केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा चलाया गया आंदोलन अभी जारी है. केंद्र सरकार और किसानों की लगातार बातचीत हो रही हैं, ताकि कोई निर्णायक फैसला हो सके. लेकिन अभी तक किसानों और सरकार के बीच कोई निर्णायक बातचीत नहीं हुई है. वहीं 8 दिसंबर को किसान संगठनों द्वारा भारत बंद का ऐलान किया गया. जिसका असर काफी क्षेत्र में देखने को मिला.
आंदोलन की शुरूआत पंजाब और हरियाणा से हुई थी. जिसके बाद उत्तरप्रदेश के किसान भी इस आंदोलन के समर्थन में आ गए. जिसके बाद लगातार आंदोलन का आकार बढ़ता ही जा रहा है. अभी तक किसान आंदोलन पर आरोप लगाए जा रहे थे कि इस आंदोलन में सिर्फ हरियाणा और पंजाब के किसान संगठन ही शामिल हैं. लेकिन धीरे-धीरे उत्तरप्रदेश की तरफ से भी किसान आंदोलन का समर्थन किया गया है.
मध्यप्रदेश के किसान भी अब इन तीन कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन के समर्थन में कहीं कहीं प्रदर्शन कर रहे हैं. मध्यप्रदेश में कांग्रेस की तरफ से किसान आंदोलन को पूरा समर्थन दिया जा रहा है. 8 दिसंबर के भारत बंद का भी मध्यप्रदेश के कुछ किसानों की तरफ से समर्थन किया गया. धीरे धीरे यह आंदोलन मध्यप्रदेश में भी फैल रहा है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश प्रशासन की तरफ से पहले ही कदम उठाने शुरू कर दिए गए.
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मध्यप्रदेश के भोपाल में भी तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया. इसके अलावा भी कई जगह पर किसानों का किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन देखने को मिला. कांग्रेस की तरफ से मोदी सरकार पर आरोप लगाए गए कि सरकार किसानों की मांगों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है. सरकार अपनी हठधर्मीता पर अड़ी हुई है और किसानों के खिलाफ बने इन कानूनों को नहीं हटा रही. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी की तरफ से मध्यप्रदेश में पार्टी के जिला कार्यालयों पर प्रदर्शन किया गया.