क्या कोरोना वायरस का इलाज मलेरिया की दवा से संभव है
कोरोना वायरस का प्रकोप दिन -प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। इस घातक वायरस से लड़ने के लिए दुनियाभर के डॉक्टर, शोधकर्ता और वैज्ञानिक इसके इलाज के तरीके ढूंढने के लिए हर तरह के प्रयास कर रहे है।
अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अपनी ब्रीफिंग में मलेरिया में काम आने वाली दवाई हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन का बार-बार ज़िक्र किया है, साथ ही भारत से इस दवाई की मांग भी कि। तो यह सवाल उठ रहा है कि है कि क्या कोरोना वायरस का इलाज मलेरिया की दवा से संभव है?
क्या हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन कोरोना वायरस के घातक प्रभाव को खत्म करने में कारगार सिद्ध होगा।
कोरोना वायरस का इलाज
आपको बताना चाहेंगे कि कोरोना के इलाज में मलेरिया की दवा के प्रभाव पर रिपोर्ट लिखने वाले ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी के कोम गेबनिगी कहते हैं, “यह कितना कारगर है, यह जानने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले रैंडम क्लिनिकल ट्रायल की ज़रूरत है.”अमरीका, ब्रिटेन, स्पेन और चीन में 20 से ज्यादा परीक्षण चल रहे हैं.
कैबिनेट मंत्री माइकल गोव बताते हैं कि ब्रिटेन में मलेरिया-रोधी दवा की कोरोना वायरस के ऊपर पड़ने वाले प्रभावों पर लगातार क्लिनिकल परीक्षण किए जा रहे हैं.अमरीका में भी हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्विन और एजिथ्रोमाइसिन जैसी दवाओं को साथ मिलाकर इसके कोरोना के इलाज में प्रभावी होने के ऊपर कई परीक्षण किए जा रहे हैं।
अमेरिका सहित दुनिया के कई शोधकर्ता मलेरिया की दवाइयों पर शोध कर रहे हैं। कई मामलों में तो इन दवाओं का प्रयोग उपचार और संक्रमण को रोकने के लिए भी किया गया है। जबकि अभी तक इन दवाओं की कोरोना वायरस के खिलाफ कारगरता के बारे में किसी भी तरह की पुष्टि नहीं हुई है।
जहाँ दुनियाभर में कोरोना वायरस को मात देने का प्रयास जोरों पर है , दुनिया के हर एक हेल्थ केयर सिस्टम कोरोना के कहर को कम करने के लिए अपनी कमर कस ली है। अब तक भारत में कोरोना वायरस के मामले 6000 के पार जा चुके है।