Ghaziabad: ग्लूकोज की बोलतों में मिसी फंगस, अस्पताल में मचा हड़कंप, जानिए कितनी होती है खतरनाक

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Ghaziabad: ग्लूकोज की बोलतों में मिसी फंगस, अस्पताल में मचा हड़कंप, जानिए कितनी होती है खतरनाक

Ghaziabad: ग्लूकोज की बोलतों में मिसी फंगस, अस्पताल में मचा हड़कंप, जानिए कितनी होती है खतरनाक


गाजियाबाद: संजय नगर के जिला कंबाइंड अस्पताल में शुक्रवार को बड़ी गड़बड़ी सामने आई। मरीजों को चढ़ाने के लिए ग्लूकोज की 200 बोतलें भेजी गई थीं। उन बोतलों में फंगस मिली है। इमरजेंसी और जनरल वॉर्ड में मरीजों को ग्लूकोज की जरूरत हुई तो स्टॉक खोला गया। पूरी पेटी में फंगस वाली ग्लूकोज मिली तो स्टॉक की जांच की गई। बताया गया कि सभी बोतलों में फंगस थी। इसके बाद ग्लूकोज के इस लॉट को वापस वेयर हाउस भेज दिया गया है। अस्पताल के सीएमएस डॉ. विनोद चंद पांडेय ने कहा कि बोतलों को वापस भेजकर जांच के आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।कंबाइंड अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि करीब 15 दिन पहले ग्लूकोज की बोतलों की सप्लाई हुई थी। उस वक्त स्टोर में सभी 200 बोतलों को रखवा दिया गया था। इमरजेंसी और जनरल वॉर्ड के मरीजों को शुक्रवार सुबह ग्लूकोज की जरूरत बताई गई। कर्मचारी ने एक पेटी खोली तो उसमें से निकली बोतलों में फंगस मिली। इसके बाद सभी पेटी खोलकर जांच हुई। जो बोतलें अस्पताल को मिली थीं, उन सभी में फंगस मिली। कर्मचारियों ने पहले से रखे स्टॉक में से ग्लूकोज निकालकर इमरजेंसी और जनरल वॉर्ड में भेजी। फंगस वाली बोतलों के बारे में सीएमएस और ड्रग वेयर हाउस को सूचना दी गई। दोपहर बाद सभी बोतलों को वेयर हाउस में वापस भेज दिया गया। अस्पताल के सीएमएस ने कहा कि ग्लूकोज की बोतल किस कंपनी से आईं, उसका बैच नंबर आदि की जानकारी लेकर शासन को रिपोर्ट भेजी गई है।

क्या हो सकता है नुकसान

जिन बोतलों में फंगस मिला, उनमें रिंगल लेक्टेट (RL) फ्लूड था। डिहाइड्रेशन वाले मरीजों को यह ग्लूकोज चढ़ाया जाता है। उल्टी, दस्त या ऐसी किसी दिक्कत में सबसे पहले यही ग्लूकोज चढ़ाया जाता है। सीनियर ईएनटी सर्जन डॉ. नवनीत वर्मा ने बताया कि लगातार डिहाइड्रेशन बने रहने से शरीर में लैक्टिक एसिड बन जाता है। एलआर इस स्थिति में मरीज को तुरंत आराम देता है। इसमें कोई और दवा नहीं मिलाई जाती।

इसमें जो फ्लूड होता है, वह मानव शरीर में मौजूद फ्लूड जैसा ही होता है। यदि इसमें फंगस है तो वह मरीज के लिए बेहद गंभीर हो सकता है। इससे फंगस सीधे खून में पहुंच जाएगा और शरीर में कहीं भी एकत्र होकर गंभीर बीमारी की वजह बन सकता है। डॉ. नवनीत ने बताया कि ग्लूकोज में फंगस लगने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें पहला कारण है कि बोतल खुली हो या उसकी पैकिंग के दौरान ही फंगस गया हो। इसके अलावा पैकिंग के दौरान बरती गई लापरवाही के कारण ग्लूकोज में फंगस बन सकता है। पुरानी बोतलों को बिना अच्छे से साफ किए दोबारा पैक करने से भी फंगस आ सकता है।

डॉ. विनोद चंद पांडेय, सीएमएस, कंबाइंड अस्पताल

फंगस वाली ग्लूकोज की बोतल सप्लाई बड़ी लापरवाही है। इस संबंध में ड्रग वेयर हाउस के जरिए शासन को सूचना दी गई है। कंपनी को भी नोटिस भेजा जा रहा है। उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।

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