Eknath Shinde: बीएमसी चुनाव में शिंदे का धनुष बाण और उद्धव की मशाल? क्या समीकरण और कौन पड़ सकता भारी, जानें
एकनाथ शिंदे के साथ बाला साहेब का आशीर्वाद हैं क्योंकि शिंदे सही मायने में बालासाहेब के विचारों को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। जनता आगामी चुनाव में शिंदे-फडणवीस सरकार को एक बार फिर से भारी बहुमत से चुनकर लाएगी। वहीं उद्धव ठाकरे गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग एक एजेंट के रूप में काम कर रहा है। हमारी पार्टी मशाल चुनाव चिन्ह के साथ ही जनता के बीच जाएगी। दुबे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार में अगर हिम्मत है तो वह एक-दो महीने के भीतर चुनाव करवाएं। मुंबई की जनता उन्हें खुद बता देगी की वो किसके साथ है। हमे पूरा यकीन है कि जिस तरह से बीते तीस सालों से जनता ठाकरे परिवार को अपना समर्थंन दे रही है, वो इस बार भी कायम रहेगा
उद्धव को चुनाव में हराना आसान नहीं
महाराष्ट्र की राजनीति को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार सचिन परब ने बताया कि उद्धव ठाकरे की मुश्किलें अब और भी बढ़ेंगी। अब जब पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह सब कुछ एकनाथ शिंदे को मिल चुका है तो ठाकरे समर्थक कई नेता, विधायक और सांसद भी जल्द शिंदे गुट में शामिल होंगे। शिंदे गुट कुछ दिनों पहले यह कह रहा था कि कुछ और सांसद और विधायक उनके संपर्क में हैं। यह बात आने वाले दिनों में सच साबित हो सकती है। हालांकि, यह भी सच है कि उद्धव ठाकरे को बीएमसी चुनाव में हराना शिंदे और बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा।
संभव है कि इस बार उद्धव ठाकरे 80 से 90 की सीटों वाला करिश्मा न दिखा पाएं लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए उन्हें हल्के में लेने की बेवकूफी बीजेपी और शिंदे गुट नहीं करेगा। पार्टी के नाम चुनाव चिन्ह का फायदा शिंदे गुट को जरूर मिलेगा। यह बिल्कुल वैसे ही हालात हैं जब कांग्रेस से अलग होकर शरद पवार ने एनसीपी बनाई थी।