उत्तर प्रदेश के लखनऊ के किन अस्पतालों में कोविड-19 की पूरी जांच होती है और रिपोर्ट कितनी देर बाद दे दी जाती है?

488
news
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के किन अस्पतालों में कोविड-19 की पूरी जांच होती है और रिपोर्ट कितनी देर बाद दे दी जाती है?

भारत में कोरोनावायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में मरीजों की संख्या पहुंचकर 94,62,810 चुकी है, जिसमें कुल एक्टिव केसेज 4,35,603 हैं। अब तक 1,37,621 लोगों की मौत और 88,89,585 लोगों का उपचार हो चुका है और उन्हें हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है।अगर बात की जाए उत्तर प्रदेश के लखनऊ की तो पीजीआई और लोहिया संस्थान के बाद अब केजीएमयू में भी कोविड जांच के लिए 1500 रुपये शुल्क का नियम लागू हो गया है। इस कारण अब सरकारी अस्पतालों में मरीजों का बोझ बढ़ने की आशंका है। दरअसल, इन अस्पतालों में कोविड जांच की बाध्यता नहीं है। इसके अलावा जांच भी मुफ्त में हो रही है। ऐसे में जांच शुल्क देने में अक्षम मरीज सरकारी अस्पतालों की ओर रुख करेंगे।

कोरोना महामारी से पहले तक केजीएमयू की ओपीडी में रोजाना करीब 10 हजार मरीज आते थे। इसी तरह लोहिया संस्थान में पांच हजार और पीजीआई में तीन से दो से तीन हजार रोज आते थे। इनमें 50% मरीज सुपरस्पेशिएलिटी के होते हैं, जिनका इलाज अस्पतालों में नहीं हो सकता। इसके उलट करीब आठ हजार मरीज ऐसे होते हैं, जिनका इलाज जिला अस्पतालों में मुमकिन है।जिस व्यक्ति का टेस्ट कराया जाता है उसकी रिपोर्ट लैब से 48 घंटे के भीतर आने का नियम है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज को फोन के जरिए इसकी सूचना दे दी जाती है। स्वास्थ विभाग के पोर्टल पर इसे अपडेट किया जाता है। 
रिपोर्ट पॉजिटिव आने की सूचना मिलने के 48 घंटे के भीतर मरीज को अस्पताल में भर्ती या होम आइसोलेट करना पड़ता है।  

विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे मरीज अस्पतालों का रुख कर सकते हैं। सिविल व लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि अभी कोविड जांच के लिए शुल्क लेने का कोई आदेश नहीं है। अस्पतालों में फिलहाल जांच नि:शुल्क रहेगी, लेकिन ओपीडी में आने वाले उन्हीं मरीजों की जांच हेगी, जिनमें लक्षण होंगे।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी अंकुश के लिए रणनीति बनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि राजधानी में डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन का अभियान पूरी सक्रियता से चलाया जाए। इसके साथ ही एंटी लार्वा छिड़काव और फॉगिंग भी नियमित रूप से कराई जाए। डेंगू तथा अन्य संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए उन्होंने कार्यवाही तेजी से जारी रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ पूरी सतर्कता और सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। प्रदेश में अब तक कोविड-19 के डेढ़ करोड़ टेस्ट किये जा चुके हैं, जो देश में सर्वाधिक है।

यह भी पढ़े:अस्थमा रोगी कैसे कोरोना संक्रमण से बच सकते है?