दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय में जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (दि्वतीय) का बहुत मान-सम्मान है. वह पैगंबर मोहम्मद साहब के वंशज हैं. जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला को आधुनिकता का प्रतीक भी माना जाता है. दुनिया के अनेक हिस्सों में हिजाब और बुर्के को लेकर समय-समय पर तीखी बहस होती रहती है, लेकिन जॉर्डन के शाही परिवार में इसका प्रचलन नहीं है. उनकी पत्नी और बेटी हिजाब या बुर्के का इ्स्तेमाल नहीं करती हैं.
सरल ज़िंदगी जीते हैं शाह
टि्वटर पर शाही परिवार का एक फोटो वायरल हो रहा है, जिसमें शाह अब्दुल्ला अपने परिवार के साथ हैं. फोटो के साथ लिखा है, ‘यह जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (दि्वतीय) हैं. वह पैगंबर मोहम्मद के वंशज हैं और यह उनका परिवार है. सवाल यह है कि हिजाब और बुर्का नहीं पहनने से इस जमीं पर क्या हो सकता है?’ बता दें कि शाह अब्दुल्ला जॉर्डन के बाहर और अंदर आईएसआईएस से मुकाबला कर रहे हैं, लेकिन देश में भी बहुत से इस्लामिक कट्टरपंथी मौजूद हैं. लोगों का कहना है कि जब नेता खुद किसी तरह का फरमान नहीं मानता है तो किसी और को भी ऐसा नहीं करना चाहिए.
जानकारी के मुताबिक जॉर्डन के शाह की पढ़ाई-लिखाई पश्चिमी संस्कृति में हुई है. उन्होंने ब्रिटिश यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन किया है और एक अमेरिकी महिला से शादी की है. वह हर्ले डेविडसन चलाते हैं. आम जनता की राय में वह इस बात के एक बेहतरीन उदाहरण हैं कि मुस्लिम देशों को क्या करना चाहिए. ईरान भी बदलने को तैयार है.
आईएसआईएस से डटकर मुकाबला किया
शाह अब्दुल्ला ने इस्लामी संस्कृति की रक्षा के नाम पर रक्तपात करने वाले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. जॉर्डन के सुरक्षाबल सीरिया की सीमा से लगते क्षेत्रों में कई अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुके हैं. इसके अलावा गठबंधन की सेना के साथ मिलकर आतंकियों के खिलाफ हवाई हमले में भी सहयोग किया था. जॉर्डन के शाह ने इसके लिए विदेशी लड़ाकू विमानों को देश के हवाई अड्डे का इस्तेमाल करने की अनुमति भी प्रदान की थी. शाह अब्दुल्ला ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से दुनिया भर के मुसलमानों से आईएसआईएस के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया था. उन्होंने आतंकवाद को क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया था. बता दें कि सीरिया में अमेरिका और रूस के नेतृत्व में दो अलग-अलग सैन्य गठजोड़ ने आईएसआईएस के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.