Exclusive : पशुपति पारस की अगुवाई में 5 दिन से चल रही थी LJP सांसदों की बैठक, दीवार पर लिखी इबारत पढ़ने से चूके चिराग… पढ़िए इनसाइड स्टोरी h3>
हाइलाइट्स:
- NBT बिहार पर धमाकेदार एक्सक्लूसिव जानकारी
- पशुपति पारस की अगुवाई में 5 दिन से चल रही थी LJP सांसदों की बैठक
- दीवार पर लिखी इबारत पढ़ने से चूके चिराग
- पढ़िए LJP में टूट की प्रमाणित और सही खबर
पटना:
क्या चिराग पासवान का ओवर कॉन्फिडेंस उन्हें ले डूबा? क्या चिराग पासवान का परिवार यानि पारस पर भरोसा करना उनके इतने बड़े नुकसान की वजह बना? या फिर दीवार पर लिखी इबारत पढ़ने में चूक गए चिराग पासवान? एलजेपी सांसद की बातों को सुनें तो यही लगता है कि चिराग को इन तीन सवालों के जवाब ने बड़ा नुकसान पहुंचाया क्योंकि तीनों के जवाब ‘हां’ में हैं। एलजेपी के नवादा सांसद चंदन सिंह ने NBT को इस घमासान की पूरी कहानी बयां की है।
पांच दिन से चल रही थी LJP के 5 सांसदों की बैठक
जी हां, ये बिल्कुल सच है। पशुपति कुमार पारस की अगुवाई में पिछले 5 दिनों से LJP सांसदों की बैठक चल रही थी। खुद नवादा सांसद चंदन सिंह ने NBT बिहार को इसकी पुष्टि की है। सुनिए क्या बताया है उन्होंने…
सवाल- सांसद महोदय, कल और आज पार्टी में जो कुछ भी हुआ उस पर आप क्या कहेंगे?
चंदन कुमार, LJP सांसद- पार्टी में कुछ भी नहीं हुआ। बस हमलोगों ने जो फैसला लिया, सारे सांसदगण और कार्यकर्ता थे पार्टी के। पांच दिन से बैठक चल रही थी। बैठक में फैसला लिया गया कि हमारी जो विचारधारा है और हमारे अभिभावक स्वर्गीय रामविलास पासवान की जो विचारधारा थी, उस पर ही हमें काम करना चाहिए। हम जो NDA के सांसद हैं, हमलोग NDA विचारधारा के लोगों के वोट से जीतकर सदन में आए हैं। हमलोगों ने फैसला लिया कि जिस गठबंधन के नाम पर हमें वोट मिले हम उसी गठबंधन में रहेंगे और बिहार का विकास करेंगे।
सवाल- आपके भाई सूरजभान सिंह कहते थे कि वो रामविलास पासवान को अपना गार्जियन मानते हैं…
चंदन कुमार, LJP सांसद- हमलोग रामविलास पासवान को गार्जियन मानते हैं। हम आज भी एलजेपी में हैं और कल भी रहेंगे।
सवाल- चिराग पासवान भी सूरजभान जी को अपना गार्जियन मानते हैं। उनको मनाएंगे?
चंदन कुमार, LJP सांसद- अब जो है हमने क्या कही, विचारधारा की बात। तो NDA विचारधारा के लोगों ने वोट देकर हमें संसद भवन भेजने का काम किया है। अब NDA की जो विचारधारा है चाहे बिहार के मुख्यमंत्री विकासपुत्र नीतीश कुमार जी हों या देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी। हम उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, जनता की सेवा करना चाहते हैं। उसी सोच के साथ जनता ने हमें सदन में भेजने का काम किया है।
Bihar Politics : देखिए कैसे चाचा पशुपति ने चिराग के साथ 24 घंटे में कर दिया खेल, ये है अंदर की असली बात
आज भी हमलोगों ने कुछ ज्यादा नहीं किया है। हमलोगों ने बस इतना किया… जैसे चाहे जो भी पार्टी हो चाहे जदयू हो, बीजेपी हो, कांग्रेस हो या और भी कोई पार्टी, साल दो साल में अपना अध्यक्ष बदलता है। हमलोगों ने भी फैसला लिया और पशुपति कुमार पारस जी को अपना नया अध्यक्ष बनाने का काम किया है। हमने कहां कुछ गलत किया, आप बताइए।
सवाल- हम सही-गलत की बात नहीं कर रहे? ये तो राजनीति की एक प्रक्रिया होती है। हम तो ये जानना चाहते हैं कि क्या चिराग को साथ लाने की कोशिश की जा रही है?
