Corona Infection : क्या कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा सकता है सामान्य सर्दी-जुकाम? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
हाइलाइट्स:
- सामान्य सर्दी-जुकाम हो तो कोरोना वायरस का हमला बेअसर हो जाता है
- आम सर्दी-जुकाम वाले वायरस कोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षा तंत्र तैयार कर देता है
- इसकी पुष्टि एक नई शोध में हुई है जिसमें इंटरफेरोन उत्प्रेरित जीन का भूमिका अहम बताई जा रही है
नई दिल्ली
कोरोना वायरस और उसके संक्रमण से होने वाली कोविड-19 महामारी को लेकर लगातार रिसर्च हो रहे हैं और इन्हें लेकर नए-नए तथ्य भी सामने आ रहे हैं। वैज्ञानिकों और चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों में इन्हें रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर नए-नए दावे करने की होड़ मची है। अब यह दावा किया जा रहा है कि अगर आप आम सर्दी-जुकाम फैलाने वाले वायरस के संपर्क में आ गए तो वह आपको कोविड-19 बीमारी देने वाला वायरस सार्स-कोव-2 के हमले से रक्षा करेगा।
कैसे सुरक्षा देता है राइनोवायरस
यह रिसर्च रिपोर्ट जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल मेडिसिन में इसी हफ्ते प्रकाशित हुई है। इसमें कहा गया है कि श्वसन तंत्र का आम वायरस यानी राइनोवायरस तुरंत दूसरे वायरसों से सुरक्षा की प्रक्रिया शुरू कर देता है। यह काम इंटरफेरोन से उत्प्रेति जीन (Interferon-Stimulated Genes) करते हैं। राइनोवायरस से संक्रमित कोशिकाएं प्रतिक्रिया स्वरूप प्रोटीन समूह को रिलीज करती हैं जिन्हें इंटरफेरोन कहा जाता है। इस प्रोटीन समूह को इंटरफेरोन नाम इसकी इंटरफेयर (दखल देने) की क्षमता के कारण पड़ा है। ये प्रोटीन समूह संक्रमित सेल को दूसरे वायरस से सुरक्षा प्रदान करता है।
नई स्टडी का दावा
दरअसल, इंटरफेरोन उत्प्रेरित जीन प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System) में प्रारंभिक प्रतिक्रिया अणुओं को उत्प्रेरित करते हैं जिससे सर्दी-जुकाम से प्रभावित कोशिकाओं में सार्स-कोव-2 वायरस के प्रजनन रुक जाता है। यह सुरक्षा तंत्र बन जाने के बाद कोरोना वायरस हमला भी करे तो वह बेअसर साबित होता है। अमेरिका स्थित येल स्कूल ऑफ मेडिसिन की असिस्टेंट प्रफेसर एलन फॉक्समैन ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए इस तरकीब को अपनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसका एक तरीका तो यह हो सकता है कि मरीज का इंटरफेरोन के जरिए इलाज किया जाए जो दवा के रूप में भी उपलब्ध है। वो कहती हैं, “लेकिन यह सब टाइमिंग पर निर्भर करता है।”
इंटरफेरोन-उत्प्रेरित जीन का कमाल
पहले की स्टडी में पता चला है कि कोविड-19 महामारी से ग्रसित होने के कुछ दिनों बाद इंटरफेरोन की बहुत ज्यादा मात्रा इसलिए पाई जाती है क्योंकि तब तक बीमारी अपना भयावह रूप अख्तियार कर लेता है। रिपोर्ट कहती है कि ज्यादा मात्रा में इंटरफेरोन की उपस्थिति से इम्यून सिस्टम में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। हालांकि, ताजा अध्ययन में दावा किया गया है कि इंटफेरोन से उत्प्रेरित जीन, कोविड-19 संक्रमण के मामले में सुरक्षा प्रदान करने वाले भी साबित हो सकते हैं।
यूं किया गया रिसर्च
इसकी पुष्टि के लिए शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में निर्मित मानव श्वसन तंत्र के उत्तक (Human Airway Tissue) को राइनोवायरस से संक्रमित किया और पाया कि पहले तीन दिनों तक उत्तक में हर छठे घंटे वायरस की मात्रा दोगुनी हो जा रही है। हालांकि, इस दौरान उत्तक में कोविड-19 वायरस का प्रजनन बिल्कुल रुक गया। प्रफेसर फॉक्समैन ने कहा कि इस शोध से यह बताने में आसानी होगी कि आखिर सर्दी-जुकाम के सीजन में इन्फ्लुएंजा जैसे अन्य वायरसों से संक्रमण की दर बहुत कम क्यों हो जाती है।
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