Explosions on Sun: सूर्य की सतह पर कैसे होता है चुंबकीय विस्फोट? NASA ने सुलझाया 60 साल पुराना रहस्य

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Explosions on Sun: सूर्य की सतह पर कैसे होता है चुंबकीय विस्फोट? NASA ने सुलझाया 60 साल पुराना रहस्य

Explosions on Sun: सूर्य की सतह पर कैसे होता है चुंबकीय विस्फोट? NASA ने सुलझाया 60 साल पुराना रहस्य

वॉशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने सूर्य पर होने वाले चुंबकीय विस्फोट के रहस्य को सुलझा लिया है। इसके जरिए अब यह जाना जा सकेगा कि सूर्य पर विस्फोट कैसे होते हैं। इतना ही नहीं, वैज्ञानिक पृथ्वी को प्रभावित करने वाले भू-चुंबकीय विस्फोट और सोलर फ्लेयर्स की भविष्यवाणी करने में भी सक्षम होंगे। मैग्नेटिक रीकनेक्शन नाम की एक विस्फोट की प्रक्रिया सोलर फ्लेयर्स को पैदा करती है। ये सोलर फ्लेयर्स इतनी शक्तिशाली होती हैं कि कुछ ही मिनटों में सूर्य से निकली इनकी संख्या पूरी पृथ्वी को 20 साल तक बिजली देने के जितना पर्याप्त ऊर्जा पैदा कर सकती हैं।

प्रक्रिया को समझने में वैज्ञानिकों को लगे 60 साल
इस प्रक्रिया को समझने में नासा के वैज्ञानिकों ने 60 साल से अधिक का समय बिताया है। जिसके बाद नासा के मैग्नेटोस्फेरिक मल्टीस्केल मिशन (एमएमएस) की टीम ने एक ऐसे सिद्धांत को विकसित किया है जो बताता है कि मैग्नेटिक रीकनेक्शन कैसे होता है और यह लगातार एक ही गति को कैसे बनाए रखता है। मैग्नेटिक रीकनेक्शन कई तरह के होते हैं। इसके एक स्पेशल वेरिएंट को फॉस्ट रीकनेक्शन के नाम से जाना जाता है। इससे आने वाले दिनों में सूर्य को लेकर वैज्ञानिकों की समझ और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है। नासा के वैज्ञानिक इस सिद्धांत को लेकर भविष्य में कुछ नया करने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं।

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क्या होता है मैग्नेटिक रीकनेक्शन
मैग्नेटिक रीकनेक्शन को हिंदी में चुंबकीय पुन: संयोजन कहते हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो प्लाज्मा में होती है। इससे सूर्य की सतह से एक ऊर्जावान, रल पदार्थ जैसी सामग्री तेजी से बाहर निकलती है, जो चुंबकीय क्षेत्रों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती है। सूर्य पर पैदा होने से लेकर, पृथ्वी के नजदीक के अंतरिक्ष, ब्लैक होल और पूरे ब्रह्मांड में प्लाज्मा मैग्नेटिक रीकनेक्शन से गुजरते हैं, जो तेजी से चुंबकीय ऊर्जा को गर्मी और त्वरण (Acceleration) में बदल देती है।

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नेचर्स कम्युनिकेशंस फिजिक्स जर्नल पब्लिश हुई रिसर्च
मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में एमएमएस के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट और रिसर्च साइंटिस्ट बारबरा जाइल्स ने कहा कि हम कुछ समय से जानते हैं कि फॉस्ट रीकनेक्शन एक निश्चित दर पर होता है, जो काफी स्थिर लगता है। वह दर अब तक एक रहस्य रही है। नेचर्स कम्युनिकेशंस फिजिक्स जर्नल में एक पेपर में प्रकाशित नए शोध में बताया गया है कि विशेष रूप से एक टकराव रहित प्लाज्मा में कितनी तेजी से मैग्नेटिक रीकनेक्शन होता है। टकराव रहित प्लाज्मा एक ऐसा प्रकार है, जिसके कण इतने ज्यादा फैले होते हैं कि उनमें आपस में कोई टक्कर नहीं होती है।

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वैज्ञानिकों ने साबित कर दिखाया सिद्धांत
नासा की टीम ने हॉल इफेक्ट नामक एक सामान्य चुंबकीय प्रभाव का उपयोग करते हुए इस सिद्धांत को साबित करते भी दिखाया है। हॉल इफेक्ट एक सामान्य चुंबकीय घटना है, जो जमर्रा की तकनीक में उपयोग की जाती है। जैसे- गाड़ियों के पहियों का स्पीड सेंसर, 3 डी प्रिंटर, जहां सेंसर स्पीड, नजदीकी, स्थिति या इलेक्ट्रिक करेंट को मापते हैं।



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