जिले की सुरक्षा पर भारी पड़ सकते हैं शस्त्र के शौकीन

192

शासन स्तर पर शस्त्र लाइसेंस के लिए फरमान क्या जारी हुआ राजधानी में शौकीनों की बाढ़ आ गई। दो महीने के भीतर 10 हजार से अधिक लाइसेंस के लिए किए गए आवेदन कलक्ट्रेट के शस्त्र अनुभाग में जमा हो चुके हैं। आवेदकों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। असलहों के शौकीनों के चलते जिले की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।

Can be heavily burdened with security of the district 1 news4social -

 

आपराधिक दृष्टिकोण से भी इस समय राजधानी काफी संवेदनशील है। आए दिन लूट, चोरी व हत्या के अलावा खूनी संघर्ष जैसी वारदातें होती हैं। सुरक्षा की ²ष्टि से उपयोग में लाए जाने वाले शस्त्र जनपद में आम बात हो चुकी है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक बीते वर्ष 2017 तक जिले में करीब 56 हजार से अधिक शस्त्र हैं। अब शासन की ओर से फिर से शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाने की कवायद चल रही है। इसके बाद से शस्त्र शौकीनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जिनके पास शस्त्र हैं, वह दूसरा शस्त्र लेने के लिए आवेदन कर रहे हैं। कइयों के पास तो दो या तीन से भी अधिक असलहे हैं लेकिन उनकी चाहत इस बार भी खत्म नहीं हो रही है। गौर करने वाली बात तो यह है कि हर दिन फरियादियों के शिकायती पत्र से ज्यादा तो शस्त्र आवेदन की फाइल देखने को मिल रही है। इसे लेकर कलक्ट्रेट के शस्त्र अनुभाग मौजूद संबंधित कर्मी भी काफी परेशान हैं। उनका अन्य सरकारी कार्य प्रभावित हो रहा है।

असलहे अब लगने लगे बोझ

थाने से लेकर कलेक्टर तक दौड़ भाग। सिफारिश। तब कहीं मिल पाता है एक शस्त्र लाइसेंस। स्टेटस सिंबल बन चुके लाइसेंसी हथियार के लिए दो माह में ही 10 हजार से ज्यादा आवेदन जमा हुए हैं। तस्वीर का दूसरा पहलू कुछ और ही हकीकत बयां करता है। कभी बदमाशों से परिवार की सुरक्षा को लिए गए असलहों से नई पीढ़ी का मोह भंग हो रहा है। सैकड़ों असलहा सालों से थाने में ही पड़े हैं। रिन्युअल तक नहीं करा रहे। प्रशसन से मिले जवाब में यह स्थिति सामने आयी है सैकड़ों ऐसे लोग हैंए जिनका अपने ही लाइसेंसी असलहा से मोहभंग हो गया। खास तौर पर विरासत वाले शस्त्रों को लाइसेंसधारकों ने थानों में जमा कराने के बाद सुध ही नहीं ली।

कोट

इन दिनों कलेक्ट्रेट के शस्त्र अनुभाग में 10 हजार से अधिक आवेदन की फाइल डंप पड़ी हुई हैं। ऐसी परिस्थिति में माना जा रहा है कि शस्त्र के लिए आवेदन करने वाले शौकीन जिले की सुरक्षा पर भारी पड़ सकते हैं। शासन से अनुमति मिलने के बाद तमाम लोगों ने आवेदन किया है लेकिन अभी तक किसी को अनुमति नहीं दी है। आगे किसी को देंगे तो उसकी सुरक्षा या जरूरत देखकर दिया जाएगा। शौकिया असलहा लेने वालों को लाइसेंस नहीं दिया जाएगा।