Hindu Muslim politics on holiday in schools in Bihar Sushil Modi attacked Nitish Samrat Chaudhary said Tughlaqi decision – स्कूलों में छुट्टी पर हिंदू मुस्लिम सियासत; सुशील मोदी नीतीश पर हमलावर, सम्राट चौधरी ने बताया तुगलकी फरमान, बिहार न्यूज h3>
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बिहार के शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में छुट्टी का कैलेंडर जारी किए जाने के बाद राजनीति तेज हो गई है। केके पाठक के हालिया आदेश में रक्षाबंधन, विश्वकर्मा पूजा, जिउतिया जैसे हिंदू पर्वों की छुट्टियां खत्म कर दी गई हैं वहीं दुर्गा पूजा की छुट्टियां में कटौती कर दी गई है। बीजेपी ने इसे लेकर नीतीश सरकार पर करारा हमला बोला है। एक बार फिर बिहार के स्कूलों में छुट्टियों को लेकर हिंदू मुस्लिम सियासत तेज हो गई है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि हिंदुओं के पर्व त्योहार की छुट्टियों को रद्द करना हिंदू विरोधी मानसिकता का परिचायक है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान जारी करते हुए सुशील मोदी ने कहा है कि देर रात छुट्टियों की लिस्ट जारी करते हुए नीतीश सरकार ने अपनी हिंदू विरोधी मानसिकता उजागर कर दिया है। यह निर्णय हिंदुओं की भावनाओं को आघात करने वाला है। सरकार की ओर से जानबूझकर हिंदुओं के पर्व त्योहार पर छुट्टियों को रद्द कर दिया है। सुशील मोदी ने कहा कि सरकार के इशारे पर शिक्षा विभाग ने हिंदुओं के पर्व रामनवमी, जन्माष्टमी रक्षाबंधन, जिउतिया जैसे महत्वपूर्ण त्योहार पर छुट्टियों को रद्द किया गया है।इसके साथ-साथ दीपावली,छठ, दुर्गा पूजा जैसे पर्वों में छुट्टियों में भारी कटौती कर दी गई है। सुशील मोदी ने कहा है कि दूसरी और मुसलमान के पर्व त्योहारों की छुट्टियों को बढ़ा दिया गया है।
सुशील मोदी ने कहा है कि हिंदुओं के सबसे बड़े आराध्य भगवान राम और भगवान कृष्ण हैं। तो किस आधार पर नीतीश सरकार ने इन पर्व में छुट्टियों को रद्द कर दिया? चुन चुन कर हिंदुओं के पर्व त्योहार की छुट्टियों को रद्द किया गया है। सरकार ने महिलाओं का भी ख्याल नहीं रखा जो अनंत चतुर्दशी और जिउतिया रक्षाबंधन के अवसर पर उपवास में रहती हैं।
सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को चेतावनी दी है कि सरकार की हिंदू विरोधी मानसिकता को बीजेपी कतई स्वीकार नहीं करेगी और मुसलमान को खुश करने के लिए हिंदू की छुट्टियों को खत्म कर जीत हासिल नहीं कर सकते दूसरी और हिंदू समाज को जातियों में बताकर भी आप हिंदुओं का वोट नहीं ले सकती। बिहार की जनता आपको इसका करारा जवाब देगी।
सुशील मोदी ने मुस्लिम इलाकों में शुक्रवार की छुट्टी पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि यह देश सेकुलर है जहां हिंदू- मुसलमान सबको एक नजर से देखा जाता है। अभी तक हिंदू मुसलमान सिख इसाई सबके लिए सप्ताह के किसी एक दिन छुट्टी की जो व्यवस्था लागू है वही सही है। मुसलमान को शुक्रवार की छुट्टी मिलेगी तो सिखों, ईसाई और हिंदुओं को भी उनकी सुविधा के अनुसार छुट्टी देने की मांग उठेगी।
इधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस निर्णय को तुगलकी फरमान बताया है। उन्होंने इसे सरकार का तानाशाही रवैया करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि महागठबंधन सरकार ने तुष्टीकरण के चक्कर में गलत फैसला लिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की सरकार लगातार ऐसा काम कर रही है। पहले भी दुर्गा पूजा के समय छुट्टियों को रद्द किया गया था और दुर्गा पूजा में शिक्षकों की ट्रेनिंग का प्रोग्राम जारी कर दिया गया था जिसे सरकार को जनता के दबाव में वापस लेना पड़ा।
सम्राट चौधरी ने दावा किया है कि सरकार को अपना यह फैसला वापस लेना पड़ेगा। उन्होंने अभी कहा कि सरकार अब ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है। पहले भी सरकार अपने डिसीजन पर यू टर्न मार चुकी है। इस आदेश को भी वापस लेना ही पड़ेगा। जनता आगामी चुनाव में इन्हें सबक सिखा देगी।
बताते चलें कि शिक्षा विभाग ने 2024 कैलेंडर वर्ष के लिए इस बार कई बदलाव किये गये हैं। रक्षाबंधन की छुट्टी को खत्म कर दिया गया है। वहीं, गर्मी की छुट्टी 20 से बढ़ाकर 30 दिनों की कर दी गई है। विभाग ने तय किया है कि गर्मी की छुट्टी के दौरान भी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी अन्य दिनों की भांति स्कूल आते रहेंगे। दिवाली में एक दिन और छठ में तीन दिनों की छुट्टी रहेगी। होली पर दो व दुर्गापूजा में तीन दिनों की छुट्टी रहेगी। तीज, जिउतिया, जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि की छुट्टी खत्म कर दी गई है। 2023 में तीज की दो व जिउतिया पर एक दिन की छुट्टी थी। विभाग ने पहली बार पहली से 12 वीं कक्षा के लिए एक तरह की छुट्टी तालिका तय की है। इससे पहले प्रारंभिक स्कूलों के लिए जिला छुट्टी तय करता था।
