इस वजह से लाफिंग बुद्धा को शुभ माना जाता है

1317

आपने अक्सर लोगों के घरों और ऑफिस में लाफिंग बुद्धा को रखे देखा होगा. कभी पोटली के साथ, कभी टोकरी के साथ, कभी  दोनों हाथों को ऊपर किए हुए, कई बार बहुत सारे हाथों वाला, कभी  हाथों में माला लिए हुए, ऐसे कई अलग-अलग आकार और प्रकार के लाफिंग बुद्धा को लोग अपने पास रखते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं इतना प्रिय लाफिंग बुद्धा है कौन? और ये कहां से आए हैं?  आखिर लोग क्यों इस हसंते हुए गोल-मोल आदमी की मूर्ति को गुड लक लाने के लिए रखते हैं?

बौद्ध धर्म में ऐसा माना जाता है कि जिसने भी ज्ञान की प्राप्ति कर ली, वह बौद्ध कहलाता है. इस धर्म में ज्ञान की प्राप्ति के लिए लोग सारी सांसारिक मोह-माया छोड़कर ध्यान में लग जाते हैं.

महात्मा बुद्ध के कई शिष्य थे. उनमें से एक थे जापान के होतेई. ऐसा माना जाता है कि जब होतेई ने ज्ञान की प्राप्ति की तब वह ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगे. तभी से उन्होंने अपने जीवन का एकमात्र उद्देश्य बनाया लोगों को हंसाना और खुश देखना. होतेई जहां भी जाते वहां लोगों को हंसाते. इसी वजह से जापान और चीन में लोग उन्हें हंसता हुआ बुद्धा बुलाने लगे. अंग्रेजी में जिसका अर्थ है लाफिंग बुद्धा. बाकि बौद्ध गुरुओं की ही तरह लाफिंग बुद्धा के भी अनुयायियों ने उनके एकमात्र उद्देश्य को देश-दुनिया में फैलाया.

चीन में लाफिंग बुद्धा के अनुयायियों ने इस कदर प्रचार किया कि वहां के लोग लाफिंग बुद्धा को भगवान मानने लगे. वहां लोग इनकी मूर्ति को गुड लक के तौर पर घरों में रखने लगे. जिस प्रकार भारत में कुबेर को धन के देवता माना जाता है ठीक उसी तरह चीन में लाफिंग बुद्धा को सब कुछ माना जाता है.