिवार ही काफ़ी समय से संभाल रहा है। इस परिवार को लोग “हेगड़े” के नाम से जानते हैं। जब इस मंदिर में कोई विशेष कार्यक्रम होता है तो 70 क्विंटल चावल, 15 क्विंटल सब्ज़ियां और लगभग 2000 नारियलों का प्रसाद बनता है।

ISCKON फाउंडेशन

अक्षय पात्र, एक विश्व प्रसिद्ध एनजीओ है। इन्हें विश्वभर में सबसे बड़ा लंच प्रोग्राम चलाने के लिए जाना जाता है। इनका Mega-Kitchen हुबली, कर्नाटक में है जहां 1,50,000 लोगों का खाना पांच घंटे से भी कम समय में बनाया जाता है। यहां खाना पूरी तरह से मशीनों द्वारा बनता है, लेकिन इंसान भी इसमें हाथ बंटाते हैं।

जग्गनाथ मंदिर

त्यौहार के दिन यहां लगभग एक लाख लोगों का खाना बनता है और अन्य दिनों में लगभग 25000 लोगों का पेट भरा जाता है। यह मंदिर ओडिशा के पुरी में स्थित है। देश-दुनिया से लोग इसका दीदार करने के लिए आते हैं। यहां के लोगों का मानना है कि इतने लोगों का खाना मां लक्ष्मी की दुआ से ही बनता है।