Indian Railway Blanket in ac class: इकोनॉमी कोच में नहीं मिलेगा कंबल और चददर | Indian Railway not give Blanket in ac class | Patrika News h3>
अगर आप किसी भी ट्रेन की एसी इकोनॉमी श्रेणी में यात्रा कर रहे हैं तो अपना कंबल, चददर और तकिया खुद साथ लेकर चलें। रेलवे इस श्रेणी के किसी भी यात्री को कोई भी लेनिन सुविधा उपलब्ध नहीं कराएगा। रेलवे बोर्ड ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं।
जयपुर
Published: April 15, 2022 03:36:48 pm
जयपुर
अगर आप किसी भी ट्रेन की एसी इकोनॉमी श्रेणी में यात्रा कर रहे हैं तो अपना कंबल, चददर और तकिया खुद साथ लेकर चलें। रेलवे इस श्रेणी के किसी भी यात्री को कोई भी लेनिन सुविधा उपलब्ध नहीं कराएगा। रेलवे बोर्ड ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इन ट्रेनों का किराया कम है। ऐसे में इन कोचों में यात्रियों को मुफ्त बेड रोल और कंबल नहीं मिलेंगे।
Indian Railway not give Blanket in ac class
गौरतलब है कि रेलवे ने हाल ही में यह एसी इकोनॉमी कोच बनाया है। इसमें किराया थोड़ा कम है। ऐसे में इस कोच में लागत घटाने के लिए रेलवे ने यह निर्णय लिया है। यह कोच एलएसबी कोच से युक्त हैं। यह वजन में हल्के होते हैं। इनकी गति क्षमता भी बेहद उच्च होती है और अधिक वजन ले जाने में सक्षम हैं।
तापमान नियंत्रित है,जरूरत नहीं
रेलवे बोर्ड के निदेशक सुमन कुमार तोती ने आदेश में लिखा है कि एलएचबी कोच की इस श्रेणी में इन कोचों में नियंत्रित तापमान पाया गया है। ऐसे में इनके कोचों में कंबल और चादर की जरूरत नहीं है। यही वजह है कि निर्णय लिया गया है कि इनके यात्रियों को यह सुविधा प्रदान नहीं की जाएगी।
21 मार्च से से शुरू हुई सुविधा
रेलवे ने 21 मार्च से सभी श्रेणी में कंबल और चादर की सुविधा को फिर से शुरू किया था। यह सुविधा कोरोना के कारण बंद कर दी गई थी। बता दें कि रेलगाड़ी की सभी वातानुकूलित श्रेणी में चददर, कंबल और तकिया रेलयात्रियों को प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही खिड़कियों पर परदे भी लटके रहते हैं। 28 मार्च से काठगोदाम-जैसलमेर एक्सप्रेस में यह सुविधा दी जा रही है। चरण्बद्ध तरीके से ट्रेनों में इस सुविधा को बढ़ाया जा रहा है।
Anand Mani Tripathi
आनंद मणि त्रिपाठी राजस्थान पत्रिका में राजनीति, अपराध, विदेश, रक्षा एवं सामरिक मामलों के पत्रकार हैं। पत्रकारिता के तीनों माध्यम प्रिंट, टीवी और आनलाइन में गहरा और अपनी तेज तर्रार रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में जन्म हुआ। प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के कानपुर और बस्ती में हुई। माध्यमिक शिक्षा नवोदय विद्यालय बस्ती, फैजाबाद और पूर्वोत्तर त्रिपुरा के धलाई जिले में हुई। अयोध्या के साकेत महाविद्यालय से स्नातक और 2009 में जेआईआईएमसी,दिल्ली से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया।
हरियाणा से पत्रकारिता आरंभ की। शिक्षा, विज्ञान, मौसम, रेलवे, प्रशासन, कृषि विभाग और मंत्रालय की रिपोर्टिंग की। इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग से शिक्षा और रेलवे विभाग के कई भ्रष्टाचार का खुलासा किया। रक्षा मंत्रालय के रक्षा संवाददाता पाठयक्रम-2016 पूरा किया। इसके बाद रक्षा मामलों की पत्रकारिता शुरू कर दी। चीन, पाकिस्तान और कश्मीर मामलों पर तीक्ष्ण नजर रहती है।
लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या 2017, राइफलमैन औरंगजेब की हत्या 2018, जम्मू—कश्मीर में बदले 2018 में बदले राजनीतिक समीकरण, पुलवामा हमला 2019, कश्मीर से 370 का हटना, गलवान घाटी मुठभेड़ 2020 को बेहद करीब से जम्मू और कश्मीर में रहकर ही कवर किया। कोरोना काल 2020 में भी लददाख से नेपाल तक की यात्रा चीन के बदलते समीकरण को लेकर की।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की रिपोर्टिंग की। 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या मामले में आए फैसले की अयोध्या से कवर किया। 2022 उत्तरप्रदेश् चुनाव को सहारनपुर से सोनभद्र तक मोटर साइकिल के माध्यम से कवर किया। पत्रकारिता से इतर आनंद मणि त्रिपाठी को संगीत और पर्यटन का जबरदस्त शौक है। इन्हें किसी भी कार्य में असंभव शब्द न प्रयोग करने के लिए जाना जाता है…
