माना जाता है कि अच्छा सेक्स वह होता है जिसमें अधिक ऑर्गेज्म होता है, जबकि हकीकत यह है कि एक अच्छे और हेल्दी सेक्स लाइफ आपको और आपके पार्टनर को ऑर्गेज्म एक्सपीरियंस करना ज़रूरी नहीं है. आज हम आर्टिकल द्वारा कुछ ऐसे ही सेक्स लाइफ से जुड़े मिथकों के बारें में जानकारी देंगे….
स्वैच्छिक हो सेक्स
आज के समय में हम सब कुछ प्लानिंग और शेड्यूल बनाकर करते है और कई लोगों सेक्स के मामले में भी इस प्रकार की चीजों को प्लान करते है. सेक्स को शेड्यूल करना कोई गलत बात नहीं है, कई बार यह स्वैच्छिक भी होता है, लेकिन फायद तभी है जब इसको बिना शेड्यूल किये किया जाए. क्योंकि आप यह नहीं जान सकते है कि कब आपके पार्टनर का मूड बदल जाए.
लॉन्ग और स्लो सेक्स होता है बढ़िया
अपने पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए सही समय का इंतजार न करें. क्योंकि कभी-कभी सही समय का इंतजार आपके लिए भारी साबित हो सकता है. तो बेहतर यह है कि जब आपका और आपके पार्टनर का मूड बने तभी इसका फायदा उठा ले. सेक्स न आपको एनर्जी को बढ़ता है, बल्कि आपको ऐक्टिव भी बनाता है.
जब दोनों ही पार्टनर का होगा मूड तभी बनेगा कम
आंकड़ों के मुताबिक, ज़्यादातर वक्त में दोनों ही पार्टनर्स सेक्स के मूड में नहीं नजर आते है, और यह ठीक भी है. जरूरी नहीं है हर बार दोनों ही पार्टनर अच्छे मूड में हो, लेकिन अगर ऐसा दोनों ही पार्टनर सेक्स के मूड में ज्यादा नहीं होते है तो यह चिंता की बात साबित हो सकती है. ऐसे में आपको डॉक्टर की सलाह जरुर लेनी चाहिए.
हफ्ते में दो बार सेक्स आवश्यक ही करें
कई लोगों मानते है कि हेल्दी सेक्स लाइफ के लिए हफ्ते में तीन बार सेक्स करना जरूरी है, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है. कपल कितनी बार और कब सेक्शुल रिलेशन बनाते हैं यह मायने नहीं रखता. मायने यह रखता है कि उस दौरान पार्टनर्स को कितना एक्साइटमेंट और प्लेज़र मिला.