मशहूर सूफी गायक प्यारेलाल वडाली को डॉक्टरों की पांच घंटे की मशक्कत भी नहीं बचा पायी

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गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने की वजह से मशहूर सूफी गायक प्यारेलाल वडाली का निधन हो गयाहार्ट अटैक के तुरंत बाद उन्हें अमृतसर में फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों की पांच घंटे की कोशिश भी उनकी जान बचाने में नाकामयाब रही. 75 वर्षीय प्यारेलाल वडाली ने शुक्रवार सुबह 4 बजे आखिरी सांस ली.

नामचीन हस्ती हैं वडाली ब्रदर्स

वडाली ब्रदर्स की आवाज़ के दीवाने न सिर्फ भारत में हैं बल्कि दुनिया के कई मुल्कों में वो कार्यक्रम करते रहे हैं. दोनों ने जालंधर के हरबल्ला मंदिर में परफॉर्म करना शुरू किया था. दोनों भाईयों की जोड़ी काफियां, गज़ल और भजन जैसी कई तरह की गायकी करते थे. प्यारेलाल वडाली 75 साल के थे. रिपोर्ट्स की मानें तो प्यारेलाल बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. प्यारेलाल को किडनी से संबंधित बीमारी थी.

निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव ले जाया गया. वहाँ पर उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. पंजाबी सूफी गानों के लिए महशूर वडाली ब्रदर्स में उस्ताद प्यारे लाल छोटे थे. उनके बड़े भाई का नाम पूरनचंद वडाली है. पूरनचंद वडाली को पद्मश्री अवॉर्ड भी मिला है. उन्होंने 25 सालों तक अखाड़े में पहलवानी की है. जबकि प्यारेलाल गांव की रासलीला में कृष्ण बनकर घर की आर्थिक मदद करते थे. वडाली ब्रदर्स का मशहूर पटियाला घराने से भी ताल्लुक रहा. बता दें कि पटियाला घराने के उस्ताद बड़े गुलाम अली थे.

pyare laal vadali -

शानदार रहा करियर

वडाली ब्रदर्स का गाना ‘तू माने या ना माने’ आज भी लोगों को याद है. फ़िल्म ‘तनु वेड्स मनु’ में वडाली ब्रदर्स का गाना ‘ऐ रंग रेज़ मेरे’ बॉलीवुड में हिट रहा था. वडाली ब्रदर्स तू माने या न माने, हीर और याद पिया की जैसे सूफी गानों के लिए याद किए जाते हैं. इस जोड़ी ने कई भजन भी गाए हैं. वडाली ब्रदर्स को उनके काम के लिए 1992 में संगीत नाटक अकादमी का प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया. 1998 में उन्हें तुलसी अवॉर्ड दिया गया था.

कहा जाता है कि वडाली ब्रदर्स शुरू में फिल्मों में गाना नहीं चाहते थे. लेकिन बहुत बाद में उन्होंने कई बॉलीवुड के लिए भी गाया. कई गानों के लिए वडाली ब्रदर्स मशहूर भी हुए. इसमें रंगरेज मेरे (तनु वेड्स मनु, 2011), तू ही तू ही (मौसम, 2011),  दर्दा मारेया (पिंजर, 2003) और चेहरा मेरे यार का (धूप, 2003) शामिल है.

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और विधायक मनजिंदर सिरसा ने ट्विटर के ज़रिये प्यारेलाल वडाली के निधन पर दुख जताया.