Ghaziabad: सेफ नहीं Smart Car, इस चाइनीज डिवाइस से 15 मिनट में हो जाएगी चोरी, बचने के ये तरीके जानिए h3>
स्मार्ट और लग्जरी कारों को सबसे सुरक्षित माना जाता है। हालांकि चोरों ने इनसे भी निपटने का तरीका निकाल लिया है। अब चाइनीज ऐप के जरिए इंजन कंट्रोल मॉड्यूल (ईसीएम) का हैक कर रहे हैं। गाजियाबाद पुलिस ने एक गैंग को पकड़ा है। इनके पास से 4 फॉर्च्यूनर, एक क्रेटा और स्कॉर्पियो समेत 8 कारें बरामद हुईं है।
अंकित तिवारी, गाजियाबाद: लग्जरी कारें अपने सिक्यॉरिटी फीचर के लिए भी जानी जाती हैं। लेकिन, क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गैंग को पकड़ा है, जिनके निशाने पर ऐसी ही कारें होती थीं। इंजन कंट्रोल मॉड्यूल (ECM) को चाइनीज डिवाइस से कनेक्ट कर हैक कर लेते थे। इसके बाद सिर्फ 15 मिनट में कार चुरा लेते। गैंग के बदमाशों के निशाने पर सिर्फ नो-पार्किंग में खड़ी कारें होती थीं। चोरी की कारों के चेसिस और इंजन नंबर को बदलने के बाद फर्जी कागज तैयार कराते, उसके बाद कई वेबसाइट पर बेच देते थे। क्राइम ब्रांच ने गैंग के 4 बदमाशों को गिरफ्तार कर 4 फॉर्च्यूनर, एक क्रेटा और स्कॉर्पियो समेत 8 कारें बरामद की हैं। कई फर्जी आरसी, नंबर प्लेट, 29 चाबियां और दूसरे सामान भी बरामद हुए हैं।एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि बदमाशों के नाम तौसीफ कुरैशी, राहुल त्यागी, इरफान और मधु अग्रवाल है, उनके 2 साथी इस्माइल और आदिल फरार हैं। गैंग के बदमाश पूरे सिस्टम के तहत काम करते थे। मधु की जिम्मेदारी थी कि ऑनलाइन कौन सी कारों की डिमांड ज्यादा है, उसका पता करना। मधु ने पुरानी कार बेचने वाली कई वेबसाइट और ऐप पर अपने अकाउंट बनाए थे। कार तय होने के बाद दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब से कार चुराते थे। गैंग के बदमाश ज्यादातर उन्हीं कारों को निशाना बनाते थे, जो नो-पार्किंग में खड़ी होती थीं।
कार में बैठकर ही बनाते थे चाबी
पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि कार चुराने के लिए चाइना में बने एक ऐप बेस्ड डिवाइस का इस्तेमाल करते थे। डिक्की से कार में घुसते, फिर चाइनीज डिवाइस को ECM में फिट कर देते थे। इसके बाद कार की पूरी कंट्रोलिंग बदमाशों के हाथ में हो जाती थी। ECM का कंट्रोल मिलने के बाद कार के अंदर से ही उसकी चाबी बना लेते थे। फिर कार लेकर आसानी से निकल जाते थे। ECM से कनेक्ट कर चाबी बनाने का काम आदिल का होता था। वह दिल्ली से चाइनीज डिवाइस लेकर आया था। इसकी मदद से किसी भी लग्जरी कार को स्टार्ट कर लेता था। कार में लगे जीपीएस को डिएक्टिवेट करने का काम भी उसी का होता था।
अब तक 30 कारें बेच चुका है गैंग
कार चुराने के बाद बदमाश उसके चेसिस और इंजन नंबर को बदल देते थे। फिर उन्हीं नंबरों के आधार पर उसका फर्जी पेपर तैयार कर लेते थे। कार का इंश्योरेंस पेपर भी फर्जी होता था। कार के सारे फर्जी पेपर तैयार होने के बाद अगला काम मधु का होता था। वह उन्हीं कागजों के आधार पर कार को विभिन्न वेबसाइट पर बिक्री के लिए डालती थी। कई बार मार्केट वैल्यू से 50-60 पर्सेंट कम रेट कार बेच दी जाती थी। गैंग ने 20 लाख रुपये की अधिकतम कीमत में कार बेची हैं। एडीसीपी क्राइम ने बताया कि आरोपियों ने अब तक करीब 30 कारों को इस तरह से बेचा है।
कार की सेफ्टी ऐसे होगी पुख्ता
1. गियर और स्टीयरिंग लॉक – गियर और स्टीयरिंग लॉक काफी हद तक कार की सुरक्षा को पुख्ता कर देते हैं। बाजार में स्टीयरिंग लॉक करीब 1200 रुपये में मिल जाता है। इसी रेंज में गियर लॉक भी मिल जाता है।
2. वील लॉक – कई बार वील लॉक का इस्तेमाल ट्रैफिक पुलिस नो-पार्किंग में खड़े वाहनों से जुर्माना वसूलने में करती है। मार्केट में यह 2500 रुपये के आसपास में मिल जाता है। सुरक्षा के लिए यह बेस्ट ऑप्शन है।
3. सेंट्रल लॉक – काफी एडवांस लेवल के सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम अब बाजार में आ चुके हैं। अधिकतर कारों में ये सिस्टम लगा हुआ मिलता है। लग्जरी कारों के सेंट्रल लॉक से कार की स्टीयरिंग और गियर भी लॉक हो जाता है। अगर आपकी कार में न हो तो मार्केट से भी लगवा सकते हैं।
