Electricity Bill: दिल्लीवालों को अचानक क्यों मिल रहे हैं बिजली के बढ़े हुए बिल, समझें बिजली बिल का गणित h3>
विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः इस महीने जब लोगों को बिजली बिल मिल रहे हैं तो लोग इनको देखकर परेशान हो रहे हैं। बिल पिछले महीनों से अधिक हैं। दरअसल राजधानी में पीपीएसी (पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट) चार प्रतिशत तक बढ़ा दी गई है। इसकी वजह से लोगों के बिल भी कुछ अधिक आ रहे हैं।
लोगों के अनुसार, गर्मियों में पहले ही बिजली के बिल चार गुना तक बढ़ चुके हैं। द्वारका के शिवम त्रिपाठी ने बताया कि सर्दियों में उनका बिल लगभग शून्य आता है। लेकिन एसी चलने की वजह से इस बार गर्मियों में उनके बिल 3000 से 4000 रुपये के आसपास आता है। इस बार बिल 4800 रुपये के आसपास आ आया है। पुराने बिल से मिलान करने पर उन्हें पता चला कि पीपीएससी चार प्रतिशत तक अधिक लिया गया है। शिवम बीएसईएस के उपभोक्ता हैं।
लोगों के अनुसार, सरकार सीधे बिजली के बिल न बढ़ाकर अन्य चार्ज बढ़ा रही है। कुछ महीने पहले पेंशन के नाम पर चार्ज लगाया गया था। वहीं, पावर सेक्टर से जुड़े लोगों के मुताबिक केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने अपने नवंबर 2021 की गाइडलाइंस में सभी राज्यों को पीपीएसी की व्यवस्था लागू करने को कहा था। यह व्यवस्था इसलिए की गई, ताकि बिजली उत्पादन केंद्रों को वक्त पर भुगतान किया जा सके। फिलहाल पीपीएसी 25 से अधिक राज्यों और यूटी में लागू है। राजधानी में डीईआरसी (दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन) के दिशानिर्देशों के तहत पीपीएसी को अमल में लाया जा रहा है।
क्या है PPAC
जब बिजली खरीद की कीमतों में अचानक वृद्धि होती है, तब डिस्कॉम को पीपीएसी यानी पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट लेने की अनुमति दी जाती है। हाल के वक्त में बिजली उत्पादन केंद्रों में बन रही बिजली की कीमतों में इजाफा हुआ। दरअसल बिजली उत्पादन के लिए देसी कोयले के साथ इंपोर्टेड कोयला मिलाने की भी जरूरत होती है। महंगे इंपोर्टेड कोयले की वजह से बिजली उत्पादन की लागत में बढ़ोतरी हुई। इसके अलावा गैस की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई और साथ ही पावर एक्सचेंज में भी बिजली की कीमतों में इजाफा हुआ। इन कारणों से डिस्कॉम्स को अधिक कीमतों पर बिजली उपलब्ध हुई। इसी की वजह से दिल्ली में बिजली कंपनियों को पीपीएसी बढ़ाने की अनुमति दी गई है। पावर सेक्टर के जानकारों के मुताबिक, पीपीएसी से आए पैसे बिजली उत्पादन केंद्रों को दिए जाते हैं। बिजली कंपनियों के अनुसार यदि कीमतें और बढ़ेंगी तो पीपीएसी आगे भी बढ़ सकता है, कीमतें कम होने पर इसमें कमी भी की जाएगी।
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लोगों के अनुसार, सरकार सीधे बिजली के बिल न बढ़ाकर अन्य चार्ज बढ़ा रही है। कुछ महीने पहले पेंशन के नाम पर चार्ज लगाया गया था। वहीं, पावर सेक्टर से जुड़े लोगों के मुताबिक केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने अपने नवंबर 2021 की गाइडलाइंस में सभी राज्यों को पीपीएसी की व्यवस्था लागू करने को कहा था। यह व्यवस्था इसलिए की गई, ताकि बिजली उत्पादन केंद्रों को वक्त पर भुगतान किया जा सके। फिलहाल पीपीएसी 25 से अधिक राज्यों और यूटी में लागू है। राजधानी में डीईआरसी (दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन) के दिशानिर्देशों के तहत पीपीएसी को अमल में लाया जा रहा है।
क्या है PPAC
जब बिजली खरीद की कीमतों में अचानक वृद्धि होती है, तब डिस्कॉम को पीपीएसी यानी पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट लेने की अनुमति दी जाती है। हाल के वक्त में बिजली उत्पादन केंद्रों में बन रही बिजली की कीमतों में इजाफा हुआ। दरअसल बिजली उत्पादन के लिए देसी कोयले के साथ इंपोर्टेड कोयला मिलाने की भी जरूरत होती है। महंगे इंपोर्टेड कोयले की वजह से बिजली उत्पादन की लागत में बढ़ोतरी हुई। इसके अलावा गैस की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई और साथ ही पावर एक्सचेंज में भी बिजली की कीमतों में इजाफा हुआ। इन कारणों से डिस्कॉम्स को अधिक कीमतों पर बिजली उपलब्ध हुई। इसी की वजह से दिल्ली में बिजली कंपनियों को पीपीएसी बढ़ाने की अनुमति दी गई है। पावर सेक्टर के जानकारों के मुताबिक, पीपीएसी से आए पैसे बिजली उत्पादन केंद्रों को दिए जाते हैं। बिजली कंपनियों के अनुसार यदि कीमतें और बढ़ेंगी तो पीपीएसी आगे भी बढ़ सकता है, कीमतें कम होने पर इसमें कमी भी की जाएगी।