सरदार पटेल लौह पुरूष के नाम से जाने जाते है। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1857 में हुआ था। सरदार पटेल भारत की राजनीति में बड़ा बदलाव करने के साथ ही देश की जनता के हित में सोचते थे। आइये इस मौके पर आपको लौह पुरूष के कुछ अनमोल वचन से रूबरू कराते है…..
लौह पुरूष के अनमोल वचन…..
- इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।
- यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करे की उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है।
- हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है। साथ ही उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारियां भी हैं।
- मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई भूखा ना हो ,अन्न के लिए आंसू बहता हुआ।
- स्वतंत्र भारत में कोई भी भूख से नहीं मरेगा, इसके अनाज निर्यात नहीं किये जायेंगे। कपड़ों का आयात नहीं किया जाएगा, इसके नेता ना विदेशी भाषा का प्रयोग करेंगे ना किसी दूरस्थ स्थान, समुद्र स्तर से 7000 फुट ऊपर से शाशन करेंगे। इसके सैन्य खर्च भारी नहीं होंगे। इसकी सेना अपने ही लोगों या किसी और की भूमी को अधीन नहीं करेगी। इसके सबसे अच्छे वेतन पाने वाले अधिकारी इसके सबसे कम वेतन पाने वाले सेवकों से बहुत ज्यादा नहीं कमाएंगे, यहाँ न्याय पाना ना खर्चीला होगा ना कठिन होगा।
- आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये।
- एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जबतक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।