Ghaziabad: ग्लूकोज की बोलतों में मिसी फंगस, अस्पताल में मचा हड़कंप, जानिए कितनी होती है खतरनाक
क्या हो सकता है नुकसान
जिन बोतलों में फंगस मिला, उनमें रिंगल लेक्टेट (RL) फ्लूड था। डिहाइड्रेशन वाले मरीजों को यह ग्लूकोज चढ़ाया जाता है। उल्टी, दस्त या ऐसी किसी दिक्कत में सबसे पहले यही ग्लूकोज चढ़ाया जाता है। सीनियर ईएनटी सर्जन डॉ. नवनीत वर्मा ने बताया कि लगातार डिहाइड्रेशन बने रहने से शरीर में लैक्टिक एसिड बन जाता है। एलआर इस स्थिति में मरीज को तुरंत आराम देता है। इसमें कोई और दवा नहीं मिलाई जाती।
इसमें जो फ्लूड होता है, वह मानव शरीर में मौजूद फ्लूड जैसा ही होता है। यदि इसमें फंगस है तो वह मरीज के लिए बेहद गंभीर हो सकता है। इससे फंगस सीधे खून में पहुंच जाएगा और शरीर में कहीं भी एकत्र होकर गंभीर बीमारी की वजह बन सकता है। डॉ. नवनीत ने बताया कि ग्लूकोज में फंगस लगने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें पहला कारण है कि बोतल खुली हो या उसकी पैकिंग के दौरान ही फंगस गया हो। इसके अलावा पैकिंग के दौरान बरती गई लापरवाही के कारण ग्लूकोज में फंगस बन सकता है। पुरानी बोतलों को बिना अच्छे से साफ किए दोबारा पैक करने से भी फंगस आ सकता है।
डॉ. विनोद चंद पांडेय, सीएमएस, कंबाइंड अस्पताल
फंगस वाली ग्लूकोज की बोतल सप्लाई बड़ी लापरवाही है। इस संबंध में ड्रग वेयर हाउस के जरिए शासन को सूचना दी गई है। कंपनी को भी नोटिस भेजा जा रहा है। उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।