डबल म्यूटंट का सफाया करने में कारगर है कोवैक्सिन, वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमण के मामले हुए कम

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डबल म्यूटंट का सफाया करने में कारगर है कोवैक्सिन, वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमण के मामले हुए कम

हाइलाइट्स:

  • कोविड19 संक्रमण को रोकने में 78 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है कोवैक्सिन
  • तीसरे चरण के अध्ययन में 25,800 प्रतिभागियों को शामिल किया गया
  • वैक्सीन लगाने के बाद देश में संक्रमण के मामले सामने आए लेकिन कम

नई दिल्ली
देसी वैक्सीन कोवैक्सिन को लेकर दावा किया गया है कि यह देश में सामने आए दोहरे बदलाव वाले डबल म्यूटेंट वायरस के खिलाफ भी कारगर है। इसके अलावा कोरोना के कई विदेशी वैरिएंट्स से भी बचाती है। कोवैक्सिन को लेकर यह दावा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने बुधवार को किया। बता दें कि भारत समेत कई देशों में कोवैक्सिन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। वहीं 60 अन्य देशों में मंजूरी के लिए बात चल रही है।

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ब्रिटेन, ब्राजील वाले वायरस के खिलाफ भी करती है बचाव
आईसीएमआर ने कहा कि जांच में पाया गया कि कोवैक्सिन ब्रिटेन, ब्राजील में पाए गए कोरोना वायरस से भी बचाव करती है। इसी तरह का प्रयोग देश में पाए गए डबल म्यूटेंट वायरस के साथ भी किया गया और नतीजे सकारात्मक रहे। बता दें कि कोवैक्सिन तीसरे फेज के अपने अंतरिम ट्रायल में हल्के से गंभीर कोविड19 संक्रमण को रोकने में 78 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है।

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अस्पताल में भर्ती होने जरूरत 100 प्रतिशत तक कम
वहीं इसे लेने के बाद इस संक्रामक बीमारी के कारण व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने जरूरत 100 प्रतिशत तक कम हो जाती है। कोवैक्सिन के तीसरे चरण के अध्ययन में 25,800 प्रतिभागियों को शामिल किया गया जिनकी उम्र 18 से 98 साल थी। असर का आकलन दूसरी खुराक देने के 14 दिन बाद किया गया। भारत बॉयोटेक के चेररमैन और प्रबंध निदेशक कृष्ण एला ने कहा, ‘सार्स-cov-2 के विरुद्ध इसके प्रभावी होने की बात स्थापित हुई है। कोवैक्सीन ने क्लिनिकल ट्रायल और इमरजेंसी इस्तेमाल के तहत बेहतर सुरक्षा देने की क्षमता दिखाई है।

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दोनों डोज के बाद भी संक्रमण लेकिन गंभीर नहीं
सरकार ने माना है कि कोरोना से बचने की वैक्सीन लगाने के बाद भी देश में संक्रमण के मामले सामने आए हैं, लेकिन इनकी संख्या बहुत ही कम है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बुधवार को कहा कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद अगर संक्रमण हो भी रहा है तो वह ज्यादा गंभीर नहीं है। इस समय देश में कोविशील्ड और कोवैक्सिन लगाई जा रही हैं।

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दोनों डोज लेने वाले महज 695 संक्रमित
डॉ. भार्गव के मुताबिक, कोवैक्सिन लेने वाले 1.1 करोड़ लोगों में से 93,56,436 ने इसकी पहली डोज लगाई और इनमें से 4,208 में कोरोना का संक्रमण हुआ। संक्रमण का यह प्रतिशत 0.04 है। 17,37,178 ने दोनों डोज लीं और इनमें से 695 संक्रमित हुए। यह प्रतिशत भी 0.04 है। उन्होंने बताया कि इसी तरह कोविशील्ड लगवाने वाले 11.6 करोड़ लोगों में से 10,03,02,745 ने इसकी पहली डोज ली और इनमें से 17,145 में संक्रमण हुआ।

महज 0.2 फीसदी लोग संक्रमण की चपेट में
यानी महज 0.02 लोग संक्रमण की चपेट में आए। इसी तरह 1,57,32,754 ने इसकी दूसरी डोज भी ली और इनमें से 5,014 संक्रमित हुए। यानी 0.03 प्रतिशत लोग संक्रमण की चपेट में आए। डॉ. भार्गव का कहना है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों में भी संक्रमण तो हुआ है, लेकिन यह गंभीर प्रकृति का नहीं पाया गया।

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