Birbhum Violence: बीरभूम जिले के रामपुरहाट में 40 देसी बम बरामद, हर एंगल से जांच में जुटी बंगाल पुलिस h3>
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक बार फिर सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिले में रामपुरहाट के मारग्राम में 40 देसी बम (40 Crude Bombs Recovered in Margram) बरामद हुए हैं। कच्चे बमों को 4 बाल्टियों में छिपाकर एक निर्माणाधीन घर के पिछले हिस्से में रखा गया था। बीरभूम के एसपी नागेंद्र नाथ त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी गई है।
दरअसल पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित बोगतुई गांव में इस सप्ताह के शुरु में आठ लोगों की हत्या के बाद यहां सन्नाटा पसरा हुआ है। हिंसा के डर से जिले में रामपुरहाट कस्बे के पास स्थित इस गांव से कई ग्रामीण अज्ञात स्थानों पर भाग गए। तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता भादू शेख की हत्या के एक दिन बाद मंगलवार को यहां आठ लोगों को जिंदा जला दिया गया था और इसके लेकर लोगों के मन में हिंसा का दौर शुरू होने का डर है।
नरसंहार की यह घटना गांव के पूरबापाड़ा में हुई थी। इस घटना के बाद ना सिर्फ इस बस्ती के ज्यादातर लोग बल्कि पड़ोसी पश्चिमपाड़ा और मायेरपाड़ा बस्तियों के ज्यादातर लोग भी भाग गए। इलाके में स्थित एक मात्र सरकारी स्कूल सूना पड़ा हुआ है और आंगनवाड़ी केंद्र में सन्नाटा पसरा हुआ है। घटनास्थल के आसपास स्थित रिजाउल शेख, बाबर आलम, पिंटू शेख, नूर शेख और सद्दाम अली मुल्ला के घरों में ताला लगा हुआ है, जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 24 मार्च को गांव का दौरा कर उन्हें पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया था।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम में मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस का लाठीचार्ज
आसपास केवल एक महिला दिखी जो भोजन तैयार कर रही थी। वह सोनू शेख के मामा शाह आलम शेख की पत्नी हैं। दरअसल सोनू का घर जला दिया गया था और वहां से सात झुलसे हुए शव बरामद किए गए थे। शाह आलम ने बताया कि हमें नहीं पता कि वे लोग कहां भाग गये हैं। उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचा था। यहां तक कि मेरे बेटे भी यहां नहीं है। वे गांव के बाहर मेरे रिश्तेदार के यहां रह रहे हैं।
नरसंहार के प्रत्यक्षदर्शी आलम ने कहा कि मैं केवल यह कह सकता हूं कि यह प्रतिशोध में की गई हत्याएं थी। हमने घर के अंदर से सबकुछ देखा। हम सोनू के घर की ओर एक भीड़ के बढ़ने और बम की आवाज सुनकर अपने घर के अंदर छिप गए। आलम ने घटना की जांच सीबीआई को सौंपने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत किया। गांव में कम से कम 15 घरों की पहरेदारी एक बड़ी पुलिस टुकड़ी कर ही है। गांव की आबादी करीब 7,000 है।
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नरसंहार की यह घटना गांव के पूरबापाड़ा में हुई थी। इस घटना के बाद ना सिर्फ इस बस्ती के ज्यादातर लोग बल्कि पड़ोसी पश्चिमपाड़ा और मायेरपाड़ा बस्तियों के ज्यादातर लोग भी भाग गए। इलाके में स्थित एक मात्र सरकारी स्कूल सूना पड़ा हुआ है और आंगनवाड़ी केंद्र में सन्नाटा पसरा हुआ है। घटनास्थल के आसपास स्थित रिजाउल शेख, बाबर आलम, पिंटू शेख, नूर शेख और सद्दाम अली मुल्ला के घरों में ताला लगा हुआ है, जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 24 मार्च को गांव का दौरा कर उन्हें पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया था।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम में मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस का लाठीचार्ज
आसपास केवल एक महिला दिखी जो भोजन तैयार कर रही थी। वह सोनू शेख के मामा शाह आलम शेख की पत्नी हैं। दरअसल सोनू का घर जला दिया गया था और वहां से सात झुलसे हुए शव बरामद किए गए थे। शाह आलम ने बताया कि हमें नहीं पता कि वे लोग कहां भाग गये हैं। उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचा था। यहां तक कि मेरे बेटे भी यहां नहीं है। वे गांव के बाहर मेरे रिश्तेदार के यहां रह रहे हैं।
नरसंहार के प्रत्यक्षदर्शी आलम ने कहा कि मैं केवल यह कह सकता हूं कि यह प्रतिशोध में की गई हत्याएं थी। हमने घर के अंदर से सबकुछ देखा। हम सोनू के घर की ओर एक भीड़ के बढ़ने और बम की आवाज सुनकर अपने घर के अंदर छिप गए। आलम ने घटना की जांच सीबीआई को सौंपने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत किया। गांव में कम से कम 15 घरों की पहरेदारी एक बड़ी पुलिस टुकड़ी कर ही है। गांव की आबादी करीब 7,000 है।