farmers black day: घर की छत और ट्रैक्टर पर किसानों ने लगाए काले झंडे, राकेश टिकैत बोले- कोविड गाइडलाइन का होगा पालन

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farmers black day: घर की छत और ट्रैक्टर पर किसानों ने लगाए काले झंडे, राकेश टिकैत बोले- कोविड गाइडलाइन का होगा पालन

farmers black day: घर की छत और ट्रैक्टर पर किसानों ने लगाए काले झंडे, राकेश टिकैत बोले- कोविड गाइडलाइन का होगा पालन

हाइलाइट्स:

  • तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर काला दिवस आज
  • सिंघु, टीकरी, गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षाबल तैनात, बॉर्डरों पर बैरिकेडिंग कर सील किया गया
  • टिकैत ने कहा कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा, कोविड गाइडलाइन का पालन किया जाएगा

नई दिल्ली
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर आज काला दिवस मनाया जा रहा है। इसके चलते सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षाबल तैनात हैं। बॉर्डरों पर बैरिकेडिंग कर उन्हें सील कर दिया गया है। वहीं पंजाब में किसान अपने घरों की छत और ट्रैक्टर पर काले झंडे लगाकर प्रदर्शन में शामिल हो रहे हें। बीकेयू प्रमुख राकेश टिकैत ने कहा कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा, कोविड गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।

राकेश टिकैत ने कहा, ‘हमारे पास तिरंगा भी है। 6 महीने हो चुके हैं लेकिन सरकार हमारी सुन नहीं रही है। इसलिए किसान काले झंडे लगा रहे हैं। यह शांतिपूर्ण किया जाएगा। हम कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। कोई यहां नहीं आएगा। लोग जहां हैं वहीं काले झंडे लगा रहे हैं।’ पंजाब में अमृतसर के छाबा गांव में लोगों ने अपने घर की छत और ट्रैक्टर पर काले झंडे लगाकर काला दिवस मनाया।

गाजीपुर बॉर्डर पर लगी धारा 144
किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने अपना पहरा बढ़ा दिया है। सभी बॉर्डरों पर बैरिकेडिंग लगा दी गई है। गाजीपुर बॉर्डर पर पोस्टर लगाया गया है जिसमें लिखा है- इस स्थल पर धारा 144 लगा दी गई है। किसी भी तरह के आयोजन और भीड़ को यहां आने की अनुमति नहीं है। इसके उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी।

दिल्ली पुलिस के सामने है बड़ी चुनौती

दिल्ली पुलिस के सामने सबसे बड़ी चिंता यह है कि कहीं किसान 26 जनवरी की तरह दिल्ली पर चढ़ाई करके कानून व्यवस्था की धज्जियां न उड़ा दें। ऊपर से बॉर्डर पर भीड़ बढ़ने के साथ ही कोरोना का खतरा बढ़ने की भी आशंका है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 26 जनवरी की घटना से दिल्ली पुलिस को जो सबक मिले हैं, उसे देखते हुए पुलिस अपनी तरफ से पूरी तैयारी रखेगी।

किसान नेताओं ने किया काला झंडा फहराने का ऐलान
उधर, किसानों ने भी पुलिस और प्रशासन से जोर आजमाइश करने की पूरी तैयारी कर ली है। किसान नेता दिल्ली के बॉडरों पर काला झंडा फहरा कर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा कर चुके हैं। ऐसे में देखना होगा कि पुलिस उन्हें कई फुट ऊंचा काला झंडा फहराने की इजाजत देती है कि नहीं।

26 जनवरी के बाद से सब बंद
दरअसल इस साल 22 जनवरी को वार्ता विफल होने के बाद से लेकर अब तक सरकार और किसानों के बीच कोई बात नहीं हुई है। 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद पूरी तरह बातचीत का रास्ता एक तरह से बंद हो गया। इससे पहले 12 दौर की बातचीत नियमित अंतराल पर हुई थी।

2 जनवरी को सरकार ने भी कह दिया कि कानून को डेढ़ साल तक स्थगित करने के प्रस्ताव के बाद अब इससे आगे कुछ नहीं देंगे तो किसान संगठनों ने भी दो टूक कहा था कि कानून वापसी से कम की शर्त मंजूर नहीं। तब से ही बातचीत किस तरह शुरू हो इसे लेकर उलझन की स्थिति बनी हुई है।

12 विपक्षी दलों का काला दिवस को समर्थन
12 मुख्य विपक्षी दलों ने 26 मई को किसान संगठन की ओर से बुलाए गए प्रदर्शन को समर्थन दिया। समर्थन देने वालों में सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, स्टालिन, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और एचडी देवेगौड़ा जैसे नेता शामिल हैं। बाद में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया।

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