पीएम मोदी के कैबिनेट में बड़ा फेरबदल, राज्यवर्धन सिंह राठौर को मिला सूचना प्रसारण

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रात अपने कैबिनेट में किया फेरबदल, रेल मंत्री पीयूष गोयल को नया वित्त मंत्री घोषित किया गया है. क्योंकि अरुण जेटली की ख़राब सेहत के कारण पीयूष गोयल को अस्थायी जिम्मेदारी दी गई है. वहीं  इस फेरबदल में सबसे बड़ा बदलाव सूचना प्रसारण मंत्रालय में किया गया. यहां स्मृति ईरानी की जगह केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल राज्यमंत्री राज्यव‌र्द्धन सिंह राठौर को इस पद की जिम्मेदारी दे दी गई है.

जानकारी के मुताबिक, एसएस अहलूवालिया को स्वच्छता और पेयजल मंत्रालय के पद से हटाकर इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. इस पद पर पहले अल्फोंस कन्ननथनम थे जिनको हटाकर पर्यटन मंत्री बनाया है. इस सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन हुआ है इसलिए डॉक्टर ने उन्हें कुछ दिन आराम करने की सलाह दी है. इस बीच इस पद का जिम्मा पीयूष गोयल को दिया गया है.

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किस वजह से स्मृति ईरानी को पद से वापिस लिया गया

बता दें कि मोदी सरकार का यह सबसे बड़ा फेरबदल है. पिछले फेरबदल में उन्हें कपड़ा के साथ साथ सूचना प्रसारण मंत्रालय का दायित्व भी स्मृति ईरानी को दिया था. पर इस बार यह उनसे वापिस लेकर राज्यव‌र्द्धन सिंह राठौर को सौंपा है. इस का अहम कारण यह है कि पिछले कुछ दिनों में कुछ मुद्दों को लेकर विवाद रहा था. स्मृति का व्यक्तित्व कुछ ऐसा रहा है कि टकराव की स्थिति बनती रही है. वहीं राज्यव‌र्द्धन लंबे वक्त से इस मंत्रालय में राज्य मंत्री का कामकाज देखते आ रहे हैं और उनको इस काम को लेकर खास समझ भी है. आपको यह भी बता दें कि वह पहले अरुण जेटली और फिर एम वेंकैया नायडू के साथ भी सूचना प्रसारण मंत्रालय में रहे थे. अब वह स्वतंत्र प्रभार के रूप में रहा कर इस पद को देखेगे.

कौन है राज्यव‌र्द्धन सिंह राठौर?

आपको बता दें कि होने वाले नए सूचना मंत्री राज्यव‌र्द्धन सिंह राठौर ने 1990 के दशक में शूटिंग से अपनी शुरुवात की थी. वह पहले ओलंपिक खेलों में भारत के पहले रजत पदकधारी बने थे. 2004 एथेंस ओलंपिक के दौरान वह पुरुषों की डबल ट्रैप स्पर्धा में दूसरें स्थान में रहें थे. फिर उन्होंने 2003 में सिडनी में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक हासिल कर देश का नाम रौशन किया था. राठौड़ को दो साल तक मार्कमैनशिप यूनिट के साथ दिल्ली में तैनात किया गया था जिससे उन्हें शहर की तुगलकाबाद शूटिंग रेंज में अभ्यास करने में मदद मिली.