Bihar Shikshak Niyukti: Just a hut in the name of school video of new teacher joining goes viral – Bihar Shikshak Niyukti: स्कूल के नाम पर मात्र झोपड़ी, नई शिक्षका की ज्वॉइनिंग का वीडियो वायरल, करियर न्यूज h3>
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BPSC Teacher Recruitment Exam 2023: बिहार में इन दिनों शिक्षक भर्ती और नवनियुक्ति शिक्षकों की ज्वॉइनिंग का दौर चल रहा है। बीपीएससी ने जिस तरह से टीआरई-1 के जरिए भर्ती प्रक्रिया पूरी कर शिक्षकों को नियुक्ति दी है उसकी तारीफ हो रही है। साथ ही इससे सरकार की बेहतर कार्यप्रणाली को लेकर लोगों में उम्मीद जगी है। लेकिन इसी बीच कुछ ऐसी बातें भी सामने आ रही हैं जो आजादी के अमृत महोत्सव में भी पिछड़नेपन और दयनीयता को उजागर कर रही हैं। आप सोच सकते हैं कि देश अगले 25 सालों में एक विकसित राष्ट्र का दावा कर रहा हो तो स्कूलों की ऐसी दशा भला कहां हो सकती है? हाल में एक नवनियुक्ति स्कूल शिक्षिका एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है, जिसमें शिक्षिका स्कूल के नाम पर मात्र झोपड़ी में जमीन पर रखे रजिस्टर में अपना कार्यभार ग्रहण कर रही है।
बिहार में स्कूलों की दशा और पिछड़ेपन को बयां करती इस वीडियो को पत्रतकार उत्कर्ष सिंह ने एक्स पर दो दिन पहले शेयर किया है। इस वीडियो को अब तक 4 लाख से ज्यादा लोक देख चुके हैं और 5200 से ज्यादा लोंगों ने लाइक किया है। वीडियो पर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। कुछ लोग यूपी में भी ऐसे स्कूल होने का दावा कर रहे हैं तो कुछ नेताओं और राजनीति को कोशते नजर आ रहे हैं। वीडियो के साथ दी गई जानकारी में बताया गया है कि यह झोपड़ी का स्कूल पश्चिमी चंपारण जिले के गोबरही का प्राथमिक स्कूल है। उत्कर्ष सिंह ने लिखा कि 5419 सरकारी स्कूलों के पास कोई भवन नहीं है। यानी राज्य में झोपड़ी जैसे एक-दो स्कूल नहीं बल्कि हजारों भी अभी बिना भवन के चल रहे हैं।
1.70 लाख शिक्षक वैकेंसी में 1.2 लाख हुए थे सफल:
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने राज्य में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षकों के करीब 1.70 लाख पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया था। इन पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में कुल 1.20 लाख अभ्यर्थी ही सफल हुए थे। बीपीएससी टीआर रिजल्ट 26 अक्टूबर को जारी कर दिया गया था और शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटने का कार्य 2 नवंबर से शुरू हो गया था। अब तक करीब 90 फीसदी सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे जा चुके हैं जो अपने-अपने स्कूलों में पदभार ग्रहण कर रहे हैं।
1.22 लाख पदों के लिए चल रही आवेदन प्रक्रिया-
बीपीएससी के चेयरमैन अतुल प्रसाद ने नई शिक्षक भर्ती 2023 को ऐलान 4 नवंबर 2023 को किया था। आयोग अध्यक्ष ने बताया था कि नई बिहार शिक्षक भर्ती के लिए पंजीयन 5 नवंबर से 14 नवंबर तक और आवेदन 10 नवंबर से 25 नवंबर 2023 तक किए जा सकेंगे। रजिस्ट्रेशन तिथि बाद में 17 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी गई थी। आपको बता दे कि बीपीएससी की इस भर्ती में 70 हजार पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था जिसमें 50 हजार 600 से ज्यादा रिक्तियों को और जोड़ा गया है। यानी अब कुल 1.22 लाख पदों पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा।
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BPSC Teacher Recruitment Exam 2023: बिहार में इन दिनों शिक्षक भर्ती और नवनियुक्ति शिक्षकों की ज्वॉइनिंग का दौर चल रहा है। बीपीएससी ने जिस तरह से टीआरई-1 के जरिए भर्ती प्रक्रिया पूरी कर शिक्षकों को नियुक्ति दी है उसकी तारीफ हो रही है। साथ ही इससे सरकार की बेहतर कार्यप्रणाली को लेकर लोगों में उम्मीद जगी है। लेकिन इसी बीच कुछ ऐसी बातें भी सामने आ रही हैं जो आजादी के अमृत महोत्सव में भी पिछड़नेपन और दयनीयता को उजागर कर रही हैं। आप सोच सकते हैं कि देश अगले 25 सालों में एक विकसित राष्ट्र का दावा कर रहा हो तो स्कूलों की ऐसी दशा भला कहां हो सकती है? हाल में एक नवनियुक्ति स्कूल शिक्षिका एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है, जिसमें शिक्षिका स्कूल के नाम पर मात्र झोपड़ी में जमीन पर रखे रजिस्टर में अपना कार्यभार ग्रहण कर रही है।
बिहार में स्कूलों की दशा और पिछड़ेपन को बयां करती इस वीडियो को पत्रतकार उत्कर्ष सिंह ने एक्स पर दो दिन पहले शेयर किया है। इस वीडियो को अब तक 4 लाख से ज्यादा लोक देख चुके हैं और 5200 से ज्यादा लोंगों ने लाइक किया है। वीडियो पर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। कुछ लोग यूपी में भी ऐसे स्कूल होने का दावा कर रहे हैं तो कुछ नेताओं और राजनीति को कोशते नजर आ रहे हैं। वीडियो के साथ दी गई जानकारी में बताया गया है कि यह झोपड़ी का स्कूल पश्चिमी चंपारण जिले के गोबरही का प्राथमिक स्कूल है। उत्कर्ष सिंह ने लिखा कि 5419 सरकारी स्कूलों के पास कोई भवन नहीं है। यानी राज्य में झोपड़ी जैसे एक-दो स्कूल नहीं बल्कि हजारों भी अभी बिना भवन के चल रहे हैं।
1.70 लाख शिक्षक वैकेंसी में 1.2 लाख हुए थे सफल:
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने राज्य में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षकों के करीब 1.70 लाख पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया था। इन पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में कुल 1.20 लाख अभ्यर्थी ही सफल हुए थे। बीपीएससी टीआर रिजल्ट 26 अक्टूबर को जारी कर दिया गया था और शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटने का कार्य 2 नवंबर से शुरू हो गया था। अब तक करीब 90 फीसदी सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे जा चुके हैं जो अपने-अपने स्कूलों में पदभार ग्रहण कर रहे हैं।
1.22 लाख पदों के लिए चल रही आवेदन प्रक्रिया-
बीपीएससी के चेयरमैन अतुल प्रसाद ने नई शिक्षक भर्ती 2023 को ऐलान 4 नवंबर 2023 को किया था। आयोग अध्यक्ष ने बताया था कि नई बिहार शिक्षक भर्ती के लिए पंजीयन 5 नवंबर से 14 नवंबर तक और आवेदन 10 नवंबर से 25 नवंबर 2023 तक किए जा सकेंगे। रजिस्ट्रेशन तिथि बाद में 17 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी गई थी। आपको बता दे कि बीपीएससी की इस भर्ती में 70 हजार पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था जिसमें 50 हजार 600 से ज्यादा रिक्तियों को और जोड़ा गया है। यानी अब कुल 1.22 लाख पदों पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा।