Gyanvapi: ज्ञानवापी का बाबरी जैसा करेंगे हाल, विश्व हिंदू सेना की चेतवानी- मां श्रृंगार गौरी का सावन में करेंगे जलाभिषेक h3>
वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। ज्ञानवापी मामले में अदालती आदेश के बाद कमीशन की कार्यवाही हुई। कमीशन की कार्यवाही में ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया। इस दावे के बाद से ही हिंदू संगठनों की ओर से ज्ञानवापी मामले पर अपना रुख और कड़ा कर लिया है। ऐसी ही एक संस्था विश्व हिंदू सेना ने अब 8 अगस्त को ज्ञानवापी कूच करने का ऐलान किया है। 8 अगस्त को सावन का आखिरी सोमवार है। इस दिन विश्व हिंदू सेना (vishwa hindu sena) ने श्रृंगार गौरी के दर्शन और जलाभिषेक (shringar gauri sawan jalabhishek) का ऐलान कर प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है। उन्होंने बाबरी की तरह ज्ञानवापी का हाल करने की बात भी कही है।
विश्व हिंदू सेना के महासचिव दिग्विजय चौबे ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बड़ी चेतावनी दी। दिग्विजय चौबे ने कहा कि 8 अगस्त को संस्था एक बड़े आंदोलन की तैयारी कर रही है। सावन के आखिरी सोमवार को संस्था लाखों लोगों के साथ ज्ञानवापी परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी का जलाभिषेक करने पहुंचेंगे। प्रशासन ने अगर इजाजत दे दी तो सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से होगा। अन्यथा बाबरी मस्जिद की तरह ही ज्ञानवापी मस्जिद का भी हाल किया जाएगा।
कौन है विश्व हिंदू सेना संस्था का प्रमुख
विश्व हिंदू सेना का गठन वाराणसी के मूल निवासी अरुण पाठक ने 2019 में किया। इसी वर्ष शिव सेना ने बीजेपी को छोड़ कर कांग्रेस और एनसीपी का दामन थाम लिया था। उद्धव ठाकरे के इस कदम के विरोध में शिव सेना के तत्कालीन यूपी के प्रभारी ने विश्व हिंदू सेना का गठन किया। ये संगठन कट्टर हिंदूवादी के तौर पर जानी जाती है। नेपाल के पूर्व पीएम केपी ओली के आपत्तिजनक बयानों के बाद संस्था के अध्यक्ष अरुण पाठक के ऊपर नेपाली युवक का बाल मुंडवा देने का आरोप लगा, जिसके बाद से अरुण पाठक अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
अरुण पाठक ने कहा कि 1991 के बाद से लगातार श्रृंगार गौरी के दर्शन को लेकर प्रशासन के लिए सिरदर्द बना रहा है। ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी पर जलाभिषेक करने के लिए नवरात्र के चतुर्थी के दिन लगातार अरुण पाठक ने हर वर्ष आंदोलन किया है। 1995 में जलाभिषेक से रोके जाने के खिलाफ अरुण पाठक ने अपनी नस काट ली थी, जिसके बाद हर वर्ष अरुण पाठक रक्ताभिषेक कर लगातार चर्चा में बना रहता है।
कावरियों के बीच पहचान पाना होगा प्रशासन के लिए चुनौती
सावन के महीने में लाखों की संख्या में रोजाना कांवड़िए जलाभिषेक के लिए बाबा दरबार पहुंचते हैं। सावन के आखिरी सोमवार को भी कांवरियों की भारी भीड़ होगी। ऐसे में विश्व हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं को पहचानना और ज्ञानवापी परिसर के अंदर घुसने से रोकना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
रिपोर्ट – अभिषेक कुमार झा
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विश्व हिंदू सेना के महासचिव दिग्विजय चौबे ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बड़ी चेतावनी दी। दिग्विजय चौबे ने कहा कि 8 अगस्त को संस्था एक बड़े आंदोलन की तैयारी कर रही है। सावन के आखिरी सोमवार को संस्था लाखों लोगों के साथ ज्ञानवापी परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी का जलाभिषेक करने पहुंचेंगे। प्रशासन ने अगर इजाजत दे दी तो सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से होगा। अन्यथा बाबरी मस्जिद की तरह ही ज्ञानवापी मस्जिद का भी हाल किया जाएगा।
कौन है विश्व हिंदू सेना संस्था का प्रमुख
विश्व हिंदू सेना का गठन वाराणसी के मूल निवासी अरुण पाठक ने 2019 में किया। इसी वर्ष शिव सेना ने बीजेपी को छोड़ कर कांग्रेस और एनसीपी का दामन थाम लिया था। उद्धव ठाकरे के इस कदम के विरोध में शिव सेना के तत्कालीन यूपी के प्रभारी ने विश्व हिंदू सेना का गठन किया। ये संगठन कट्टर हिंदूवादी के तौर पर जानी जाती है। नेपाल के पूर्व पीएम केपी ओली के आपत्तिजनक बयानों के बाद संस्था के अध्यक्ष अरुण पाठक के ऊपर नेपाली युवक का बाल मुंडवा देने का आरोप लगा, जिसके बाद से अरुण पाठक अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
अरुण पाठक ने कहा कि 1991 के बाद से लगातार श्रृंगार गौरी के दर्शन को लेकर प्रशासन के लिए सिरदर्द बना रहा है। ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी पर जलाभिषेक करने के लिए नवरात्र के चतुर्थी के दिन लगातार अरुण पाठक ने हर वर्ष आंदोलन किया है। 1995 में जलाभिषेक से रोके जाने के खिलाफ अरुण पाठक ने अपनी नस काट ली थी, जिसके बाद हर वर्ष अरुण पाठक रक्ताभिषेक कर लगातार चर्चा में बना रहता है।
कावरियों के बीच पहचान पाना होगा प्रशासन के लिए चुनौती
सावन के महीने में लाखों की संख्या में रोजाना कांवड़िए जलाभिषेक के लिए बाबा दरबार पहुंचते हैं। सावन के आखिरी सोमवार को भी कांवरियों की भारी भीड़ होगी। ऐसे में विश्व हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं को पहचानना और ज्ञानवापी परिसर के अंदर घुसने से रोकना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
रिपोर्ट – अभिषेक कुमार झा