चंदन कुमार, LJP सांसद- चिराग जी तो पार्टी में हैं हीं। साथ में हैं ही चिराग जी। उनको बाहर कहां निकाला गया है। हमलोग भी लोक जनशक्ति पार्टी में हैं और चिराग भी। सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष बदले हैं। हम तो स्वर्गीय रामविलास पासवान जी की विचारधारा पर काम कर रहे हैं।
Bihar Politics : एलजेपी के बाद अब कांग्रेस पर JDU की नजर! सुनिए, क्या कहा राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने
दीवार पर लिखी थी इबारत, पढ़ नहीं पाए चिराग
यानि इन सवालों के जवाब को सुनें तो ये साफ पता चलता है कि चिराग ने अपने घर यानि चाचा की नाराजगी को ही लगातार नजरअंदाज किया। शायद यही वजह थी कि उन्हें बताए बगैर उन्हीं की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कुर्सी से उतार दिया गया। पिता की तरह अगर चिराग थोड़ी भी दूरदर्शिता दिखाते तो वो दीवार पर लिखी इबारत को पढ़ने में चूकते नहीं। यही गलती उनपर भारी पड़ गई।
हाइलाइट्स:
- NBT बिहार पर धमाकेदार एक्सक्लूसिव जानकारी
- पशुपति पारस की अगुवाई में 5 दिन से चल रही थी LJP सांसदों की बैठक
- दीवार पर लिखी इबारत पढ़ने से चूके चिराग
- पढ़िए LJP में टूट की प्रमाणित और सही खबर
पटना:
क्या चिराग पासवान का ओवर कॉन्फिडेंस उन्हें ले डूबा? क्या चिराग पासवान का परिवार यानि पारस पर भरोसा करना उनके इतने बड़े नुकसान की वजह बना? या फिर दीवार पर लिखी इबारत पढ़ने में चूक गए चिराग पासवान? एलजेपी सांसद की बातों को सुनें तो यही लगता है कि चिराग को इन तीन सवालों के जवाब ने बड़ा नुकसान पहुंचाया क्योंकि तीनों के जवाब ‘हां’ में हैं। एलजेपी के नवादा सांसद चंदन सिंह ने NBT को इस घमासान की पूरी कहानी बयां की है।
पांच दिन से चल रही थी LJP के 5 सांसदों की बैठक
जी हां, ये बिल्कुल सच है। पशुपति कुमार पारस की अगुवाई में पिछले 5 दिनों से LJP सांसदों की बैठक चल रही थी। खुद नवादा सांसद चंदन सिंह ने NBT बिहार को इसकी पुष्टि की है। सुनिए क्या बताया है उन्होंने…
सवाल- सांसद महोदय, कल और आज पार्टी में जो कुछ भी हुआ उस पर आप क्या कहेंगे?
चंदन कुमार, LJP सांसद- पार्टी में कुछ भी नहीं हुआ। बस हमलोगों ने जो फैसला लिया, सारे सांसदगण और कार्यकर्ता थे पार्टी के। पांच दिन से बैठक चल रही थी। बैठक में फैसला लिया गया कि हमारी जो विचारधारा है और हमारे अभिभावक स्वर्गीय रामविलास पासवान की जो विचारधारा थी, उस पर ही हमें काम करना चाहिए। हम जो NDA के सांसद हैं, हमलोग NDA विचारधारा के लोगों के वोट से जीतकर सदन में आए हैं। हमलोगों ने फैसला लिया कि जिस गठबंधन के नाम पर हमें वोट मिले हम उसी गठबंधन में रहेंगे और बिहार का विकास करेंगे।
सवाल- आपके भाई सूरजभान सिंह कहते थे कि वो रामविलास पासवान को अपना गार्जियन मानते हैं…
चंदन कुमार, LJP सांसद- हमलोग रामविलास पासवान को गार्जियन मानते हैं। हम आज भी एलजेपी में हैं और कल भी रहेंगे।
सवाल- चिराग पासवान भी सूरजभान जी को अपना गार्जियन मानते हैं। उनको मनाएंगे?
चंदन कुमार, LJP सांसद- अब जो है हमने क्या कही, विचारधारा की बात। तो NDA विचारधारा के लोगों ने वोट देकर हमें संसद भवन भेजने का काम किया है। अब NDA की जो विचारधारा है चाहे बिहार के मुख्यमंत्री विकासपुत्र नीतीश कुमार जी हों या देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी। हम उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, जनता की सेवा करना चाहते हैं। उसी सोच के साथ जनता ने हमें सदन में भेजने का काम किया है।
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आज भी हमलोगों ने कुछ ज्यादा नहीं किया है। हमलोगों ने बस इतना किया… जैसे चाहे जो भी पार्टी हो चाहे जदयू हो, बीजेपी हो, कांग्रेस हो या और भी कोई पार्टी, साल दो साल में अपना अध्यक्ष बदलता है। हमलोगों ने भी फैसला लिया और पशुपति कुमार पारस जी को अपना नया अध्यक्ष बनाने का काम किया है। हमने कहां कुछ गलत किया, आप बताइए।
सवाल- हम सही-गलत की बात नहीं कर रहे? ये तो राजनीति की एक प्रक्रिया होती है। हम तो ये जानना चाहते हैं कि क्या चिराग को साथ लाने की कोशिश की जा रही है?
चंदन कुमार, LJP सांसद- चिराग जी तो पार्टी में हैं हीं। साथ में हैं ही चिराग जी। उनको बाहर कहां निकाला गया है। हमलोग भी लोक जनशक्ति पार्टी में हैं और चिराग भी। सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष बदले हैं। हम तो स्वर्गीय रामविलास पासवान जी की विचारधारा पर काम कर रहे हैं।
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दीवार पर लिखी थी इबारत, पढ़ नहीं पाए चिराग
यानि इन सवालों के जवाब को सुनें तो ये साफ पता चलता है कि चिराग ने अपने घर यानि चाचा की नाराजगी को ही लगातार नजरअंदाज किया। शायद यही वजह थी कि उन्हें बताए बगैर उन्हीं की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कुर्सी से उतार दिया गया। पिता की तरह अगर चिराग थोड़ी भी दूरदर्शिता दिखाते तो वो दीवार पर लिखी इबारत को पढ़ने में चूकते नहीं। यही गलती उनपर भारी पड़ गई।