नोटबंदी के बाद से देश में 50 लाख लोगों की नौकरियां गयी

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अजीज़ प्रेमजी यूनिवर्सिटी (बेंगलुरु) की तरफ से जारी की गयी एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2016 से 2018 के बीच में करीब 50 लाख लोगों की नौकरियां गयी हैं. गौरतलब है कि नवम्बर 2016 में ही मोदी सरकार के द्वारा नोटबंदी का फैसला लिया गया था, जिसके तहत 500 और 1000 के नोटों को बंद कर दिया गया था.

इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 के बाद से देश में नौकरियों की संख्या लगातार कम हो रही है इसमें की भी वृद्धि नही दिखाई पड़ रही है जो की बेहद चिंताजनक है. आपको बता दें की नौकरियां कम होने का जो वक़्त है वो नोटबंदी के साथ ही शुरू होता है और अब तक हालात नही सुधरे हैं. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में भविष्य में भी नौकरियां कम होने को लेकर चिंता जताई गयी है.

unemployment picture -

महिलाओं और पुरुषों के आंकड़ो की बात करें तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की नौकरियां ज्यादा कम हुई हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी परिस्थिति देश के अर्थव्यस्था के लिए सही नही है, वो भी तब जबकि देश की जीडीपी में ग्रोथ हो रहा है. ऐसे वक़्त पर आम तौर पर कार्यबल को बढ़ना चाहिए.

अब लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस रिपोर्ट का असर भाजपा पर ज़रूर पड़ना चाहिए, क्योंकि जिस तरह से विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार को बेरोजगारी के मसले पर घेर रही है, इस रिपोर्ट से उसमे और जोर बढ़ेगा.