Black Fungus in Noida: नोएडा जिला अस्पताल में खुला ब्लैक फंगस क्लिनिक, दवा के लिए बनी 3 सदस्यों की कमिटी
कोरोना के बाद अब नोएडा में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में ब्लैक फंगस क्लिनिक की शुरुआत की गई है। हालांकि पहले दिन इस क्लिनिक में ब्लैक फंगस का एक भी मरीज नहीं आया है। जिले में अब तक इस बीमारी के 15 केस सामने आ चुके हैं।
गौरतलब है कि कोविड के बाद जिले में ब्लैक फंगस के करीब 10 पेशंट इस समय चार अस्पतालों में एडमिट हैं। इनमें 7 पेशंट यथार्थ, एक कैलाश और दो जिम्स में एडमिट हैं। इसके अलावा चार पेशंट की ब्लैक फंगस से मौत हो चुकी है। वहीं एक पेशंट को परिजनों ने गाजियाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में एडमिट कराया है। ब्लैक फंगस से निपटने के लिए सरकारी स्तर से कवायद शुरू हो गई है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए शासन स्तर से लखनऊ के एसजीपीजीआई के 12 डॉक्टरों की टीम जिला स्तरीय मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के स्टाफ को ब्लैक फंगस के खिलाफ लड़ाई में ज्ञान दे रही है। प्रत्येक डॉक्टर को बताया जा रहा है कि ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने पर किसी तरह की लापरवाही ना बरती जाए। तुरंत इलाज शुरू किया जाए।
ब्लैक फंगस के एक पेशंट के लिए भी पर्याप्त नहीं जिले को मिला कोटा
शासन की ओर से जिले में ब्लैक फंगस के पेशंट के लिए इंजेक्शन के छह डोज का कोटा दिया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, एक पेशंट को सात से दस इंजेक्शन लगाए जाते हैं। ऐसे में जिले को मिले इस कोटे से एक पेशंट का भी पूरी तरह से इलाज हो पाना संभव नहीं है। प्रदेश में करीब 500 इंजेक्शन की डोज में से गौतमबुद्धनगर को बेहद कम इंजेक्शन की डोज मिली है। बताया जा रहा है कि लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी में अधिक इंजेक्शन का कोटा शासन से दिया गया है।
जिले में ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रकोप के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने इससे पीड़ित मरीजों की गिनती शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक जिले में 22 ब्लैक फंगस के पेशंट मिले हैं। इन पेशंट को इलाज के लिए दवा नहीं मिल पा रही है। शासन की ओर से जिम्स को दो इंजेक्शन दिए गए थे, जिम्स ने उन्हें अन्य पेशंट को देने से इनकार कर दिया है।
जिले में इस बीमारी की दवाएं उपलब्ध कराने के लिए मंडल स्तर पर 3 सदस्यीय टीम गठित की गई है। टीम में मेरठ मंडल कमिश्नर, अडिशनल डायरेक्टर हेल्थ और एक मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। टीम के वेरिफिकेशन करने के बाद ही जिले के सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में एडमिट पेशंट को ब्लैक फंगस की दवा मिल सकेगी। हालांकि शासन स्तर से दवा कब तक जिले में पहुंचेगी इसकी जानकारी अभी किसी के पास नहीं है। सीएमओ ऑफिस के स्टोर इंचार्ज डॉ संजीव मांगलिक ने बताया कि अभी तक ब्लैक फंगस की कोई दवा नहीं मिली है।
क्या कहते हैं अधिकारी
सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी का कहना है, ‘जिले में ब्लैक फंगस के पेशंट को दवा मुहैया करानी की जानकारी सीनियर अफसरों को दे दी गई है। शासन स्तर से 40 मरीजों के लिए दवा मंगाई जाएगी। दवा मिलने के बाद ही ब्लैक फंगस के पेशेंट का इलाज मिल सकेगा।’
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