Pfizer Vaccine News : इजरायल के आंकड़े बताते हैं- फाइजर वैक्सीन की दो डोज देती है कोरोना से 95% सुरक्षा
हाइलाइट्स:
- इजरायल में फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन ही लगाई जा रही है
- भारत में इस वैक्सीन के आपात उपयोग की मंजूरी दिए जाने पर विचार हो रहा है
- इजरालय ने फाइजर वैक्सीन के इफेक्टिवनेस के आंकड़े जुटाए हैं जो काफी उत्साहवर्धक हैं
नई दिल्ली
फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन (Pfizer-BioNTech Covid-19 vaccine) कोरोना वायरस के खिलाफ 95% सुरक्षा प्रदान करती है। वायरस की दोनों डोज ले लेने पर लोगों को संक्रमण होने के बाद भी अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आती है क्योंकि वायरस अपना गहरा असर नहीं छोड़ पाता है। इजरायल में फाइजर वैक्सीन की दोनों डोज के इफेक्टिवनेश को लेकर पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर आकलन किया गया।
इजरायल की स्टडी के उत्साहवर्धक नतीजे
चिकित्सा क्षेत्र की मशहूर पत्रिका द लैंसेट में इस आकलन की रिपोर्ट प्रकाशित हुई है जो कहती है कि फाइजर की दोनों डोज कोरोना संक्रमण के गंभीर लक्षणों से बचाती है और बुजुर्ग मरीजों की मौत पर भी लगाम लगाने में सक्षम है। फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की प्रभावकारिता को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर आकलन करने वाला इजरायल दुनिया का पहला देश है।
भारत में लगेगी फाइजर की वैक्सीन?
भारत में कोवैक्सीन और कोविशील्ड के टीके लगाए जा रहे हैं जबकि रूस की वैक्सीन स्पूतनिक वी की पहली खेप यहां पहुंच चुकी है। इस बीच खबर आ रही है कि फाइजर को भारत में इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल सकती है। साथ जल्द ही मॉडर्ना की वैक्सीन भी भारत को मिल सकेगी। अमेरिकी वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइजर भारत के संपर्क में है और वैक्सीन को मंजूरी दिलाने के लिए वह बातचीत कर रही है।
वैश्विक दवा कंपनी फाइजर के चेयरमैन और सीईओ अल्बर्ट बूर्ला ने कहा कि कंपनी अपनी फाइजर-बायोएटेक वैक्सीन को भारत में जल्द उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत कर रही है, ताकि उसे तेजी से मंजूरी मिल सके। फाइजर ने इससे पहले अप्रैल में कहा था कि उसने भारत में सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपनी वैक्सीन को बिना किसी मुनाफे के उपलब्ध कराने की पेशकश की है।
लेकिन एक यह चिंता
बहरहाल, इजरायल की रिपोर्ट कहती है कि फाइजर वैक्सीन बी.1.1.7 स्ट्रेन के खिलाफ भी जबर्दस्त कारगर साबित हुई है। इसकी एक डोज से 58% संक्रमण रुकता है तो 76% मरीजों को अस्पताल नहीं जाने की जरूरत पड़ती है जबकि 77% मरीजों को मौत से बचा लेता है। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि भविष्य में कोरोना का नया वेरियेंट्स इस वैक्सीन को भी नकारा साबित कर सकता है। उनका कहना है कि हर्ड इम्यूनिटी का टार्गेट पूरा करने के लिए दुनियाभर में टीकाकरण अभियान को तेज करने की जरूरत है।