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बिहार के शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में छुट्टी का कैलेंडर जारी किए जाने के बाद राजनीति तेज हो गई है। केके पाठक के हालिया आदेश में रक्षाबंधन, विश्वकर्मा पूजा, जिउतिया जैसे हिंदू पर्वों की छुट्टियां खत्म कर दी गई हैं वहीं दुर्गा पूजा की छुट्टियां में कटौती कर दी गई है। बीजेपी ने इसे लेकर नीतीश सरकार पर करारा हमला बोला है। एक बार फिर बिहार के स्कूलों में छुट्टियों को लेकर हिंदू मुस्लिम सियासत तेज हो गई है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि हिंदुओं के पर्व त्योहार की छुट्टियों को रद्द करना हिंदू विरोधी मानसिकता का परिचायक है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान जारी करते हुए सुशील मोदी ने कहा है कि देर रात छुट्टियों की लिस्ट जारी करते हुए नीतीश सरकार ने अपनी हिंदू विरोधी मानसिकता उजागर कर दिया है। यह निर्णय हिंदुओं की भावनाओं को आघात करने वाला है। सरकार की ओर से जानबूझकर हिंदुओं के पर्व त्योहार पर छुट्टियों को रद्द कर दिया है। सुशील मोदी ने कहा कि सरकार के इशारे पर शिक्षा विभाग ने हिंदुओं के पर्व रामनवमी, जन्माष्टमी रक्षाबंधन, जिउतिया जैसे महत्वपूर्ण त्योहार पर छुट्टियों को रद्द किया गया है।इसके साथ-साथ दीपावली,छठ, दुर्गा पूजा जैसे पर्वों में छुट्टियों में भारी कटौती कर दी गई है। सुशील मोदी ने कहा है कि दूसरी और मुसलमान के पर्व त्योहारों की छुट्टियों को बढ़ा दिया गया है।
सुशील मोदी ने कहा है कि हिंदुओं के सबसे बड़े आराध्य भगवान राम और भगवान कृष्ण हैं। तो किस आधार पर नीतीश सरकार ने इन पर्व में छुट्टियों को रद्द कर दिया? चुन चुन कर हिंदुओं के पर्व त्योहार की छुट्टियों को रद्द किया गया है। सरकार ने महिलाओं का भी ख्याल नहीं रखा जो अनंत चतुर्दशी और जिउतिया रक्षाबंधन के अवसर पर उपवास में रहती हैं।
सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को चेतावनी दी है कि सरकार की हिंदू विरोधी मानसिकता को बीजेपी कतई स्वीकार नहीं करेगी और मुसलमान को खुश करने के लिए हिंदू की छुट्टियों को खत्म कर जीत हासिल नहीं कर सकते दूसरी और हिंदू समाज को जातियों में बताकर भी आप हिंदुओं का वोट नहीं ले सकती। बिहार की जनता आपको इसका करारा जवाब देगी।
सुशील मोदी ने मुस्लिम इलाकों में शुक्रवार की छुट्टी पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि यह देश सेकुलर है जहां हिंदू- मुसलमान सबको एक नजर से देखा जाता है। अभी तक हिंदू मुसलमान सिख इसाई सबके लिए सप्ताह के किसी एक दिन छुट्टी की जो व्यवस्था लागू है वही सही है। मुसलमान को शुक्रवार की छुट्टी मिलेगी तो सिखों, ईसाई और हिंदुओं को भी उनकी सुविधा के अनुसार छुट्टी देने की मांग उठेगी।
इधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस निर्णय को तुगलकी फरमान बताया है। उन्होंने इसे सरकार का तानाशाही रवैया करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि महागठबंधन सरकार ने तुष्टीकरण के चक्कर में गलत फैसला लिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की सरकार लगातार ऐसा काम कर रही है। पहले भी दुर्गा पूजा के समय छुट्टियों को रद्द किया गया था और दुर्गा पूजा में शिक्षकों की ट्रेनिंग का प्रोग्राम जारी कर दिया गया था जिसे सरकार को जनता के दबाव में वापस लेना पड़ा।
सम्राट चौधरी ने दावा किया है कि सरकार को अपना यह फैसला वापस लेना पड़ेगा। उन्होंने अभी कहा कि सरकार अब ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है। पहले भी सरकार अपने डिसीजन पर यू टर्न मार चुकी है। इस आदेश को भी वापस लेना ही पड़ेगा। जनता आगामी चुनाव में इन्हें सबक सिखा देगी।
बताते चलें कि शिक्षा विभाग ने 2024 कैलेंडर वर्ष के लिए इस बार कई बदलाव किये गये हैं। रक्षाबंधन की छुट्टी को खत्म कर दिया गया है। वहीं, गर्मी की छुट्टी 20 से बढ़ाकर 30 दिनों की कर दी गई है। विभाग ने तय किया है कि गर्मी की छुट्टी के दौरान भी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी अन्य दिनों की भांति स्कूल आते रहेंगे। दिवाली में एक दिन और छठ में तीन दिनों की छुट्टी रहेगी। होली पर दो व दुर्गापूजा में तीन दिनों की छुट्टी रहेगी। तीज, जिउतिया, जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि की छुट्टी खत्म कर दी गई है। 2023 में तीज की दो व जिउतिया पर एक दिन की छुट्टी थी। विभाग ने पहली बार पहली से 12 वीं कक्षा के लिए एक तरह की छुट्टी तालिका तय की है। इससे पहले प्रारंभिक स्कूलों के लिए जिला छुट्टी तय करता था।