इस गाँव की अनोखी कहानी ,पत्नी के गर्भवती होते ही पति कर लेता है दूसरी शादी

2091

गाँवों में ऐसी अनोखी प्रथाएं और रिवाज़ शुरुआत से ही चलते आ रहे है ,जिसके बारे में अगर हम सुने तो सोचेंगे क्या ?क्यों ? और कैसे ?
हमारे देश का एक ऐसा ही प्रान्त है जहाँ एक अतरंगा और हैरान कर देने वाला रिवाज़ है l राजस्थान के बाड़मेर ज़िले का देरासर नाम का गाँव जहाँ एक प्रचलित प्रथा है l इस गाँव में शादी -शुदा मर्द अपने पत्नी के गर्भवती होते ही दूसरी शादी कर लेते है l एक ऐसी प्रथा है जिसमे पुरुष एक बीवी के होते हुए दूसरी शादी कर लेता है ,इसे बहु विवाह कहते है l राजस्थान का देरासर भारत के ऐसे गांवों में से एक है जहां ‘बहुविवाह’ की प्रथा सालों से चली आ रही हैl

सालों से क्यों चली आ रही है ये प्रथा ?
राजस्थान का जहां पानी की इतनी किल्लत है कि घर की औरतों को तपती गर्मी या भीषण सर्दी में पूरा-पूरा दिन उसकी खोज में मीलों भटकना पड़ता हैl इस गाँव में लड़कियों को बचपन से ही दूर -दूर से पानी लाना सिखा दिया जाता है l पानी लाने का ये सफर इन औरतों के लिए आसान नहीं होताlघर में पानी लाने का काम महिलाए ही करती है चूकि ये गर्भवती औरतों के लिए खतरे का काम है, इस गांव में लड़कियों के गर्भवती होते ही उनके पति दूसरी शादी कर लेते हैं, ताकि पानी लाने की ज़िम्मेदारी दूसरी पत्नी उठाए और साथ ही पहली पत्नी का ख्याल रखेl आपको बता दें कि साल 2011 के जनसंख्या जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, देरासर की आबादी 596 है, जिनमे से 309 पुरुष हैं और 287 महिलाएंl

क्या कहते है आंकड़े ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिंदुस्तान में बहुविवाह ,मुस्लिम धर्म को छोड़ के सन् 1956 में गैर कानूनी करार दिया गया था l लेकिन यही कानून गोवा में हिन्दुओं पर लागु नहीं होता l 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने 1961 की जनगणना (अंतिम जनगणना, जिसमें इस तरह का डाटा एकत्रित किया गया, के तहत) को मध्यनज़र रखते हुए कहा था, “भारत में मुस्लिम धर्म (5.78%) से कहीं ज्यादा दूसरे समुदाय के लोग बहुविवाह करते हैंl आदिवासियों में सबसे ज्यादा (15.25%) और बौद्ध (7.9%), हिंदुओं में (5.8%) बहुविवाह किए गए, जो 1960 में मुस्लिम धर्म से ज्यादा थेl

किस तरह से रोकी जायेंगी ऐसी प्रथाएं ?
आपको बता दें कि यह अपने पतियों का दूसरा या तीसरा विवाह पत्नियाँ अपनी मर्ज़ी से करवाती है lइन रिवाजों और प्रथाओं को रोकने के लिए सरकार को इस दिशा में पानी की उपलब्धता और लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए कड़े और जरूरी कदम उठाने होंगl वर्ना एक के बाद एक ऐसी प्रथाएं बनती जाएंगी, l
सरकार को महानगरों और बड़े शहरों से निकर कर ,विपक्षी दलों पर वार करने की आदत को छोड़ कर थोडा ध्यान इन् कस्बों की तरफ भी देना चाहिए वर्ना कहीं ऐसा ना हो कि यहाँ से इन् प्रथाओं का खत्म नामुमकिन हो जाए l