उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध खनन और परिवहन पर लगाम लगाने के लिए ने इंटीग्रेटड माइंस सर्विलांस सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। इसके लिए विभाग में कमांड सेंटर की स्थापना होगी तथा प्रदेश मुख्यालय पर आसानी से मॉनीटरिंग की जा सकेगी। मानीटरिंग के लिए ड्रोन कैमरे और क्लाउड सर्विसेज की मदद ली जाएगी। ये जानकारी झाँसी जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी ने समीक्षा के दौरान दी।
उन्होंने बैठक में सभी को सख्त निर्देश दिए कि जहां भी अवैध खनन की शिकायत या जानकारी मिली तो संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन रॉयल्टी के भुगतान पर ईएमएम-11 लागू किया गया है, जिसे प्रदेश में उप खनिजों के अवैध परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण हो पाना संभव हुआ है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उपखनिजों का परिवहन करने वाले वाहनों की निगरानी के लिए पांच हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाले पट्टे के पट्टाधारकों को सीसीटीवी कैमरा और आरएफआईडी स्कैनर लगाया जाना अनिवार्य है तथा अवैध खनन करने वालों को ब्लैक लिस्ट करने का प्रावधान जोड़ा गया है। इसके अलावा खनिजों का दुरुपयोग और ओवरलोडिंग रोकने के लिए जीपीएस प्रणाली भी लागू की जा रही है।
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जिलाधिकारी के साथ इस बैठक में एडीएम नगेंद्र शर्मा, बी प्रसाद, नगर मजिस्ट्रेट राम प्रकाश, एसडीएम मोंठ मंजूर अहमद खान, एसडीएम सदर राजकुमार, गरौठा धीरेंद्र प्रताप मौजूद रहे।