MCD चुनावों के लिए ग्रामीण इलाकों में बुजुर्गों में दिखा उत्साह तो कई बूथ रहे खाली

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MCD चुनावों के लिए ग्रामीण इलाकों में बुजुर्गों में दिखा उत्साह तो कई बूथ रहे खाली

MCD चुनावों के लिए ग्रामीण इलाकों में बुजुर्गों में दिखा उत्साह तो कई बूथ रहे खाली

आउटर दिल्ली: ग्रामीण इलाकों में बुजुर्ग वोटरों में उत्साह दिखा तो कई जगहों पर बूथ दोपहर तक खाली दिखाई दिए। इन जगहों पर कम वोट प्रतिशत को देखते हुए आरडब्ल्यूए की मदद से वोटरों को घरों से निकालने के प्रयास एक बजे के बाद किए जाने लगे।

नजफगढ़ में कई बूथों पर दोपहर एक बजे तक वोटिंग प्रतिशत काफी कम रहा। इसके बाद आरडब्ल्यूए के साथ मिलकर लोगों ने गांव में कुछ ई-रिक्शा आदि की व्यवस्था करवाई, ताकि वोटर बाहर आ सकें। मित्राऊं गांव में दोपहर एक बजे तक 1100 वोटरों में से सिर्फ 273 ने ही वोटिंग की। वहीं सुरहेड़ा के स्कूल में बने पोलिंग स्टेशन में मतदान करने के बाद भी काफी लोग स्टेशन के अंदर ही रुक गए। इसकी वजह से पोलिंग स्टेशन के अंदर भीड़ हो गई। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और ऐसे लोगों को बाहर निकालना शुरू किया। वहीं पोलिंग स्टेशन के अंदर आने वाले लोगों की वोटिंग स्लिप चेक करने के बाद ही एंट्री देने की व्यवस्था की गई। मित्राऊं गांव के स्कूल में बने पोलिंग बूथ में कई ऐसे लोग थे, जिन्हें पता ही नहीं चल पा रहा था कि कहां वोटिंग करनी है। कैर गांव में भी दोपहर करीब 12 बजे तक वोटिंग के लिए काफी कम लोग आए।

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ग्रामीण एरिया में कई जगहों पर बुजुर्गों में उत्साह दिखाई दिया। अधिकांश पोलिंग बूथ पर ग्रामीण सुबह से ही आने लगे थे। कई जगहों पर पहले तो कुछ स्लो वोटिंग हुई, लेकिन 10 बजे के बाद लोगों की भीड़ बढ़ने लगी। सबसे अधिक उत्साह गांव देहात के बुजुर्गों में देखने को मिला। सन्नौठ गांव में मतदान केंद्र से निकले 90 वर्ष के रतीराम ने बताया कि वह घर में सबसे पहले वोट डालने के लिए निकले थे। आउटर दिल्ली के अधिकांश पोलिंग बूथ स्टेशनों पर सामान्य स्थिति बनी रही। इसमें नरेला, भोरगढ़, बवाना जेजे कॉलोनी, बवाना गांव, दरियापुर, बाजीतपुर, नांगल ठाकरान, कुतुबगढ़ जौंती, घेवरा व रानी खेड़ा गांव शामिल हैं। सन्नौठ गांव के 104 साल के बुजुर्ग लक्ष्मण भी अपने मत का इस्तेमाल करने परिवार के साथ पहुंचे। बवाना चौक के पास बने पोलिंग स्टेशन पर आए 101 साल के चौधरी लखमी राम सहरावत ने बताया कि उन्होंने पहले मतदान किया उसके बाद अब जलपान करने के लिए यहां बैठे हैं।

पोलिंग बूथ पर बुजुर्गों के लिए नहीं था कोई इंतजाम
बुजुर्ग घर के सदस्यों के साथ वोट डालने के लिए पोलिंग बूथ पर पहुंच रहे थे, लेकिन यहां के अधिकांश पोलिंग बूथ स्टेशन पर वीलचेयर तक की व्यवस्था नहीं थी। इस बार दिल्ली चुनाव आयोग की तरफ से वॉलंटियर्स की भी व्यवस्था नहीं थी। अधिकतर परिवार के लोग अपने बुजुर्गों को खुद ही वोट डलवाने के लिए स्कूल के गेट से ईवीएम मशीन तक ले जाने में लगे हुए थे। बवाना के पोलिंग स्टेशन नंबर 10-11 पर एक भी वीलचेयर मौजूद नहीं था। कुर्सियों की भी व्यवस्था चुनाव आयोग की तरफ से नहीं की गई। कुतुबगढ़ के पोलिंग नंबर 11,12 से रिहायशी एरिया करीब 1 किलोमीटर दूर पर है, इसकी वजह से यहां आने वाले लोग परिवार के सदस्यों को अपनी प्राइवेट गाड़ियों में लाने और ले जाने का काम कर रहे थे।

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