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अगर आप किसी भी ट्रेन की एसी इकोनॉमी श्रेणी में यात्रा कर रहे हैं तो अपना कंबल, चददर और तकिया खुद साथ लेकर चलें। रेलवे इस श्रेणी के किसी भी यात्री को कोई भी लेनिन सुविधा उपलब्ध नहीं कराएगा। रेलवे बोर्ड ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं।
जयपुर
Published: April 15, 2022 03:36:48 pm
जयपुर
अगर आप किसी भी ट्रेन की एसी इकोनॉमी श्रेणी में यात्रा कर रहे हैं तो अपना कंबल, चददर और तकिया खुद साथ लेकर चलें। रेलवे इस श्रेणी के किसी भी यात्री को कोई भी लेनिन सुविधा उपलब्ध नहीं कराएगा। रेलवे बोर्ड ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इन ट्रेनों का किराया कम है। ऐसे में इन कोचों में यात्रियों को मुफ्त बेड रोल और कंबल नहीं मिलेंगे।
Indian Railway not give Blanket in ac class
गौरतलब है कि रेलवे ने हाल ही में यह एसी इकोनॉमी कोच बनाया है। इसमें किराया थोड़ा कम है। ऐसे में इस कोच में लागत घटाने के लिए रेलवे ने यह निर्णय लिया है। यह कोच एलएसबी कोच से युक्त हैं। यह वजन में हल्के होते हैं। इनकी गति क्षमता भी बेहद उच्च होती है और अधिक वजन ले जाने में सक्षम हैं।
तापमान नियंत्रित है,जरूरत नहीं
रेलवे बोर्ड के निदेशक सुमन कुमार तोती ने आदेश में लिखा है कि एलएचबी कोच की इस श्रेणी में इन कोचों में नियंत्रित तापमान पाया गया है। ऐसे में इनके कोचों में कंबल और चादर की जरूरत नहीं है। यही वजह है कि निर्णय लिया गया है कि इनके यात्रियों को यह सुविधा प्रदान नहीं की जाएगी।
21 मार्च से से शुरू हुई सुविधा
रेलवे ने 21 मार्च से सभी श्रेणी में कंबल और चादर की सुविधा को फिर से शुरू किया था। यह सुविधा कोरोना के कारण बंद कर दी गई थी। बता दें कि रेलगाड़ी की सभी वातानुकूलित श्रेणी में चददर, कंबल और तकिया रेलयात्रियों को प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही खिड़कियों पर परदे भी लटके रहते हैं। 28 मार्च से काठगोदाम-जैसलमेर एक्सप्रेस में यह सुविधा दी जा रही है। चरण्बद्ध तरीके से ट्रेनों में इस सुविधा को बढ़ाया जा रहा है।
Anand Mani Tripathi
आनंद मणि त्रिपाठी राजस्थान पत्रिका में राजनीति, अपराध, विदेश, रक्षा एवं सामरिक मामलों के पत्रकार हैं। पत्रकारिता के तीनों माध्यम प्रिंट, टीवी और आनलाइन में गहरा और अपनी तेज तर्रार रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में जन्म हुआ। प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के कानपुर और बस्ती में हुई। माध्यमिक शिक्षा नवोदय विद्यालय बस्ती, फैजाबाद और पूर्वोत्तर त्रिपुरा के धलाई जिले में हुई। अयोध्या के साकेत महाविद्यालय से स्नातक और 2009 में जेआईआईएमसी,दिल्ली से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया।
हरियाणा से पत्रकारिता आरंभ की। शिक्षा, विज्ञान, मौसम, रेलवे, प्रशासन, कृषि विभाग और मंत्रालय की रिपोर्टिंग की। इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग से शिक्षा और रेलवे विभाग के कई भ्रष्टाचार का खुलासा किया। रक्षा मंत्रालय के रक्षा संवाददाता पाठयक्रम-2016 पूरा किया। इसके बाद रक्षा मामलों की पत्रकारिता शुरू कर दी। चीन, पाकिस्तान और कश्मीर मामलों पर तीक्ष्ण नजर रहती है।
लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या 2017, राइफलमैन औरंगजेब की हत्या 2018, जम्मू—कश्मीर में बदले 2018 में बदले राजनीतिक समीकरण, पुलवामा हमला 2019, कश्मीर से 370 का हटना, गलवान घाटी मुठभेड़ 2020 को बेहद करीब से जम्मू और कश्मीर में रहकर ही कवर किया। कोरोना काल 2020 में भी लददाख से नेपाल तक की यात्रा चीन के बदलते समीकरण को लेकर की।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की रिपोर्टिंग की। 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या मामले में आए फैसले की अयोध्या से कवर किया। 2022 उत्तरप्रदेश् चुनाव को सहारनपुर से सोनभद्र तक मोटर साइकिल के माध्यम से कवर किया। पत्रकारिता से इतर आनंद मणि त्रिपाठी को संगीत और पर्यटन का जबरदस्त शौक है। इन्हें किसी भी कार्य में असंभव शब्द न प्रयोग करने के लिए जाना जाता है…
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