Kisan News: बाजरा, ज्वार, मक्का यानी मोटे अनाज से बदलेगी किसानों की किस्मत, जानिए कैसे…

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Kisan News: बाजरा, ज्वार, मक्का यानी मोटे अनाज से बदलेगी किसानों की किस्मत, जानिए कैसे…

Kisan News: बाजरा, ज्वार, मक्का यानी मोटे अनाज से बदलेगी किसानों की किस्मत, जानिए कैसे…


जयपुर: श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर (जयपुर) के कुलपति प्रोफेसर बलराज सिंह चौधरी का कहना है कि मोटा अनाज अब देश के किसानों की किस्मत बदल देगा। बाजरा, ज्वार और मक्का आदि मोटे अनाज का उत्पादन करने वाला भारत दुनिया का एक बड़ा देश है। भारत के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र महासंघ ने वर्ष 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स 2023’ घोषित किया था अर्थात मोटे अनाज का वर्ष। इस साल मोटे अनाज को दुनियाभर में प्रमोट किया जाएगा ताकि इनके सेवन से मानव शरीर को आईरन, कैलशियम, मैग्निशियम सहित तमाम आवश्यक तत्वों की पूर्ति आसानी से हो सके। प्रोफेसर बलराज सिंह का कहना है कि अब देश के सभी कृषि विश्वविद्यालय और कृषि से जुड़े अन्य तमाम संस्थान मोटे अनाज से बने उत्पादों का अधिक से अधिक उत्पादन करने के लिए किसानों को प्रेरित करेंगे। साथ ही इन उत्पादों को विश्व पटल पर मार्केट उपलब्ध करवाये जाएंगे ताकि किसानों को उनके अनाज का उचित मूल्य मिल सके।

राजस्थान में पहली बार मोटे अनाज से बने विभिन्न उत्पाद लांच

जयपुर से 50 किलोमीटर दूर भैराना गांव स्थित रुद्र शिवम डेयरी एंड एग्री रिसर्च सेंटर पर श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलराज सिंह और जैविक गांव फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के पदाधिकारियों द्वारा मोटे अनाज के कई उत्पाद लॉन्च किए गए। इनमें बाजरे के बिस्किट, लड्डू, केक, चॉकलेट और नमकीन शामिल है। साथ ही बाजरे का हलवा, चूरमा, खीर और पकोड़े भी बनाए गए। इन उत्पादों के लॉन्चिंग के दौरान कई देशी विदेशी पर्यटक और किसान मौजूद रहे। देशी विदेशी पर्यटकों और किसानों ने बाजरे से बने विभिन्न उत्पादों और व्यंजनों का आनंद लिया।
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उपज के बजाय अब गुणवत्ता महत्वपूर्ण है प्रो. बलराज सिंह

प्रोफेसर बलराज सिंह का कहना है कि पहले हमारा फोकस ज्यादा से ज्यादा उपज लेने पर था लेकिन अब उपज के साथ उसकी गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। विभिन्न अनाजों में न्यूट्रेन्स की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा है ताकि लोगों को अच्छा, पौष्टिक और गुणवत्ता पूर्ण भोजन मिले। प्रो. बलराज सिंह ने कहा कि भारत गेहूं और चावल का बड़ा उत्पादन करता है लेकिन आजकल कई लोगों में गेहूं से एलर्जी की शिकायतें देखी जा रही है। कई लोगों को चावल शूट नहीं करते, चावल की वजह से अधिकतर लोग डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में अब दुनियाभर में मोटे अनाज बाजरी, ज्वार और मक्का इत्यादी को प्रमोट किया जा रहा है।

बाजरे के प्रोडेक्टस को दुनियाभर में करेंगे प्रमोट

28 जनवरी 2023 को नाइजीरिया की राजधानी आबूजा में भारत सरकार की ओर मिलट्स इवेंट यानी मोटे अनाज के उत्पादों का एक बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है। इस इवेंट में लोगों को लोगों के बीच भारत में बने विभिन्न उत्पादों को एक मंच उपलब्ध कराया जाएगा। इनकी वैरायटी और उत्पादों की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी जाएगी ताकि अधिक से अधिक लोगों को मिलट्स से जोड़ा जा सके। साथ ही ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं ताकि उच्च शिक्षा और बिजनेस के लिए अफ्रीकन देशों के लोग अपने बच्चों को भारत भेजे।

मोटे अनाज को प्रमोट करने से किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे :- सुरेन्द्र अवाना

भारत सरकार से सम्मानित जयपुर के प्रगतिशील किसान सुरेन्द्र अवाना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी वजह से योग और आयुर्वेद के बाद अब मोटे अनाज की उपयोगिता भी दुनियाभर में पहुंचाई जा रही है। भारतीय किसानों के लिए बड़े गर्व की बात है कि मोटे अनाज को अब दुनियाभर में प्रमोट किया जा रहा है। इससे किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम मिल सकेंगे। क्योंकि मोटे अनाज के अलग अलग उत्पाद बनाए जाने से किसानों को अनाज के दोगुने दाम भी मिल सकते हैं। इससे किसानों की आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के निदेशालय प्रसार शिक्षा की ओर से चार दिवसीय प्रशिक्षण दिए जाने के बाद रुद्र शिवम डेयरी एंड रिसर्च सेंटर पर बाजरे के विभिन्न प्रोडक्ट बनाए गए जिनमें बिस्किट, केक, लड्डू, चूरमा, टॉफी, नमकीन बनाए गए। साथ ही बाजरे का हलवा, खीर, और पकोड़ियां भी बनाई गई।
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जैविक गाँव फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी में जुड़े किसानों के प्रयास ला रहे रंग

किसानों को आर्थिक रुप से सुदृढ बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने पीएम एफपीओ योजना जारी की। इसके तहत किसान एफपीओ यानी फार्मर प्रॉड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन बनाकर इस कृषि कार्यों के लिए 15 लाख रुपए तक की आर्थिक मदद ले सकते हैं। जयपुर के दस किसानों ने मिलकर एक एफपीओ बनाया जिसका नाम है “जैविक गांव फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी”। इसमें प्रगतिशील किसान सुरेन्द्र अवाना, रामश्वरलाल गौरा, जीवण राम गुर्जर रामधन जात. लक्ष्मण सिंह गोरा, संजय शर्मा, गीता कुमावत, मोहन शर्मा, अर्जुन बागड़ा और कैलाश चंद शामिल हैं। इस एफपीओ के सीईओ हैं श्यामलाल गुर्जर। ये किसान ऑर्गेनिक खेती के साथ आर्गेनिक उत्पादों का निर्माण और उसकी मार्केटिंग करने के लिए किसानों को एक मंच उपलब्ध कराते हैं। मोटे अनाज के विभिन्न प्रोडेक्ट बनाने की शुरुआत यहीं से हुई है। अब प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें विभिन्न उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
रिपोर्ट- रामस्वरूप लामरोड़

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