4. अलार्म सिस्टम – कार में किसी तरह के छेड़छाड़ को इसकी मदद से आसानी से पकड़ा जा सकता है। काफी एडवांस लेवल के अलार्म सिस्टम बाजार में हैं। कई बार कार को टच करने पर भी ऐसे अलार्म बज जाते हैं, जिससे लोग अलर्ट हो जाते हैं।
5. स्मार्ट की – कुछ साल पहले ही लग्जरी कारों के साथ स्मार्ट की का फीचर मार्केट में आया है। चाबी की जगह अब इसका इस्तेमाल बढ़ गया है। स्मार्ट की रिमोट की तरह होती है, जिसका बटन दबाने पर ही कार स्टार्ट होती है।
6. सुनसान जगह न करें पार्क – सुनसान जगह कार को पार्क न करें। जहां लोगों की आवाजाही हो या आपकी नजर हो, उसी जगह कार खड़ी करें। ऐसे संभव न हो तो किसी वैध पार्किंग में या सीसीटीवी कैमरे के सामने ही गाड़ी खड़ी करना सुरक्षित होगा।
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स्मार्ट और लग्जरी कारों को सबसे सुरक्षित माना जाता है। हालांकि चोरों ने इनसे भी निपटने का तरीका निकाल लिया है। अब चाइनीज ऐप के जरिए इंजन कंट्रोल मॉड्यूल (ईसीएम) का हैक कर रहे हैं। गाजियाबाद पुलिस ने एक गैंग को पकड़ा है। इनके पास से 4 फॉर्च्यूनर, एक क्रेटा और स्कॉर्पियो समेत 8 कारें बरामद हुईं है।
कार में बैठकर ही बनाते थे चाबी
पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि कार चुराने के लिए चाइना में बने एक ऐप बेस्ड डिवाइस का इस्तेमाल करते थे। डिक्की से कार में घुसते, फिर चाइनीज डिवाइस को ECM में फिट कर देते थे। इसके बाद कार की पूरी कंट्रोलिंग बदमाशों के हाथ में हो जाती थी। ECM का कंट्रोल मिलने के बाद कार के अंदर से ही उसकी चाबी बना लेते थे। फिर कार लेकर आसानी से निकल जाते थे। ECM से कनेक्ट कर चाबी बनाने का काम आदिल का होता था। वह दिल्ली से चाइनीज डिवाइस लेकर आया था। इसकी मदद से किसी भी लग्जरी कार को स्टार्ट कर लेता था। कार में लगे जीपीएस को डिएक्टिवेट करने का काम भी उसी का होता था।
अब तक 30 कारें बेच चुका है गैंग
कार चुराने के बाद बदमाश उसके चेसिस और इंजन नंबर को बदल देते थे। फिर उन्हीं नंबरों के आधार पर उसका फर्जी पेपर तैयार कर लेते थे। कार का इंश्योरेंस पेपर भी फर्जी होता था। कार के सारे फर्जी पेपर तैयार होने के बाद अगला काम मधु का होता था। वह उन्हीं कागजों के आधार पर कार को विभिन्न वेबसाइट पर बिक्री के लिए डालती थी। कई बार मार्केट वैल्यू से 50-60 पर्सेंट कम रेट कार बेच दी जाती थी। गैंग ने 20 लाख रुपये की अधिकतम कीमत में कार बेची हैं। एडीसीपी क्राइम ने बताया कि आरोपियों ने अब तक करीब 30 कारों को इस तरह से बेचा है।
कार की सेफ्टी ऐसे होगी पुख्ता
1. गियर और स्टीयरिंग लॉक – गियर और स्टीयरिंग लॉक काफी हद तक कार की सुरक्षा को पुख्ता कर देते हैं। बाजार में स्टीयरिंग लॉक करीब 1200 रुपये में मिल जाता है। इसी रेंज में गियर लॉक भी मिल जाता है।
2. वील लॉक – कई बार वील लॉक का इस्तेमाल ट्रैफिक पुलिस नो-पार्किंग में खड़े वाहनों से जुर्माना वसूलने में करती है। मार्केट में यह 2500 रुपये के आसपास में मिल जाता है। सुरक्षा के लिए यह बेस्ट ऑप्शन है।
3. सेंट्रल लॉक – काफी एडवांस लेवल के सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम अब बाजार में आ चुके हैं। अधिकतर कारों में ये सिस्टम लगा हुआ मिलता है। लग्जरी कारों के सेंट्रल लॉक से कार की स्टीयरिंग और गियर भी लॉक हो जाता है। अगर आपकी कार में न हो तो मार्केट से भी लगवा सकते हैं।
4. अलार्म सिस्टम – कार में किसी तरह के छेड़छाड़ को इसकी मदद से आसानी से पकड़ा जा सकता है। काफी एडवांस लेवल के अलार्म सिस्टम बाजार में हैं। कई बार कार को टच करने पर भी ऐसे अलार्म बज जाते हैं, जिससे लोग अलर्ट हो जाते हैं।
5. स्मार्ट की – कुछ साल पहले ही लग्जरी कारों के साथ स्मार्ट की का फीचर मार्केट में आया है। चाबी की जगह अब इसका इस्तेमाल बढ़ गया है। स्मार्ट की रिमोट की तरह होती है, जिसका बटन दबाने पर ही कार स्टार्ट होती है।
6. सुनसान जगह न करें पार्क – सुनसान जगह कार को पार्क न करें। जहां लोगों की आवाजाही हो या आपकी नजर हो, उसी जगह कार खड़ी करें। ऐसे संभव न हो तो किसी वैध पार्किंग में या सीसीटीवी कैमरे के सामने ही गाड़ी खड़ी करना सुरक्षित होगा।
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