भोपाल, मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के बुधनी विधानसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव जैसा नजारा नहीं है, इस बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज िंसह चौहान को कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव कड़ी टक्कर दे रहे है। इस बार का चुनाव इकतरफा नहीं है, यही कारण है कि, एक तरफ जहां यादव बुधनी में डेरा डाले हैं तो दूसरी ओर शिवराज के परिवार को गांव गांव घूमना पड़ रहा हैं ।
म्ुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चलते बुधनी विधानसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ बन चुका है, चौहान ने वर्ष 2008 में 40 हजार से ज्यादा और वर्ष 2013 में 84 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
मुख्यमंत्री चौहान एक बार फिर बुधनी से चुनाव मैदान में है, चौहान ने नामांकन भरने के बाद कार्यकर्ताओं की सहमति पर तय किया कि, वे चुनाव प्रचार करने नहीं आएंगे और चुनाव कार्यकर्ता ही लड़ेंगें। यही कारण है कि, नामांकन भरने के बाद चौहान प्रचार करने नहीं आए। उनके प्रचार की कमान पत्नी साधना सिंह और बेटा कार्तिकेय सिंह चौहान संभाले हुए है। साधना सिंह और कार्तिकेय ने विकास को मुददा बनाया है, दोनों ही अन्य कार्यकर्ताओं के साथ घर-घर पहुॅचकर बीते 15 साल में हुए विकास कार्यों का ब्यौरा देते हुए कह रहे है कि, चौहान को जिताकर फिर मुख्यमंत्री बनाइए, आगे भी विकास का दौर जारी रहेगा।
दूसरी ओर कांग्रेस ने चौहान को कड़ी चुनौती देने के लिए पूर्व प्रदेषाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को मैदान में उतारा है। यादव नामांकन भरने के बाद से विधानसभा क्षेत्र में ही डेरा डाले है और गांव-गांव , गली-गली घ्ूम रहे है। यादव कहते है कि, उनका नर्मदा नदी से नाता है, उनके खेतों की सिंचाई नर्मदा नदी के पानी से होती है और वे नर्मदा के किनारे बसे बुधनी से चुनाव लड़ रहे है।
इस इलाके के मतदाता एक ही बात कह रहे है कि, बीते चुनाव में कांग्रेस ने कोई दमखम नहीं दिखाया था, इस बार कांग्रेस भी मैदान में है, इसके चलते नतीजे कुछ भी हों मगर चुनाव जैसा लग रहा है। एक तरफ चौहान के परिवार को अपने विकास कार्य गिनाने पड़ रहे है तो दूसरी ओर कांग्रेस भी अपने आगे के कार्यक्रम बता रही है।
इस बार का बुधनी में चुनाव रोचक होने की वजह है, क्योंकि यहां मुकाबला दो पिछड़ों के बीच जो है। यहां गांव की समस्याएं और नर्मदा नदी एक बड़ा चुनावी मुददा बनी हुई है।
चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री चौहान के परिवार को कई गांव में विरोध का सामना करना पड़ा और यह वीडिया पूरे प्रदेष में वायरल हुए और इन वीडियो के आधार पर कांग्रेस ने भाजपा की प्रदेश सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस का आरोप है कि, जब मुख्यमंत्री के इलाके का यह हाल है तो प्रदेश के अन्य हिस्सों का क्या होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
चौहान की पत्नी साधना सिहं और बेटे कार्तिकेय को लोग अपनी समस्याएं भी गिना रहे है। दोनों ही अब तक हुए विकास का ब्यौरा देने के साथ आने वाले दिनों में और विकास होने का वादा कर रहे है। कुल मिलाकर देखें तो बुधनी का चुनाव बड़े रोचक मोड़ पर है, चौहान ने पिछला चुनाव 84 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीता था। इस बार ऐसा नहीं है।